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रूपरेखा : प्रस्तावना - विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस कब मनाया जाता है - विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस का इतिहास - दूरसंचार क्रांति किसे कहते है - इंटरनेट क्या है - इंटरनेट का महत्व - भारत में टेलीफोन की शुरुआत कब हुई - विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस का उद्देश्य - विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस का थीम (विषय) - उपसंहार।
प्रस्तावना / विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस / दूरसंचार और सूचना समाज दिवस / वर्ल्ड टेलीकॉम एंड इनफार्मेशन सोसाइटी डेविश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस को अंग्रेजी में 'World Telecommunication and Information Society Day' कहते हैं। प्रत्येक वर्ष 17 मई को पूरे हर्षोल्लास के साथ यह दिवस मनाया जाता है। विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस' मनाने की शुरुआत 17 मई, 1865 में शुरू हुई थी, लेकिन आधुनिक समय में इसकी शुरुआत 1969 में हुई। आधुनिक युग में फोन, मोबाइल और इंटरनेट लोगों की प्रथम आवश्यकता बन गये हैं। इसके बिना जीवन की कल्पना करना बहुत ही मुश्किल हो चुका है। यह दूरसंचार की क्रांति है, जिसकी बदौलत भारत जैसे कुछ विकासशील देशों की गिनती भी विश्व के कुछ ऐसे देशों में होती है, जिनकी अर्थव्यवस्था तेज़ी से रफ्तार पकड़ रही है।
हर साल 17 मई को विश्व भर में विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, 17 मई सोमवार के दिन मनाया जायेगा। विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस 2020 की थीम "डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके COVID-19 को हराने का प्रयास और सतत विकास के लिए 2030 का कम्युनिकेशन अजेंडा है। साथ ही 5G और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) (Connect 2030 - ICTs for the Sustainable Development Goals - SDGs)" को बढ़ावा देना है।
यह दिन अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना और वर्ष 1865 में पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ समझौते पर हस्ताक्षर होने की स्मृति में मनाया जाता है। महासभा ने मार्च 2006 में एक प्रस्ताव (ए/आरईएस/60/252) को अपनाया, जिसमें कहा गया है कि विश्व सूचना समाज दिवस 17 मई को हर साल मनाया जाएगा। विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस' मनाने की शुरुआत 17 मई, 1865 में शुरू हुई थी, लेकिन आधुनिक समय में इसकी शुरुआत 1969 में हुई।
‘दूरसंचार क्रांति’ गरीब देश में हुई एक ऐसी क्रांति है, जिसने न केवल देश की छवि बदली बल्कि देश के विकास से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था की यह प्रत्यक्षदर्शी रही। आज जिस आसानी से हम अपने मोबाइल फोन के माध्यम से कई ऐसे कार्य कर लेते हैं, जिसके लिए कुछ साल पहले काफ़ी मशक्कत करना पड़ती थी। दूरसंचार क्रांति की बदौलत ही भारत की गिनती आज विश्व के कुछ ऐसे देशों में होती है, जहाँ आर्थिक समृद्धि में इस क्रांति का बड़ा योगदान रहा है। आज हम दूरसंचार के मामले में काफ़ी आगे निकल चुके हैं। थ्री-जी और फोर-जी टेक्नोलॉजी पर सवार भारत तेज गति से आगे बढ़ता जा रहा है। इस क्रांति के कारण न केवल अन्य क्षेत्रों में फर्क पड़ रहा है, बल्कि ग्रामीण भारत भी टेक्नोलॉजी से लबरेज होता जा रहा है। आज भारत के कई किसान हाईटेक हो रहे हैं। फसलों के बारे में वे इंटरनेट से जानकारी ले रहे हैं। एसएमएस से रेलवे रिजर्वेशन की जानकारी मिल रही है। इसी को सही मायने में दूरसंचार क्रांति कहते हैं और इसी क्रांति के वजह से आज भारत ने यह सफलता हासिल की है।
इंटरनेट एक दुसरे से जुड़े नेटवर्क का जाल है जो राउटर एवं सर्वर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर, मोबाइल, टेबलेट आदि यंत्रो को आपस में जोड़ता है। इंटरनेट विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है। वर्तमान समय में दूरसंचार का एक बहुत बड़ा हिस्सा इंटरनेट है। इसमें कोई शक नहीं है कि जिन लोगों की पहुंच इंटरनेट तक है, उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इंटरनेट ने उनके जीवन को काफ़ी सरल बना दिया है। इसके जरिए हम असंख्य सूचनाओं को पलक झपकते ही मात्र कुछ चंद सेकेंड में प्राप्त कर लेते हैं। इंटरनेट सिर्फ सूचनाओं के लिहाज से ही नहीं, बल्कि सोशल नेटवर्किग से लेकर स्टॉक एक्सचेंज, बैंकिंग, ई-शॉपिंग आदि के लिए अब अहम बन चुका है। इसके लिए यदि किसी को सबसे अधिक श्रेय देना चाहेंगे तो गूगल जैसे सर्च इंजन इसके हकदार हैं। गूगल के ई-मेल, चैटिंग, वीडियो चैटिंग आदि से हजारों किलोमीटर की दूरियां सिमट कर अब कुछ सेकेंड के फासले में बदल गयी हैं।
विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस को मनाने का उद्देश्य दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सुलभ कराना है। इस दिन सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के फायदों के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा की जाती है।
हर साल विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस के दिन एक थीम यानी विषय रखी जाती है। इस थीम के माध्यम से लोगों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी से सुलभ कराना है।
विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस' मनाने की शुरुआत 17 मई, 1865 में शुरू हुई थी, लेकिन आधुनिक समय में इसकी शुरुआत 1969 में हुई। ‘दूरसंचार क्रांति’ गरीब देश में हुई एक ऐसी क्रांति है, जिसने न केवल देश की छवि बदली बल्कि देश के विकास से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था की यह प्रत्यक्षदर्शी रही। इंटरनेट एक दुसरे से जुड़े नेटवर्क का जाल है जो राउटर एवं सर्वर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर, मोबाइल, टेबलेट आदि यंत्रो को आपस में जोड़ता है। इंटरनेट विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है। वर्तमान समय में दूरसंचार का एक बहुत बड़ा हिस्सा इंटरनेट है। विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस को मनाने का उद्देश्य दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सुलभ कराना है।
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