स्थापना दिवस पर निबंध

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स्थापना दिवस – मणिपुर का इतिहास - मणिपुर स्थापना दिवस – मेघालय स्थापना दिवस – त्रिपुरा स्थापना दिवस - Foundation Day In Hindi - Meghalaya Day 2021

रुपरेखा : प्रस्तावना - आज किन-किन राज्यों का स्थापना दिवस है - 21 जनवरी की तारीख का इतिहास - मणिपुर दिवस - मेघालय दिवस - त्रिपुरा दिवस - उपसंहार।

प्रस्तावना -

21 जनवरी, 1972 को, उत्तर पूर्वी क्षेत्र (पुनः संगठन) अधिनियम, 1971 के तहत मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा राज्य को अलग राज्य का दर्जा दिया गया था। पूर्वाेत्तर राज्य जैसे मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को अलग राज्य बने आज पूरे 48 बर्ष पूरे हो गए हैं।


आज किन-किन राज्यों का स्थापना दिवस है / मणिपुर दिवस कब है / मेघालय स्थापना दिवस कब है / त्रिपुरा का स्थापना दिवस कब है -

21 जनवरी को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा राज्य का स्थापना दिवस है। आज के दिन मणिपुर दिवस, मेघालय दिवस, और त्रिपुरा दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, स्थापना दिवस 21 जनवरी, गुरुवार के दिन मणिपुर दिवस, मेघालय दिवस, और त्रिपुरा दिवस के रूप में मनाया जायेगा।


21 जनवरी की तारीख का इतिहास -

21 जनवरी की तारीख का कई इतिहास दर्ज हुआ है जैसे वर्ष 1924 में ब्रिटेन में पहली बार लेबर पार्टी की सरकार बनी थी। पार्टी के नेता रैक्जे मैक्डोनाल्ड देश के प्रधानमंत्री बने। वर्ष 1924 में बोलशेविक क्रांति का नेतृत्व करने वाले और 1917 से 1924 के बीच सोवियत संघ के पहले प्रमुख व्लादिमीर लेनिन का निधन हुआ था। वर्ष 1945 में महान क्रांतिकारी रास बिहारी बोस का जापान के तोक्यों में निधन हुआ था। वर्ष 1950 में तपेदिक से तीन साल की लम्बी लडाई के बाद अंग्रेजी के चर्चित लेखक जॉर्ज ऑरवेल की मृत्यु हुई। वर्ष 1958 में कॉपीराइट कानून प्रभाव में आया था। वर्ष 1961 में क्वीन एलिजाबेथ और ड्यूक ऑफ एडिनबरा नई दिल्ली पहुंचे थे। वर्ष 1963 में हिंदी साहित्य के जाने माने उपन्यासकार, कहानीकार, संपादक और पत्रकार शिवपूजन सहाय का निधन हुआ था। वर्ष 1972 में मणिपुर मेघालय और त्रिपुरा राज्य का स्थापना दिवस हुआ। वर्ष 1976 में फ्रांस और ब्रिटेन के आर्थिक सहयोग से निर्मित सुपरसोनिक गति वाले वाणिज्यिक विमान कांकर्ड ने नियमित सेवा शुरू की थी । इसके बाद दुनिया में तेज रफ्तार विमानों के निर्माण की होड़ लग गई। वर्ष 1983 में प्रथम भारतीय एडमिरल आर डी कटारी का निधन हुआ था। वर्ष 1996 में स्वायत्त फलस्तीन के पहले ऐतिहासिक आम चुनाव में फलस्तीनी मुक्ति संगठन के नेता यासर अराफात 85 प्रतिशत मत प्राप्त कर चुने गए थे। वर्ष 1996 में इंडोनेशिया के सुमात्रा तट के पास यात्रियों से भरी नाव डूबने से लगभग 340 लोगों की मौत हुई थी। वर्ष 2008 में भारत ने इस्राइल के एक जासूसी सेटेलाइट का प्रक्षेपण कर उसे पोलर आर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित किया था। वर्ष 2009 में कर्नाटक के बीदर में वायुसेना के प्रशिक्षण विमान सूर्यकिरण के दुघर्टनाग्रस्त होने से एक पायलट की मौत हुई थी।


