विश्व महासागर दिवस पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - विश्व महासागर दिवस कब मनाया जाता - महासागर किसे कहते हैं - महासागर कितने हैं और कौन-कौन से हैं - विश्व महासागर दिवस का इतिहास - विश्व महासागर दिवस क्यों मनाया जाता है - विश्व महासागर दिवस कैसे मनाया जाता है - विश्व महासागर दिवस का उद्देश्य - विश्व महासागर दिवस का विषय (थीम) - उपसंहार।

परिचय | विश्व महासागर दिवस की प्रस्तावना | विश्व महासागर दिवस | वर्ल्ड ओसियन डे

विश्व महासागर दिवस को अंग्रेजी में " World Oceans Day" कहते है। प्रत्येक वर्ष 8 जून को विश्व स्तर पर यह दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2008 में आधिकारिक मान्यता दिये जाने के बाद से यह दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का प्रमुख मुख्य कारण विश्व में महासागरों के महत्व और उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता पैदा करना है। समुद्र की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस की शुरुआत की गई थी। इसके अलावा महासागर से जुड़े पहलुओं, जैसे- खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता, पारिस्थितिक संतुलन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग, जलवायु परिवर्तन आदि पर प्रकाश डालना है।


विश्व महासागर दिवस कब मनाया जाता है | विश्व महासागर दिवस 2021 में कब है | वर्ल्ड ओसियन डे 2021

र साल 8 जून को विश्व स्तर पर विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है। विश्व महासागर दिवस 2021 में, 8 जून मंगलवार के दिन मनाया जायेगा। विश्व महासागर दिवस 2019 का विषय (थीम) "एक साथ मिलकर हम अपने समुद्रों को बचा सकते हैं (Together we can protect and restore our Ocean)" है। विश्व महासागर दिवस 2020 का विषय (थीम) "एक सतत महासागर के लिए नवाचार' (Innovation for a Sustainable Ocean)" है। हालाँकि श्व महासागर दिवस 2021 का विषय (थीम) निणर्य नहीं किया गया है।


महासागर किसे कहते हैं | महासागर क्या है | ओसियन क्या होता है | महासागर की परिभाषा

महासागर हमारी पृथ्वी पर न सिर्फ जीवन का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में भी प्रमुख भूमिका अदा करता है। पृथ्वी पर जीवन का आरंभ महासागरों से माना जाता है। महासागरीय जल में ही पहली बार जीवन का अंकुर फूटा था। आज महासागर असीम जैव विविधता का भंडार है। महासागर पृथ्वी के लगभग 71 प्रतिशत भाग पर फैले हुए हैं। विश्व के महासागरों एवं सागरों का क्षेत्रफल 367 मिलियन वर्ग किलोमीटर है, जो मंगल ग्रह के क्षेत्रफल का दो गुना तथा चाँद के क्षेत्रफल का नौ गुना है। विश्व का लगभग 97 प्रतिशत जल सागरों में, लगभग 03 प्रतिशत नदियों, झीलों, भूगर्त तथा मिट्टी में है। जल की बहुतायत के कारण पृथ्वी को ‘जल ग्रह’ कहा जाता है। यदि पृथ्वी के उच्चावच को सागर में डालकर समतल कर दिया जाए तो पूरी पृथ्वी पर सागर की गहराई लगभग 02.25 किलोमीटर होगी। जल के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव हो सका। मुख्यत: पृथ्वी पर पाँच महासागर हैं। विश्व की सतह पर उपस्थित जल का लगभग 20% हिस्सा महासागरों में पाया जाता है। महासागर में पानी का तापमान और ऑक्सीजन का स्तर समुद्री जीव-जंतुओं को भूमध्य रेखा से बचाए रखने और साथ मिलाकर रखने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। महासागर ही समुद्र में जीव-जंतुओं की ऑक्सीजन की उचित आपूर्ति की आश्यकताओं को पूरा करते हैं।


महासागर कितने हैं और कौन-कौन से हैं | विश्व के पाँच महासागर

पृथ्वी पर पांच प्रकार के महासागर हैं।

  1. प्रशांत महासागर ( Pacific Ocean )
  2. अंध महासागर ( Atlantic Ocean )
  3. हिन्द महासागर ( Indian Ocean )
  4. दक्षिण ध्रुवीय महासागर ( Antarctic Ocean )
  5. उत्तर ध्रुवीय महासागर ( Arctic Ocean )

महासागर पृथ्वी के लगभग 71% भाग पर फैले हुए हैं। जल की बहुतायत के कारण पृथ्वी को ‘जल ग्रह’ कहा जाता है। विश्व के 5 प्रमुख महासागर निम्नलिखित है:-

  • प्रशांत महासागर (Pacific Ocean):
  • प्रशांत महासागर विश्व का सबसे बड़ा तथा सबसे गहरा समुद्र है। यह महासागर पृथ्वी के लगभग 30% भाग में फैला हुआ है। प्रशांत महासागर की आकृति त्रिभुजाकार है। इसका क्षेत्रफल 16,18,00,000 वर्ग कि.मी. है। यह फिलिपींस तट से पनामा तक 9,455 मील चौड़ा तथा बेरिंग जलडमरूमध्य से लेकर दक्षिण अंटार्कटिका तक 10,492 मील लंबा है।

