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रूपरेखा : प्रस्तावना - विश्व बालश्रम निषेध दिवस कब मनाया जाता है - बाल श्रम का अर्थ - विश्व बालश्रम निषेध दिवस का इतिहास - विश्व बालश्रम निषेध दिवस क्यों मनाया जाता है - विश्व बालश्रम निषेध दिवस कैसे मनाया जाता है - विश्व बालश्रम निषेध दिवस का उद्देश्य - विश्व बालश्रम निषेध दिवस का विषय (थीम) - उपसंहार।
परिचय / विश्व बालश्रम निषेध दिवस / बाल मजदूरी मनाही दिवस / वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर 2021-विश्व बालश्रम निषेध दिवस को अंग्रेजी में "World Day Against Child Labour" कहते हैं। हर साल 12 जून को बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जगरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन द्वारा यह दिवस मनाने की घोषणा की गई । हर साल विश्व बालश्रम निषेध दिवस अथवा वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर की विषय (थीम) डिसाइड की जाती है।
प्रत्येक वर्ष 12 जून को बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जगरूकता फैलाने के लिए विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। विश्व बालश्रम निषेध दिवस 2021 में, 12 जून शनिवार के दिन मनाया जायेगा। विश्व बालश्रम निषेध दिवस 2020 का विषय (थीम) "बच्चों को कोविड-19 महामारी" रही। विश्व बालश्रम निषेध दिवस 2021 का विषय (थीम) ''कोरोनावायरस के दौर में बच्चों को बचाना'' रखी गई।
बालश्रम एक अपराध है जो बच्चों के द्वारा अपने बाल्यकाल में करवाया गया श्रम या काम है। बालश्रम को बाल मजदूरी भी कहा जाता है। बालश्रम कराना भारत के साथ कई देशों में गैर कानूनी है। बालश्रम एक कठोर अपराध है जिसे बच्चों को खेलने-कूदने के उम्र में उनसे काम करवाया जाता है। बालश्रम एक अभिशाप है जिसने अपना जाल पूरे देश में बिछा दिया है कि प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी यह अपना प्रचंड रूप लेने में सफलता प्राप्त कर रहा है। किसी भी बच्चे के बाल उम्र के दौरान पैसों या अन्य किसी भी लोभ के बदले में करवाया गया किसी भी तरह के काम को बालश्रम कहा जाता है। इस प्रकार की मजदूरी पर अधिकतर पैसों या जरूरतों के बदले काम कराया जाता है।
विश्व बालश्रम निषेध दिवस का इतिहास यह बताता है कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने बाल श्रम खत्म करने के लिए आवश्यक कार्रवाई के लिए वर्ष 2002 में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का शुभारंभ किया था। हर किसी के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि बच्चों को बाल मजदूरी करने से रोके और उनसे बाल अवस्था में कार्य कराकर उनके सपने ना छीने। उनके हाथों में मजदूरी करा के छाले नहीं होनी चाहिए बल्कि, कलम और किताब होनी चाहिए। यह हमारे देश का भविष्य हैं और इन्हें बाल श्रम करने से रोकना हम सबका कर्तव्य है।
विश्व में हर साल बाल मजदूरी कराने की संख्या बढ़ रही है। इसी बाल मजदूरी अथवा बालश्रम को रोकने के लिए हर साल विश्व बालश्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जगरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है।
विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर लोगों को बाल मजदूरी अथवा बालश्रम के रोकथाम करने के लिए जागरूक किया जाता है। इस दिन विश्व के विभिन्न क्षत्रों में विभिन्न प्रकार के अभियान चलाया जाता है। कई जगहों में अनाध बच्चों को खाना खिलाया जाता है। धनिक लोग आज के दिन गरीब बच्चों को स्कूल में दाखिला करवाते है तथा कई लोग बच्चों को किताबे उपहार में देते है।
वर्ष 2002 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा लोगो में बाल श्रम के प्रति जागरूकता पैदा करने तथा उन्हें शिक्षा की ओर ध्यान देने के उद्देश्य से 12 जून को "विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस" के रूप में मनाने की शुरूआत की गई। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुमान के मुताबिक विश्व में तकरीबन 35 करोड़ बाल श्रमिक हैं। यह एक आशर्यचकित करने वाले आकड़े है जिसे हम सभी आम नागरिक ध्यान होगा और इस आकड़े को काम करने के लिए हमे हर संभव प्रयास करना होगा। बालश्रम की समस्या का समाधान एवं प्रत्येक बच्चे को उसका अधिकार पहुंचाना यह दिवस का उद्देश्य है।
यह दिवस इसलिए भी अहम है क्योंकि यह बच्चों के विकास और उनके हक के लिए आवश्यक चीजों की और ध्यान केंद्रित करता है। बालश्रम के विरोध में यह दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। भारत की केंद्र सरकार ने 1986 में 'बालश्रम निषेध और नियमन अधिनियम' पारित कर दिया। इस अधिनियम के अनुसार बालश्रम तकनीकी सलाहकार समिति नियुक्त की गई। इस समिति की सिफारिश के अनुसार, खतरनाक उद्योगों में बच्चों की नियुक्ति निषिद्ध है। बालश्रम की समस्या का समाधान एवं प्रत्येक बच्चे को उसका अधिकार पहुंचाना यह दिवस का उद्देश्य है।
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