विश्व रेडक्रॉस दिवस पर निबंध

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रेडक्रॉस दिवस पर निबंध - विश्व रेडक्रॉस दिवस कब मनाया जाता - विश्व रेडक्रॉस दिवस की स्थापना - विश्व रेडक्रॉस दिवस का इतिहास - विश्व रेडक्रॉस दिवस इन हिंदी - जागतिक रेडक्रॉस दिवस - रेड क्रॉस क्या है - अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस समिति - World Red Cross Day in Hindi - About World Red Cross Day in Hindi - Nibandh

रूपरेखा : प्रस्तावना - विश्व रेडक्रॉस दिवस 2021 - रेड क्रॉस क्या है - रेड क्रॉस की स्थापना कब हुई - रेड क्रॉस की स्थापना किसने की थी - विश्व रेडक्रॉस दिवस का इतिहास - रेडक्रॉस का परिचय - अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस समिति - रेडक्रॉस के उद्देश्य - भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी - उपसंहार।

प्रस्तावना / विश्व रेडक्रॉस दिवस / रेड क्रॉस दिवस / वर्ल्ड रेडक्रॉस डे -

विश्व रेडक्रॉस दिवस को अंग्रेजी में 'World Red Cross Day' कहते हैं। रेडक्रॉस एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सी है जिसका प्रमुख उद्देश्य रोगियों, घायलों तथा युद्धकालीन बंदियों की देखरेख करना है। इस दिवस को अन्तर्राष्ट्रीय स्वंयसेवक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह लगभग 150 वर्षों से पूरे विश्व में रेडक्रॉस के स्वंय सेवक असहाय एवं पीड़ित मानवता की सहायता के लिए काम करते आ रहे हैं। भारत में वर्ष 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी का गठन हुआ, तब से रेडक्रॉस के स्वंय सेवक विभिन्न प्रकार के आपदाओं में निरंतर निस्वार्थ भावना से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।


विश्व रेडक्रॉस दिवस कब मनाया जाता है / वर्ल्ड रेडक्रॉस डे कब मनाया जाता -

हर साल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सी द्वारा रोगियों, घायलों तथा युद्धकालीन बंदियों की देखरेख को बढ़ावा देने के लिए 6 मई को विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, 6 मई गुरुवार के दिन विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया गया है।


रेड क्रॉस क्या है -

रेड क्रॉस एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सी है जिसका प्रमुख उद्देश्य रोगियों, घायलों तथा युद्धकालीन बंदियों की देखरेख करना है। रेड क्रॉस एक गैर सरकारी संगठन है।


रेड क्रॉस की स्थापना कब हुई -

रेडक्रॉस एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सी है जिसका प्रमुख उद्देश्य रोगियों, घायलों तथा युद्धकालीन बंदियों की देखरेख करना है। रेडक्रॉस एक गैर सरकारी संगठन है। जिसकी स्थापना वर्ष 1863 में हुई थी। इसका प्रमुख उद्देश्य रोगियों, घायलों तथा युद्धकालीन बंदियों की देख-रेख करना है। इसका मुख्यालय जेनेवा, स्विट्जरलैंड में है।


रेड क्रॉस की स्थापना किसने की थी -

रेड क्रॉस अभियान को जन्म देने वाले तथा पीड़ित मानवता की सेवा बिना भेदभाव के करते रहने का विचार देने वाले महान पुरुष जीन हेनरी डयूनेन्ट का जन्म 8 मई 1828 में हुआ था। उनके जन्म दिवस के शुभ अवसर के दिन तथा उनके इन महान कार्य को देखते हुए उनके जन्म दिन के दिन अर्थात 8 मई को विश्व रेड क्रॉस दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है। रेड क्रॉस की स्थापना जीन हेनरी डयूनेन्ट की थी।