  • अटलांटिक महासागर या अंध महासागर(Atlantic Ocean):
  • यह महासागर यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीपों को नई दुनिया के महाद्वीपों से अलग करता है। इस महासागर का आकार लगभग अंग्रेजी अक्षर 8 के समान है। उत्तर में बेरिंग जल डमरूमध्य से लेकर दक्षिण में कोट्सलैंड तक इसकी लंबाई 12,810 मील है। इसका क्षेत्रफल इसके अंतर्गत समुद्रों सहित 4,10,81,040 वर्ग मील है। अंतर्गत समुद्रों को छोड़कर इसका क्षेत्रफल 3,18,14,640 वर्ग मील है।

  • हिंद महासागर (Indian Ocean):
  • हिंद महासागर का अधिकांश भाग पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में आता है। हिंद महासागर एशिया के दक्षिण में अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के बीच फैला हुआ है। इसका क्षेत्रफल 7,35,56,000 वर्ग किलोमीटर है। हिंद महासागर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है।

  • अंटार्कटिक महासागर अथवा दक्षिणी महासागर (Antarctic Ocean):
  • अंटार्कटिक महासागर या दक्षिण ध्रुवीय महासागर अंटार्कटिका महाद्वीप से चारो तरफ से घिरा हुआ है। इसका क्षेत्रफल 1,40,00,000 वर्ग किलोमीटर है।

  • आर्कटिक महासागर (Arctic Ocean):
  • पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित इस महासागर को आर्कटिक महासागर या उत्तरीध्रुवीय महासागर के नाम से जाना जाता है। विश्व के प्रमुख पांच महासागरों में से यह सबसे छोटा और उथला महासागर है। इसका क्षेत्रफल 1,40,00,000 वर्ग कि.मी. है।


विश्व महासागर दिवस का इतिहास | विश्व महासागर दिवस की शुरुआत

वर्ष 1992 में रियो डी जेनेरियो में हुए पृथ्वी सम्मेलन में इस दिवस को मनाने की घोषणा हुई थी। दिसंबर, 2008 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 8 जून को ‘विश्व महासागर दिवस’ मनाए जाने की आधिकारिक घोषणा की। पहला विश्व महासागर दिवस 8 जून, 2009 को मनाया गया था। इसके बाद से प्रतिवर्ष 8 जून को विश्व भर में 'विश्व महासागर दिवस' मनाया जाता है।


विश्व महासागर दिवस क्यों मनाया जाता है | वर्ल्ड ओसियन डे क्यों मनाते है

विश्व में महासागरों के महत्त्व और उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता फ़ैलाने के लिए हर साल पूरे विश्वभर में विश्व महासागर दिवस के रूप में मनाया जाता है।


विश्व महासागर दिवस कैसे मनाया जाता है | वर्ल्ड ओसियन डे कैसे मनाते है

विश्व महासागर दिवस के दिन महासागर से सम्बंधित कार्यक्रम चलाये जाते है। महासागर की सुरक्षा करने वाले संघ और संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस दिन विभिन्न प्रकार के गतिविधियां, सेमिनार, जलसा, कार्यक्रम आदि आयोजित किये जाते है। साथ ही विश्व में महासागरों के महत्त्व और उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता फ़ैलाने के लिए आपस में चर्चा कर लोगों को जागरूक किया जाता है।


विश्व महासागर दिवस का उद्देश्य | वर्ल्ड ओसियन डे का उद्देश्य

इस दिवस का उद्देश्य विश्व में महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इसके अलावा महासागर से जुड़े पहलुओं जैसे- खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता, पारिस्थितिक संतुलन,सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग, जलवायु परिवर्तन आदि पर प्रकाश डालना है। समुद्र भोजन एवं दवाओं का सबसे बड़ा स्रोत है इसलिए इसके संरक्षण के उपायों के बारे में लोगों को बताना हैं। प्रतिवर्ष विश्व महासागर दिवस के अवसर पर दुनियाभर में महासागर से जुड़े विषयों में विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते हैं, जिसमें लोगो को महासागर के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं के बारे जानकारी प्रदान करना इस दिवस का उद्देश्य है।


विश्व महासागर दिवस का विषय | विश्व महासागर दिवस की थीम | विश्व महासागर दिवस 2021 थीम
  • विश्व महासागर दिवस 2019 की थीम "एक साथ मिलकर हम अपने समुद्रों को बचा सकते हैं (Together we can protect and restore our Ocean)" था।
  • विश्व महासागर दिवस 2020 की थीम "एक सतत महासागर के लिए नवाचार' (Innovation for a Sustainable Ocean)"था।
  • हालाँकि श्व महासागर दिवस 2021 की थीम निणर्य नहीं किया गया है।

उपसंहार

महासागर दिवस को मनाने का प्रमुख मुख्य कारण विश्व में महासागरों के महत्व और उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता पैदा करना है। समुद्र की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस की शुरुआत की गई थी। इसके अलावा महासागर से जुड़े पहलुओं, जैसे- खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता, पारिस्थितिक संतुलन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग, जलवायु परिवर्तन आदि पर प्रकाश डालना है। अपने आरंभिक काल से आज तक महासागर जीवन के विविध रूपों को संजोए हुए हैं। पृथ्वी के विशाल क्षेत्र में फैले अथाह जल का भंडार होने के साथ महासागर अपने अंदर व आस-पास अनेक छोटे-छोटे नाज़ुक पारितंत्रो को पनाह देते हैं, जिससे उन स्थानों पर विभिन्न प्रकार के जीव व वनस्पतियाँ पनपती हैं। अत: इनकी सुरक्षा अति आवश्यक है।


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