मणिपुर दिवस -

प्रतिवर्ष 21 जनवरी को मणिपुर दिवस मनाया जाता है। 21 जनवरी, 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य की श्रेणी मिली और 60 निर्वाचित सदस्यों की विधानसभा का गठन किया गया था। मणिपुर में वर्ष भर त्यौहार मनाए जाते हैं। शायद ही कोई महीना हो जब मणिपुर राज्य में कोई त्यौहार न मनाया जाता हो। त्यौहार मणिपुर निवासियों की सामजिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक आकांक्षाओं का प्रतीक हैं। मणिपुर राज्य के कई प्रमुख त्योहार हैं जैसे, लाई हारोबा, रास लीला, चिराओबा, निंगोल चाक-कुबा, रथ यात्रा, ईद-उल-फितर, इमोइनु, गाना-नागी, लई-नगाई-नी, ईद-उल-जुहा, योशांग (होली), दुर्गा पूजा, मेरा होचोंगबा, दीवाली, कुट तथा क्रिसमस आदि जैसे कई त्यौहार मणिपुर राज्य में मनाये जाते है। मणिपुर दिवस के दिन राज्य में सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज में अवकाश रहता है। सभी अपने परिवारों, दोस्तों के संग इस दिवस को मनाते है।


मेघालय दिवस -

प्रत्येक वर्ष 21 जनवरी को मेघालय दिवस मनाया जाता है, क्योंकि 21 जनवरी, 1972 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया था। इससे पहले पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने तक यह केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर जाने जाते थे। मेघालय को 2 अप्रैल, 1970 को स्वायत्त राज्य का दर्जा प्रदान किया गया और फिर असम से अलग होने के बाद यह 21 जनवरी, 1972 में पूर्ण राज्य स्थापित हुआ। यहाँ खासी, जैंतिया और गारों आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यत: रहते हैं। राज्य के मध्य और पूर्वी भाग में खासी और जैंतिया पहाड़ियाँ और एक विशाल पठारी क्षेत्र है। पांच दिन तक मनाया जाने वाला ‘का पांबलांग-नोंगक्रेम’ खासियों का एक प्रमुख धार्मिक त्यौहार है। यह नोंगक्रेम नृत्य के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह खासियों का एक प्रमुख धार्मिक त्यौहार है। यह हर साल शिलांग से थोड़ी दूर स्मित नाम के गांव में मनाया जाता है। शाद मिनसीम खासियों का एक अन्य महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व हर वर्ष अप्रैल के दूसरे सप्ताह में शिलांग में मनाया जाता है। बेहदीनखलम जयंतिया आदिवासियों का सबसे महत्वपूर्ण तथा खुशनुमा त्योहार है। यह आमतौर पर जुलाई के महीने में जयंतिया पहाड़ियों के जोवई कस्बे में मनाया जाता है। गारो आदिवासी अपने देवता सलजोंग (सूर्य देवता) के सम्मान में अक्टूबर-नवंबर में वांगाला त्यौहार मनाते हैं जो की एक हफ्ते तक चलता है। मेघालय दिवस के दिन राज्य में सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज में अवकाश रहता है। सभी अपने परिवारों, दोस्तों के संग इस दिवस को मनाते है।