विश्व रेडक्रॉस दिवस का इतिहास / रेडक्रॉस सोसायटी की स्थापना -

रेडक्रॉस अभियान को जन्म देने वाले तथा पीड़ित मानवता की सेवा बिना भेदभाव के करते रहने का विचार देने वाले महान पुरुष जीन हेनरी डयूनेन्ट का जन्म 8 मई 1828 में हुआ था। उनके जन्म दिवस के शुभ अवसर के दिन तथा उनके इन महान कार्य को देखते हुए उनके जन्म दिन के दिन अर्थात 8 मई को विश्व रेडक्रॉस दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है। उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया और पूरे विश्व के लोगों को मानवतावादी सेवक के रूप में स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। सेवा कार्य के लिए उनके द्वारा गठित सोसायटी को रेडक्रॉस का नाम दिया गया। वर्तमान में विश्व के 186 से भी अधिक देशों में रेडक्रॉस सोसायटी कार्य कर रही है। वर्ष 1901 में हेनरी डयूनेंट को उनके मानव सेवा के कार्यों के लिए पहला नोबेल शांति पुरस्कार मिला। युद्ध में घायल सैनिकों की स्थिति से विचलित हेनरी डयूनेन्ट ने 9 फरवरी 1863 को जेनेवा में पांच लोगों की एक कमेटी बनाई। हेनरी की इस परिकल्पना का नाम था 'इंटरनेशनल कमेटी फॉर रिलीफ टू द वाउंडेड'।


रेडक्रॉस का परिचय / रेड क्रॉस की स्थापना -

रेडक्रॉस एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सी है जिसका प्रमुख उद्देश्य रोगियों, घायलों तथा युद्धकालीन बंदियों की देखरेख करना है। रेडक्रॉस एक गैर सरकारी संगठन है। जिसकी स्थापना वर्ष 1863 में हुई थी। इसका प्रमुख उद्देश्य रोगियों, घायलों तथा युद्धकालीन बंदियों की देख-रेख करना है। इसका मुख्यालय जेनेवा, स्विट्जरलैंड में है। वर्ष 1920 में भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी का गठन हुआ था। रेडक्रॉस ने प्रथम विश्‍व युद्ध और द्वतीय विश्‍व युद्ध में अपनी अहम भूमिका निभाते हुऐ घायल सेनिकों और नागरिकों की सहायता की थी। रेड क्रॉस के इन्‍ही कार्यों की बदौलत वर्ष 1917 में इस संंस्‍था को नोबेल शांति पुरस्‍कार से नवाजा गया था। वर्तमान समय में लगभग 186 देशों में रेड क्रॉस संस्‍था अपना कार्य कर रही है। वर्ष 1994 में रेडक्रॉस एक्ट में संशोधन किया गया जिसमे पदेन अध्यक्ष महामहिम राष्ट्रपति एवं सचिव केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री को बनाया गया।

रेड क्रॉस की संस्था ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बहुत से घायलों का प्राथमिक उपचार किया। द्वितीय विश्व युद्ध में अफ्रीका और पश्चिमी एशिया में हजारों लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए। इन घायलों की सेवा रेडक्रास सोसायटी ने की थी। पहले विश्व के अनेक देशों में रेडक्रास सोसायटी पर प्रतिबंध था। परंतु अब विश्व के लगभग सभी देशों में इसकी शाखाएं खुल गई हैं और यह मानव सेवा करने का काम सभी देशों में कर रही है। संस्था के सदस्य निस्वार्थ भाव से मानव सेवा का काम करते हैं। रोगियों घायलों सैनिकों की मदद करते हैं। भारत के गांव और शहरों में यह एंबुलेंस दवाइयां पहुंचाने का काम करती है।


अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस समिति -

अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति के कार्यों के विस्तार का आभास कुछ उदाहरणों से हो जाएगा। प्रारंभ से ही स्वतंत्र रेडक्रॉस समिति के निर्माण तथा जेनोआ अधिवेशन के सदस्यों की स्वीकृति ने शीघ्र सफलता प्राप्त कराई। फ्रांसीसी और जर्मन आहतों तथा बीमार सैनिकों की भलाई के लिए बास्ले में 1870 ई. में एक सूचना एजेन्सी का निर्माण हुआ। यह रक्तदान शिविरों का आयोजन करती है। जगह-जगह ब्लड बैंकों की स्थापना की है। रक्तदान जागरूकता अभियान भी चलाती है। जानलेवा बीमारियों जैसे कैंसर, एनीमिया थैलीसीमिया से बचाव के तरीके लोगों को बताती है।


