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रुपरेखा : प्रस्तावना - विश्व क्षयरोग दिवस 2021 - विश्व क्षयरोग दिवस का इतिहास - क्षय रोग किसे कहते है - क्षय रोग के लक्षण - क्षय रोग का संक्रमण कैसे होता है - क्षय रोग की जांच कैसे करें - क्षय रोग से बचने के उपाय - विश्व क्षय रोग दिवस का महत्व - विश्व क्षयरोग दिवस का उद्देश्य - उपसंहार।
प्रस्तावना -विश्व क्षयरोग दिवस को अंग्रेजी में 'World Tuberculosis (TB) Day' कहते है। हर साल 24 मार्च को पूरी दुनिया में क्षयरोग संक्रमित लोगों को जागरूक तथा उससे बचाव के बारे में लोगों तक संदेश पहुँचाने का कार्य के रूप में यह दिवस मनाया जाता है। क्षय रोग को फेफड़ों का रोग भी कहा जाता है । क्षयरोग एक खतरनाक रोग है जिसके बारे में कहा जाता है कि यदि इस क्षय रोग को प्रारंभिक अवस्था में रोका नहीं गया तो क्षय रोग के कारण व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है । क्षयरोग को कई नामों से जाना जाता है जैसे कि क्षयरोग, तपेदिक, यक्ष्मा आदि बीमारी क्षयरोग का रूप है ।
प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व भर में 'विश्व क्षयरोग दिवस' अथवा 'विश्व तपेदिक दिवस' अथवा 'विश्व टीबी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, 24 मार्च, बुधवार के दिन पूरे विश्व में विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जायेगा।
वर्ष 1982 में क्षय रोग बेसिलस की खोज करने वाले डॉ. रॉबर्ट कोच के जन्म दिवस पर पूरे विश्व में विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन क्षय रोग से संबंधित समस्याओं और उसके समाधान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और दुनिया भर में क्षय रोग नियंत्रण के प्रयासों क बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
क्षय रोग (अंग्रेजी में 'Mycobacterium Tuberculosis') अर्थात टीबी एक संक्रामक रोग अर्थात एक बीमारी है, जो जीवाणु की वजह से पनपता है। यह जीवाणु धीरे-धीरे शरीर के सभी अंगों में प्रवेश कर जाता है। यह ज्यादातर फेफड़ों में पाया जाता है। फेफड़ों के अलावा आंत, मस्तिष्क, हड्डियां, जोड़ें, गुर्दे, त्वचा तथा हृदय भी क्षय रोग से ग्रसित हो सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (अंग्रेजी में 'WHO - World Health Organization') के अनुसार, क्षय रोग बीमारी की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। भारत में करीब 15 लाख लोग इस बीमारी के शिकार हैं।
क्षय रोग अथवा टीबी से संक्रमित रोगियों के कफ, छींकने, खांसने, थूकने और उनके द्वारा छोड़ी गई सांस से वायु में जीवाणु फैल जाते हैं, जो कई घंटों तक वायु में रहता हैं। वह जीवाणु हवा के वजह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में चले जाता है अर्थात फैलता है जिस कारण स्वस्थ व्यक्ति भी आसानी से क्षय रोग (TB) का शिकार बन जाते है l जब क्षय रोग का जीवाणु सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंचता है तो वह धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्से में फैलना शुरू कर देता है। हालांकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे बढ़ने से रोकती है, लेकिन जैसे-जैसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है, क्षय रोग के संक्रमण की आशंका बढ़ती जाती है। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने या उससे हाथ मिलाने से क्षय रोग नहीं फैलता है।
क्षय रोग अर्थात TB बीमारी की जांच करने के लिए कई जांच उपलब्ध हैं, जैसे छाती का एक्स रे, बलगम की जांच, स्किन टेस्ट आदि। इसके अलावा आधुनिक तकनीक के माध्यम से आईजीएम हीमोग्लोबिन जांच कर के भी टीबी का पता लगाया जा सकता है। कई सरकारी अस्पतालों में इससे संबंधित जांच निशुल्क करवाई जाती हैं।
विश्व क्षय रोग दिवस के माध्यम से हमें क्षय रोग जैसी खतरनाक बीमारी के विषय तथा इससे बचने के उपायों के विषय पर महत्वपूर्ण चर्चा करने का अवसर प्राप्त होता है। हर साल 'विश्व क्षय रोग दिवस' के अवसर पर स्वास्थ्य संगठनों, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों एवं अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा दुनिया भर में आम जनता में क्षय रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इन गतिविधियों में क्षय रोग की रोकथाम, क्षय रोग की रोकथाम में शामिल संगठनों को पुरस्कृत करने के लिए पुरस्कार समारोह, क्षय रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए वितचित्र, आदि कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्व में क्षय रोग/टीबी/तपेदिक बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना हैं। यह दिवस टीबी जैसे खतरनाक बीमारी को खत्म करने हेतु समाधान ढूँढ़ने पर ज़ोर देना इस दिवस का मुख्य उद्श्य है।
हर साल 24 मार्च को पूरे विश्व में टीबी से संक्रमित लोगों को जागरूक करना तथा उससे बचाव के बारे में लोगों तक संदेश पहुँचाने का कार्य के रूप में यह दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1982 में क्षय रोग बेसिलस की खोज करने वाले डॉ. रॉबर्ट कोच के जन्म दिवस पर पूरे विश्व में विश्व क्षय रोग दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्षय रोग अर्थात टीबी एक संक्रामक रोग अर्थात एक बीमारी है, जो जीवाणु की वजह से पनपता है। यह एक ऐसा बीमारी है जो हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। छाती में तेज दर्द, भूख न लगना, बुखार आना, सांस लेने में तकलीफ होना, आदि टीबी की बीमारी का लक्षण है। हर साल स्वास्थ्य संगठनों, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों एवं अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा दुनिया भर में आम जनता में क्षय रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। यह दिवस टीबी जैसे खतरनाक बीमारी को खत्म करने हेतु समाधान ढूँढ़ने पर ज़ोर देना इस दिवस का मुख्य उद्श्य है।
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