त्रिपुरा दिवस -

प्रत्येक वर्ष 21 जनवरी को त्रिपुरा दिवस मनाया जाता है। 21 जनवरी 1972 को त्रिपुरा ने पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था। आज त्रिपुरा भारत का एक राज्य है जो की दक्षिण एशिया के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला है। त्रिपुरा उत्तर, पश्चिम व दक्षिण में बांग्लादेश, पूर्व में मिज़ोरम और पूर्वोत्तर में असम राज्य से घिरा है और यह गोवा तथा सिक्किम के बाद भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है। देश के बाक़ी हिस्से से अलग-थलग रहने, पहाड़ी भूभाग व जनजातीय आबादी के आरण त्रिपुरा में भी भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों की समस्याएँ मौजूद हैं। त्रिपुरा पूर्वोत्तर के खूबसूरत राज्यों में से एक है, जो प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति तथा कला से पूर्ण एवं मानव संसाधन की दृष्टि से परिपूर्ण है। त्रिपुरा के जनजाति एवं गैर जनजाति लोग तथा उनकी लोक संस्कृति राज्य की रीढ़ हैं। इसकी झलक यहां के गैर जनजातिय लोगों के गीत संगीत तथा नृत्य में परिलक्षित होता है। यहां का होज़ा गिरी नृत्य, मनासा मंगल या कीर्तन आदि प्रसिद्ध नृत्य तथा संगीत हैं। इसके अलावा नए साल के अवसर पर जनजातिय लोगों का नृत्य गरिया, गैर जनजातिय लोगों का धमैल नृत्य तथा विवाह के अवसर पर गाया जाने वाला गीत कबिगान भी राज्य का खास आकर्षण एवं लोक संस्कृति की पहचान है। त्रिपुरा की सभ्यता के साथ कई पौराणिक एवं ऐतिहासिक कथाएं प्रचलित हैं। हालांकि अब यहां की लोक संस्कृति को आधुनिकता से प्रभावित माना जाने लगा है। महान कवि तथा गीतकार रबींद्र नाथ टैगोर एवं काज़ी नज़रुल इस्लाम की जयंति भी पूरे उत्साह के साथ मनाई जाती है। त्रिपुरा दिवस के दिन राज्य में सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज में अवकाश रहता है। सभी अपने परिवारों, दोस्तों के संग इस दिवस को बड़े उत्साह से मनाते है।


उपसंहार -

21 जनवरी, 1972 को, उत्तर पूर्वी क्षेत्र (पुनः संगठन) अधिनियम, 1971 के तहत मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा राज्य को अलग राज्य का दर्जा दिया गया था। पूर्वाेत्तर राज्य जैसे मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा को अलग राज्य बने आज पूरे 48 बर्ष पूरे हो गए हैं। आज के दिन मणिपुर दिवस, मेघालय दिवस, और त्रिपुरा दिवस मनाया जाता है। मणिपुर में वर्ष भर त्यौहार मनाए जाते हैं जैसे लाई हारोबा, रास लीला, चिराओबा, निंगोल चाक-कुबा, रथ यात्रा, ईद-उल-फितर, इमोइनु, गाना-नागी, लई-नगाई-नी, ईद-उल-जुहा, योशांग (होली), दुर्गा पूजा, मेरा होचोंगबा, दीवाली, कुट तथा क्रिसमस आदि जैसे कई त्यौहार मणिपुर राज्य में मनाये जाते है। मेघालय राज्य के मध्य और पूर्वी भाग में खासी और जैंतिया पहाड़ियाँ और एक विशाल पठारी क्षेत्र है। पांच दिन तक मनाया जाने वाला ‘का पांबलांग-नोंगक्रेम’ खासियों का एक प्रमुख धार्मिक त्यौहार है। यह नोंगक्रेम नृत्य के नाम से भी प्रसिद्ध है। त्रिपुरा पूर्वोत्तर के खूबसूरत राज्यों में से एक है, जो प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति तथा कला से पूर्ण एवं मानव संसाधन की दृष्टि से परिपूर्ण है। त्रिपुरा के जनजाति एवं गैर जनजाति लोग तथा उनकी लोक संस्कृति राज्य की रीढ़ हैं। इसकी झलक यहां के गैर जनजातिय लोगों के गीत संगीत तथा नृत्य में परिलक्षित होता है।


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