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रूपरेखा : प्रस्तावना - हिंदी दिवस कब मनाया जाता है - हिंदी दिवस का इतिहास - हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है - हिंदी दिवस कैसे मनाया जाता है - हिंदी दिवस का महत्व - उपसंहार।
प्रस्तावना | हिंदी दिवस -हिन्दी विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिन्दी दिवस भारत में हर वर्ष ’14 सितंबर’ को मनाया जाता है। विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा होने के साथ-साथ हिन्दी हमारी ‘राष्ट्रभाषा’ भी है। भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, परन्तु वर्तमान भारतीय संविधान में 19 प्रादेशिक भाषाओं को भारतीय भाषा के रूप में मान्यता मिली है । इन भाषाओं में हिन्दी भारतवर्ष में सबसे अधिक बोली जाने वाली भारतीय भाषा है । यह भाषा है हमारे सम्मान, स्वाभिमान और गर्व की। हिन्दी ने हमें विश्व में एक नई पहचान दिलाई है। हम आपको बता दें कि हिन्दी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है।
हिन्दी दिवस भारत में हर साल ’14 सितंबर’ को मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, 14 सितंबर मंगलवार के दिन मनाया गया है। वर्ष 2022 में, 14 सितंबर बुधवार के दिन मनाया जायेगा।
भारत एक विशाल देश है। प्राचीनकाल से यहाँ धर्म, भाषा तथा संस्कृति में विविधता होने के बावजूद भारतवासी परस्पर मिल-जुलकर रह रहे हैं। भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर सन् 1953 से संपूर्ण भारत में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
भारतवर्ष में हिन्दी सर्वाधिक बोली जाती है। इसे देश की 75 प्रतिशत जनता समझ सकती है अथवा अपने विचार को प्रकट कर सकती है । हिन्दी भाषा सहज सरल है । इसे संस्कृत की भगनी भी कहते हैं । हिन्दी भाषा में अनेक प्रादेशिक भाषाओं का भी अधिकाधिक शब्दों का प्रयोग होता है । उर्दू असमीया, बला, पंजाबी, गुजराती, उड़िया, राजस्थानी आदि कई भाषाओं के शब्द मिलते हैं, जिससे सभी भारतवासी के लिए सहज एवं सुबोध भाषा के रूप में हिन्दी प्रतीत होती है । भारत जब अंग्रेजों के अधीन था, तब भी महामानव महात्मा गाँधी जैसे महान नेताओं ने देश की अपनी एक राष्ट्रभाषा होने की जरूरत को बड़ी गहनता से महसूस किया था । उन्होंने आजादी के साथ-साथ राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार व प्रसार पर भी बल देते थे । उन्होंने कहा है- ”राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र नहीं ।” प्रत्येक राष्ट्र की अपनी राष्ट्रभाषा होती है । राष्ट्रभाषा के जरिए राष्ट्र की एकता, सौहार्द, भाइचारे जैसे नागरिक-कर्तव्यों का विकास होता है । इन सभी बातों पर ध्यान देते हुए भारतीय संविधान सभा ने हिन्दी भाषा को देश की राजभाषा के रूप में सांविधानिक मर्यादा प्रदान की है । इसी हिंदी भाषा का महत्व को देखते हुए हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है।
हिन्दी दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । हिन्दी दिवस, हिन्दी सप्ताह, हिन्दी पखवाड़ा आदि कई रूपों में इस कार्यक्रम को मनाने का सिलसिला जारी है । खासकर केंद्रीय सरकार के अधीनस्थ सभी कार्यालयों, उपक्रमों, निगमों, संस्थानों में यह दिवस खूब उत्साहपूर्वक मनाए जाते हैं । बैंक, रेल, तेल कम्पनी, सरकारी दफ्तरें तथा संस्थानों में हिन्दी दिवस के अवसर पर बड़े-बड़े पोस्टर लगाए जाते हैं । विभिन्न प्रतियोगिता, भाषण आदि कार्यक्रमों में बड़े-बड़े महानुभावों को बुलाए जाते हैं तथा हिन्दी में काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कार भी दिया जाता है । सरकारी तथा गैर सरकारी सभी क्षेत्रों में हिन्दी को बढ़ावा देने हेतु पूरे सितंबर महीने तक अनेक कार्यक्रमों द्वारा इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को स्मरण किया जाता है ।
हिंदी दिवस हर साल हमें हमारी असली पहचान को याद दिलाता है और देश के सभी लोगों को एक जुट करता है। हम जहाँ भी जाते हैं हमारी भाषा, संस्कृति और मूल्य हमारे साथ रहने चाहिए और यह अनुश्मार्क के रूप में काम करता है। हिंदी दिवस हमें देशभक्ति की भावना के लिए प्रेरित करता है। आज के समय में लोग हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी सीखना पसंद करते हैं क्योंकि अंग्रेजी को पूरी दुनिया में बोला जाता है। अंग्रेजी भी भारत की अधिकारिक भाषाओँ में से एक है। हिंदी दिवस का यह बहुत अधिक महत्व है कि यह हमें हमेशा यह याद दिलाता रहता है कि हिंदी हमारी अधिकारिक भाषा है और यह बहुत अधिक महत्व रखती है।
स्वतंत्र भारत की हिन्दी राजभाषा है । महात्मा गाँधी, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, काकासाहब कालेलकर जैसे महान व्यक्तियों के अथक परिश्रम के बाद ही वर्तमान हिन्दी को यह सम्मान मिला है । आजकल हिन्दी दिवस केवल दिखाने के लिए आयोजित किए जाते हैं, संविधान में जिस परम उद्देश्य से इस भाषा को मर्यादित किया गया है, वह उद्देश्य वर्तमान प्राप्त नहीं हो सका । अत: सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों में हिन्दी भाषा में सभी कामकाज करने से ही हिन्दी दिवस प्रायोगिक रूप में सफल सिद्ध होगा । इसी उपलक्ष्य में हर साल 14 सितंबर के दिन हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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