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रुपरेखा : प्रस्तावना - राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस २०२१ - राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस क्यों मनाया जाता है - टीकाकरण किसे कहा जाता है - टीकाकरण का महत्व - भारत में बच्चों के लिए महत्वपूर्ण टीके - उपसंहार।
प्रस्तावना / राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस -भारत हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा देश के लोगों को टीकाकरण के महत्व को बताने के लिए हर साल राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1995 में भारत में पोलियो के खिलाफ एक ओरल वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। भारत 1995 से पल्स पोलियो कार्यक्रम का अवलोकन किया। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य सभी लोगों को पोलियो तथा अन्य बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करना और इसे पूरी तरह से दुनिया से मिटाना है।
भारत में प्रत्येक वर्ष 16 मार्च को ‘राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस’ अथवा 'नेशनल वैक्सीनेशन डे' मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, 16 मार्च मंगलवार के दिन राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जायेगा।
यह दिवस टीका निवारणीय रोगों के खिलाफ समय पर टीकाकरण (वक्सीनशन) करवाने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। बच्चों को सही समय पर टीका(वैक्सीन) लगवाने के लिए लोगों के बीच जागरूकता फ़ैलाने के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस अर्थात नेशनल वक्सीनशन डे मनाया जाता है।
किसी बीमारी के विरुद्ध प्रतिरोधात्मक क्षमता विकसित करने के लिये जो दवा किसी भी रूप में दी जाती है उसे टीका कहते हैं तथा यह क्रिया टीकाकरण कहलाती है। संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिये टीकाकरण सर्वाधिक प्रभावी एवं सबसे सस्ती विधि माना जाता है। टीके, एक एन्टिजनी पदार्थ होते हैं। टीके के रूप में दी जाने वाली दवा या तो रोगकारक जीवाणु या विषाणु की जीवित किन्तु क्षीण मात्रा होती है जिसे मारकर या अप्रभावी कर दिया जाता है।
हमारे देश में राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं तथा 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को घातक रोगों की विरूद्ध टीके दिए जाते हैं। रोग जैसे तपेदिक (टी.बी) डिप्थीरिया, परटूसिस (काली खाँसी), टिटनेस, खसरा (मीजल्स) तथा पोलियो (पोलियोमाइटिस), आदि अगर किसी बच्चे को सही समय पर इन सभी रोगों के टीका अर्थात वैक्सीन्स की पर्याप्त खुराकें देकर रोग प्रतिरक्षित कर दिया जाता है तो भविष्य में होने वाले घातक, अपंग जैसे बीमारियों से बचा जा सकता है।
टीकाकरण का कई महत्व है जैसे टीकाकरण कराने से लोगों का इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है, जिसकी वजह से गंभीर एवं बड़ी बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर को मजबूती मिलती है और शरीर हमारा स्वस्थ रहता है। बच्चे के जन्म के बाद ही डॉक्टर द्वारा उसके माता-पिता को टीकाकरण कराने की सलाह दी जाती है कारन छोटे नवजात बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम बेहद कमजोर होता हैं जिसकी वजह से उन्हें गंभीर एवं घातक बीमारी होने का खतरा बना रहता है। इसलिए सरकार द्वारा नवजातों के स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए शासकीय अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में मुफ्त टीकाकरण किया जाता है। जिससे की देश की आने वाली पीढ़ियां स्वस्थ बन सकें।
गर्भवती महिला गर्भावस्था के दौरान को टिटेनस की बीमारी से बचाने के लियेटिटेनसटाक्साइड बूस्टर के दो टीके एक-एक महीने के अंतर में लगवाना चाहिए। डीपीटी टीके बेहद महत्वपूर्ण होते है यह टीके तीन संक्रामक बीमारियों डिफ्थीरिया, पर्टुसिस और टिटनेस से बचाव के लिए दिए जाते हैं। हिपेटाइटिस बी एवं ए के संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण जरुरी हैं । बच्चों को उल्टी- दस्त से बचाने के लिए रोटावायरस टीका लगाया जाता है । राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में रोग प्रतिरक्षण तालिका एम्.एम्.आर. वैक्सीन की एक खुराक देने की सिफारिश की जाती है। यह खुराक बच्चे की आयु 15 महीने की होने पर दी जाती है। अगर किसी कारणवश जन्म के समय बी.सी.जी. का टीका नहीं दिया गया हो तो इसे बच्चे की आयु 9 महीने होने से पहले कभी-भी दिया जा सकता है।
भारत में पहली बार साल 1995 में टीकाकरण दिवस मनाया गया था। १६ मार्च का दिन सरकार ने टीकाकरण दिवस के लिए इसलिए चुना क्योकि सरकार ने इसी दिन से भारत को पोलियो मुक्त राष्ट्र बनाने के लिए अभियान शुरू किया था। भारत में पोलियो के रोगियों का अंतिम मामला 13 जनवरी 2011 को सामने आया था। 27 मार्च 2014 को, भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के 11 अन्य देशों के साथ पोलियो मुक्त देश के रूप में प्रमाणित किया गया था। देश में हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। सरकार देशवासियों को टीकाकरण का महत्व समझाने एवं टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को मनाती है । सरकार द्वारा हर साल इस दिन लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए की कार्यक्रम आयोजित किये जाते है तथा कई अभियान चलाये जाते है और साथ ही छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए जाते हैं।
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