महर्षि वाल्मीकि ने लिखा है, धर्म से अर्थ प्राप्त होता है। धर्म से सुख का उदय होता है। धर्म से ही मनुष्य सब कुछ पाता है। इस संसार में धर्म ही सार है। धर्महीन जीवन का दूसरा नाम सिद्धान्तहीन जीवन है और बिना सिद्धान्त का जीवन बिना पतवार की नौका के समान है। यदि किसी ने धर्म को तिरोहित या उच्छिन्न किया तो वह स्वयं ही नष्ट हो जाएगा और यदि कोई धर्म की रक्षा करता है तो धर्म उसकी रक्षा करता है। धर्म ही जीवन है, धर्म ही ज्ञान है, धर्म ही सम्मान है, धर्म ही पूजा है, धर्म ही आस्था है। इस वर्ग में धर्म पर निबंध लिखा गया है, जहाँ धर्म से जुड़े हर विषय पर निबंध का संग्रह तैयार किया हैं। जो आपको परीक्षाओं में अधिक अंक लाने में आपकी सहायता करेगा तथा हमारे भारत के सभी धर्मो के बारे में इस वर्ग में बताया गया है। ऐसे ही अन्य विषय पर निबंध के लिए भी आप हमारी वेबसाइट का बड़ी सरलता से उपयोग कर लाभ उठा सकते हैं। अगर कोई निबंध ऐसा है जिसकी आपको आवश्सकता है और यहाँ उपलब्ध नहीं है तो आप उस विषय का निबंध का नाम हमे मेल (Mail) द्वारा भेज दे, हम जल्द ही उस विषय का निबंध यहाँ उपलब्ध करा देंगे।
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