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रुपरेखा : प्रस्तावना - विश्व हँसी दिवस २०२१ - विश्व कॉमेडी दिवस का इतिहास - हँसना क्यों ज़रूरी है - विश्व हास्य दिवस क्यों मनाया जाता है - विश्व हँसी दिवस कैसे मनाया जाता है - विश्व हँसी दिवस का उद्देश्य - हँसने के फायदे - हंसने के नुकसान - उपसंहार।
प्रस्तावना / विश्व हँसी दिवस / हास्य का दिन / वर्ल्ड लाफ्टर डे / कॉमेडी डे -विश्व हँसी दिवस को अंग्रेजी में 'World Laughter Day' कहते हैं। विश्व हँसी दिवस को 'विश्व हास्य दिवस' या 'विश्व लाफ्टर दिवस' या 'विश्व कॉमेडी दिवस' भी कहते है। यह हर साल मई' माह (महीने) के प्रथम रविवार को मनाया जाता है। नोवैज्ञानिक प्रयोगों ने हँसने की महत्ता सिद्ध की है और मनोवैज्ञानिक प्रयोगों से यह स्पष्ट हुआ है कि अधिक हँसने वाले बच्चे अधिक बुद्धिमान होते हैं। हँसना सभी के शारीरिक व मानसिक विकास में अत्यंत सहायक है।
प्रत्येक वर्ष मई महीने के पहली रविवार को विश्व हँसी दिवस मनाया जाता है। विश्व हँसी दिवस २०२१, 2 मई रविवार के दिन विश्व भर में मनाया जायेगा।
अंतर्राष्ट्रीय हास्य दिवस की शुरुआत 11 जनवरी, 1998 को मुंबई में हुई थी। वर्ल्ड लाफ्टर डे की स्थापना का श्रेय डॉ. मदन कटारिया को जाता है। साल 1998 में, विश्व हँसी दिवस विश्वव्यापी हँसी योग आंदोलन के संस्थापक डॉ मदन कटारिया द्वारा बनाया गया था। वर्ल्ड लाफ्टर डे का पहला उत्सव वर्ष 1998 में भारत के मुंबई में आयोजित किया गया था। कई लोग हंसने के एकमात्र उद्देश्य के साथ सार्वजनिक स्थानों पर इकट्ठा होते हैं। डॉ मदन जी का उद्देश्य था की चेहरे की प्रतिक्रिया की परिकल्पना, एक व्यक्ति के चेहरे के भावों का उनकी भावनाओं पर प्रभाव डाल सके। यह हंसी के माध्यम से भाईचारे और दोस्ती की वैश्विक चेतना का निर्माण करता है।
हँसना सभी के शारीरिक व मानसिक विकास में अत्यंत सहायक है। जापान के लोग अपने बच्चों को प्रारंभ से ही हँसते रहने की शिक्षा देते हैं। इस समय जब अधिकांश विश्व आतंकवाद के डर से सहमा हुआ है, तब 'विश्व हास्य दिवस' की अत्यधिक आवश्यकता महसूस होती है। इससे पहले इस दुनिया में इतनी अशांति कभी नहीं देखी गई। आज हर व्यक्ति के अंदर कोहराम मचा हुआ है। ऐसे में हंसी दुनियाभर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकती है। इसीलिए हर वर्ष विश्व हँसी दिवस मनाया जाता है।
विश्व हास्य दिवस अथवा हँसी दिवस मनाने के कई तरीके होते है जैसे इस दिन लोग लाफ्टर क्लब जाते है। कई लोग एक जगह इकट्ठा होकर एक साथ हँसते है। कई कॉमेडी चित्र देखकर या मनोरंजन के लिए प्रसिद्ध कॉमेडियन सुनकर भी ये दिवस मनाया जा सकता है। भारत में, लोग हंसी के दिन तख्तियों के साथ शांति मार्च निकालते हैं। हंसी के संक्रामक प्रभावों को फैलाने के लिए “हो, हो, हा, हा” जैसी ध्वनियों के उत्पादन में कुछ लिप्त हैं। कई मनोरंजन कार्यक्रम जैसे नृत्य और हँसी की चुनौतियाँ पेश की जाती हैं। लोग कॉमेडियन बनने के लिए कॉमेडी एक्ट में भी शामिल होते हैं और इम्प्रोवाइजेशन क्लासेस में भी हिस्सा लेते हैं। कुछ लोग सोशल मीडिया पर हैशटैग वर्ल्ड लाफ्टर डे पर मजेदार चुटकुले शेयर करते हैं। कॉमेडी और मनोरंजन से भरपूर फिल्में अपने दोस्तों, परिवारों और होने रिश्तेदारों के साथ देखते है।
विश्व हँसी दिवस की शुरुआत विश्व में शांति की स्थापना और मानवमात्र में भाईचारे और सदभाव के उद्देश्य से की गई है। इस दिवस की लोकप्रियता ‘हास्य योग आंदोलन’ के माध्यम से पूरी दुनिया में फैल गई। आज पूरे विश्व में छह हज़ार से भी अधिक हास्य क्लब हैं। इस मौके पर देश और विदेश के प्रमख शहरों में रैलियां, हास्य प्रतियोगिताएं एवं सम्मेलनो का आयोजन किया जाता हैं। हास्य मनुष्य के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। जब व्यक्ति समूह में हंसता है तो यह सकारात्मक ऊर्जा पूरे क्षेत्र में फैल जाता है और क्षेत्र से नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है।
हास्य एक सार्वभौमिक भाषा है। इसमें जाति, धर्म, रंग, लिंग से परे रहकर मानवता को समन्वय करने की क्षमता है। किसी भी मनुष्य के चेहरे पर हंसी उस व्यक्ति को ऊर्जावान बना देती है। हर काम को खुश होकर करने से जिंदगी की बहुत से परेशानियाँ अपने आप ही समाप्त हो जाती है और और जिन्दगी अच्छी लगने लगती है। एक आम आदमी को हँसने से कई फायदे होते हैं, जो इस प्रकार हैं -
अब हँसने से भी कई परेशानी देखने को मिलता है। अधिक हँसने से क्या-क्या नुकसान होते हैं, जो इस प्रकार हैं -
मनुष्य की आत्मा की संतुष्टि, शारीरिक स्वस्थता व बुद्धि की स्थिरता को नापने का एक पैमाना है और वह है चेहरे पर खिली प्रसन्नता। आज के इस तनावपूर्ण वातावरण में व्यक्ति अपनी मुस्कुराहट व हँसी को भूलता जा रहा है, फलस्वरूप तनावजन्य बीमारियाँ, जैसे- उच्च रक्तचाप, शुगर, माइग्रेन, हिस्टीरिया, पागलपन, डिप्रेशन आदि बहुत-सी बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है। हँसी जीवन का प्रभात है, यह शीतकाल की मधुर धूप है तो ग्रीष्म की तपती दुपहरी में सघन छाया। हँसने से आत्मा खिल उठती है। इससे आप तो आनंद पाते ही हैं दूसरों को भी आनंदित करते हैं। हास-परिहास पीड़ा का दुश्मन है, निराशा और चिंता का अचूक इलाज और दुःखों के लिए रामबाण औषधि है।
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