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रुपरेखा : प्रस्तावना - विश्व रेडियो दिवस 2022 - विश्व रेडियो दिवस का इतिहास - विश्व रेडियो दिवस क्यों मनाया जाता है - विश्व रेडियो दिवस कैसे मनाया जाता है - उपसंहार।
प्रस्तावना / वर्ल्ड रेडियो डे -आज विज्ञान विश्व में अपनी एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है। विज्ञान के अनेकों उपकरणों के कारण, आज मानव का जीने का तरीका बदल रहा है। एक सामान्य मनुष्य की दिनचर्या को यदि देखा जाए तो बिना विज्ञान के उनका जीवन उन्हें व्यर्थ सा लगने लगता है। विज्ञान के अनेकों उपकरणों में रेडियो भी एक विज्ञान के आविष्कारों का हिस्सा है। हालांकि इक्कीसवी सदी में रेडियो का प्रचलन उतना अधिक नहीं है, लेकिन आज भी कई गांवों में और सुदूर इलाकों में जहां पर बिजली तक मौजूद नहीं हैं, वहां लोग रेडियो के जरिये अपना दिन गुजारते है। कई गांवों और कस्बो के लोगों के पास रेडियो ही एक ऐसा साधन है जिससे वे अपने दिनचार्य में मनोरंजन का आनंद लेते हुए अपना सरल सा जीवन जीते है।
प्रत्येक वर्ष विश्व रेडियो दिवस, 13 फरवरी को मनाया जाता है। वर्ष 2022 में, विश्व रेडियो दिवस 13 फरवरी, रविवार के दिन मनाया जायेगा।
स्पेन रेडियो अकैडमी ने वर्ष 2010 में पहली बार इसका प्रस्ताव सबके सामने रखा था। वर्ष 2011 में यूनेस्को की महासभा के 36वें सत्र में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने की घोषणा की । एकेडेमिया एस्पानोला डी ला रेडियो के प्रोजेक्ट लीडर को कई हितधारकों से समर्थन प्राप्त हुआ, जिसमें प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ब्रॉडकास्टर और ब्रॉडकास्टिंग यूनियन और एसोसिएशन शामिल थे।1946 में, आखिरकार, संयुक्त राष्ट्र रेडियो ने पहला कॉल साइन ट्रांसमिट किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने औपचारिक रूप से 14 जनवरी 2013 को यूनेस्को के विश्व रेडियो दिवस मनाने की घोषणा का समर्थन को स्वीकार किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें सत्र में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में घोषित करने के लिए एक संकल्प अपना कर हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
दुनिया भर में सूचना के आदान-प्रदान और लोगों को देश-दुनिया की जानकारी देने में रेडियो ने अहम भूमिका निभाई है। यह पत्रकारों के लिए एक प्लैटफॉर्म हुआ करता था जिसके माध्यम से वह अपनी रिपोर्ट दुनिया तक पहुंचाते थे और अपनी बात देश-दुनिया तक पहुँचाते थे। मौजूदा समय में भी यह सूचना फैलाने का सबसे शक्तिशाली, सस्ता और सरल माध्यम है। टेलीविजन और मोबाइल फोन के आने से पहले, रेडियो ही केवल एक मात्र ऐसा साधन था जिसके जरिए विश्व के अनेकों समाचारों, सरकार द्वारा चलाये जाने वाले योजनाओं को जाना जा सकता था। हालांकि रेडियो सदियों पुराना माध्यम हो गया लेकिन अब भी संचार के लिए इसका इस्तेमाल होता है। इसके अलावा वर्ष 1945 में इसी दिन यूनाइटेड नेशंस रेडियो से पहली बार प्रसारण हुआ था। रेडियो की इन अहमियतों को देखते हुए विश्व में हर साल रेडियो दिवस मनाए जाने की पहल हुई। औपचारिक रूप से पहला विश्व रेडियो दिवस 2012 में मनाया गया। एक और कथन है की विश्व रेडियो दिवस द्वारा लोगों को रेडियो के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
हर साल यूनेस्को दुनिया भर के ब्रॉडकास्टर्स, संगठनों और समुदायों के साथ मिलकर विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर कई तरह की गतिविधियों का आयोजन करता है। इस दिन संचार के माध्यम से रेडियो की अहमियत के बारे में स्वस्थ चर्चा कर जागरूकता फैलाई जाती है। कई क्षत्रों में विश्व रेडियो दिवस पर भाषण दिया जाता है। रेडियो के प्रति जागरूक करना ही विश्व रेडियो दिवस मनाने का लक्ष्य है। विश्व रेडियो दिवस मनाने का सर्वाधिक कुशल तरीका है लोगों को रेडियो के प्रति जागरूक करना जैसे आप चाहें तो अपने सम्बन्धियों को रेडियो भेंट कर सकते हैं। विश्व रेडियो दिवस के हर वर्ष पर युनेस्को द्वारा अलग अलग प्रकार की थीम चलाई जाती है जिसे ध्यान में रखकर उसपे कार्य किया जा सकता है।
विश्व रेडियो दिवस मनाने के पीछे युनेस्को का सबसे बड़ा मकसद है रेडियो के जरिये देश-दुनिया का संदेश लोगों तक पहुंचना। अत्याधुनिक ना होने के कारन आज लोगों ने रेडियो की तरफ ध्यान देना कम कर दिया है। रेडियो जनसंचार का एक ऐसा महत्वपूर्ण यंत्र है जो राष्ट्र के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राष्ट्र के कम पढ़े-लिखे लोगों को इस माध्यम से बडे ही सरल ढंग से आम बोल-चाल की भाषा में विभिन्न प्रकार की शिक्षा दी जाती रही है और आगे भी इसके रचनात्मक प्रयोगों पर शोध चलाने की पहल की जा रही है। रेडियो एक ऐसी सेवा है जिसके जरिए न केवल रेडियो फ्रीक्वेंसी से बात की जाती है, बल्कि आपदा के समय जब संचार के माध्यम ठप हो जाएं तो प्रभावितों की मदद भी की जा सकती है इसलिए विश्व रेडियो दिवस मनाया जाना चाहिए और लोगों को रेडियो के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
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