रेडक्रॉस के उद्देश्य -

रेडक्रॉस के उद्देश्य सभी देशों में रेडक्रॉस आंदोलन को फैलाना है तथा रेडक्रॉस के आधारभूत सिद्धांतों के संरक्षक के रूप में कार्य करना है। नई रेडक्रॉस समितियों के संविधान से वर्तमान समितियों को सूचित करना इसका उद्देश्य है। इसका सभी सभ्य राज्यों को जेनोआ अधिवेशन स्वीकार करने के लिए राजी करना अधिवेशन के निर्णयों का पालन करना है। इसकी होने वाली अवहेलनाओं की भर्त्सना करना है।

क़ानून बनाने के लिए सरकारों पर दबाव डालना तथा ऐसी अवहेलनाओं को रोकने के लिए सेना को आदेश देना इसका उद्देश्य है। इसका उद्देश्य युद्धकाल में बंदियों की सहायता तथा अन्य पीड़ितों की सहायता के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सी का निर्माण करना है। बंदीशिविर की देखरेख, युद्धबंदियों को संतोष और आराम पहुँचना और सभी प्राप्य प्रभावों के प्रयोग से उनकी स्थिति सुधारने का प्रयत्न करना भी इसका उद्देश्य है। शांति तथा युद्ध के समय में भी सरकारों, राष्ट्रों तथा उपराष्ट्रों के बीच शुभचिंतक मध्यस्थ के रूप में कार्य करना यही रेड क्रॉस देखते है।


भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी / भारत के रेड क्रॉस सोसाइटी के बारे में जानकारी -

भारत का रेडक्रॉस के संबंध प्रथम विश्वयुद्ध से है। भारत में वर्ष 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी का गठन हुआ, तब से रेडक्रॉस के स्वंय सेवक विभिन्न प्रकार के आपदाओं में निरंतर निस्वार्थ भावना से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उस समय एक करोड़ रुपया, जो इस संस्था के लिए दान मिला था, इसका मूल धन बना। भारत में इसकी 18 प्रांतीय संस्थाएँ और 412 ज़िला शाखाएँ स्थापित हो चुकी हैं। बंगाल की भुखमरी से लेकर कई प्राकृतिक दुर्घटनाओं के समय इसने सहायता पहुँचाई है। मानव सेवा का काम करना बहुत मुश्किल है। विश्व के अनेक देशो में अधिक से अधिक परमाणु हथियार बनाने की होड़ लगी हुई है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सीरिया, इराक, ईरान जैसे देश आतंकवाद से जूझ रहे हैं। वर्तमान में आतंकवाद एक बहुत बड़ी चुनौती बनकर प्रकट हुआ है। आतंकवादी अक्सर रेड क्रॉस सोसायटी के सदस्यों का अपहरण कर लेते हैं और उनकी हत्या कर देते हैं। इन सबके बावजूद रेडक्रॉस सोसाइटी और इसके कार्यकर्ता हर जगह दृढ़ता और मेहनत से अपना काम कर रहे हैं।


उपसंहार -

रेडक्रॉस एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सी है जिसका प्रमुख उद्देश्य रोगियों, घायलों तथा युद्धकालीन बंदियों की देखरेख करना है। इस दिवस को अन्तर्राष्ट्रीय स्वंयसेवक दिवस या विश्व रोड क्रॉस दिवस के रूप में मनाया जाता है। रेड क्रॉस की स्थापना वर्ष 1863 में हुई थी। रेड क्रॉस की स्थापना जीन हेनरी डयूनेन्ट की थी। रेडक्रॉस के उद्देश्य सभी देशों में रेडक्रॉस आंदोलन को फैलाना है तथा रेडक्रॉस के आधारभूत सिद्धांतों के संरक्षक के रूप में कार्य करना है। नई रेडक्रॉस समितियों के संविधान से वर्तमान समितियों को सूचित करना इसका उद्देश्य है। इसका सभी सभ्य राज्यों को जेनोआ अधिवेशन स्वीकार करने के लिए राजी करना अधिवेशन के निर्णयों का पालन करना है। भारत में वर्ष 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी का गठन हुआ, तब से रेडक्रॉस के स्वंय सेवक विभिन्न प्रकार के आपदाओं में निरंतर निस्वार्थ भावना से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।


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