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रुपरेखा : प्रस्तावना - विश्व पुस्तक दिवस २०२१ - विश्व पुस्तक दिवस क्या है - विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास - विश्व पुस्तक क्यों मनाते है - विश्व पुस्तक दिवस कैसे मनाया जाता है - विश्व पुस्तक दिवस का महत्व - विश्व पुस्तक दिवस का उद्देश्य - विश्व पुस्तक दिवस थीम - उपसंहार।
प्रस्तावना / विश्व पुस्तक दिवस 2021 -विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस को अंग्रेजी में 'World Book and Copyright Day' कहते हैं। हर साल '23 अप्रैल' को यह दिवस मनाया जाता है। इसे 'विश्व पुस्तक दिवस', 'किताबों का अंतरराष्ट्रीय दिवस' और 'विश्व पुस्तक और प्रकाशनाधिकार दिवस' भी कहा जाता है। इंसान के बचपन से स्कूल से आरंभ हुई पढ़ाई जीवन के अंत तक चलती है। लेकिन अब कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण पुस्तकों से लोगों की दूरी बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि लोगों और किताबों के बीच की दूरी को खत्म करने के लिए यूनेस्को ने '23 अप्रैल' को 'विश्व पुस्तक दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यूनेस्को के निर्णय के बाद से पूरे विश्व में इस दिन 'विश्व पुस्तक दिवस' मनाया जाता है।
लोगों और किताबों के बीच की दूरी को खत्म करने के लिए यूनेस्को ने हर साल '23 अप्रैल' को 'विश्व पुस्तक दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यूनेस्को के निर्णय के बाद से पूरे विश्व में इस दिन 'विश्व पुस्तक दिवस' मनाया जाता है। विश्व पुस्तक दिवस 2021 पूरी दुनिया भर में 23 अप्रैल, शुक्रवार के दिन मनाया गया है।
हर साल 23 अप्रैल को पूरे विश्व के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला विश्व पुस्तक दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है। पढ़ना, प्रकाशन और प्रकाशनाधिकार को पूरी दुनिया में लोगों के बीच बढ़ावा देने के लिये यूनेस्को द्वारा सालाना आयोजित ये बहुत ही महत्वपूर्णं कार्यक्रम है। 23 अप्रैल 1995 में पहली बार यूनेस्को द्वारा विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत की गयी। आमतौर पर, इसे लेखक, चित्रकार के द्वारा आम लोगों के बीच में पढ़ने को प्रोत्साहन देने के लिये मनाया जाता है। किताबों को और पढ़ने के लिये ये विश्व स्तर का उत्सव है।
विश्व पुस्तक दिवस को मनाने के पीछे बहुत सी मान्यता हैं। मीगुएल डी सरवेंटस नाम से सबसे प्रसिद्ध लेखक को श्रद्धांजलि देने के लिये स्पेन के विभिन्न किताब बेचने वालों के द्वारा वर्ष 1923 में पहली बार 23 अप्रैल की तारीख अर्थात् विश्व पुस्तक दिवस और किताबों के बीच संबंध स्थापित हुआ था। ये दिन मीगुएल डी सरवेंटस की पुण्यतिथि है।
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस को मनाने के लिये यूनेस्को द्वारा 1995 में पहली बार विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैल मनाये जाने की घोषणा हुई। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, विलियम शेक्सपियर, व्लादिमीर नबोकोव, मैमुएल सेजिया वैलेजो का जन्म और मृत्यु वर्षगाँठ, मीगुअल डी सरवेंटस (22 अप्रैल को मृत्यु और 23 अप्रैल को दफनाए गये), जोसेफ प्ला, इंका गारसीलासो डी ला वेगा का मृत्यु वर्षगाँठ और मैनुअल वैलेजो, मॉरिस द्रुओन और हॉलडोर लैक्सनेस का जन्म वर्षगाँठ होता है। 23 अप्रैल विश्व साहित्य में एक प्रतीकात्मक तिथि है। वर्ष 1616 में 23 अप्रैल को ही साहित्यकार विलियम शेक्सपियर, सेर्वंटेस और इंका गार्सिलासो का निधन हुआ था।
इंसान के बचपन से स्कूल से आरंभ हुई पढ़ाई जीवन के अंत तक चलती है। लेकिन अब कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण पुस्तकों से लोगों की दूरी बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि लोगों और किताबों के बीच की दूरी को खत्म करने के लिए यूनेस्को ने '23 अप्रैल' को 'विश्व पुस्तक दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यूनेस्को के निर्णय के बाद से पूरे विश्व में इस दिन 'विश्व पुस्तक दिवस' मनाया जाता है। विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि 23 अप्रैल 1616 कई महान हस्तियों की मृत्यु वर्षगाँठ थी। लोगों और देश की सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की ओर अपने विशेष योगदानों के लिये नये विचारों को उत्पन्न करने के साथ ही किताबों के बीच असली खुशी और ज्ञान की खोज करने तथा किताबें पढ़ने के लिये ये आम लोगों खासतौर से युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए ये दिवस मनाया जाता है।
विश्व पुस्तक दिवस मनाने का कई तरीका उपलब्ध है। कई लोग अपने पसंदिता किताब को बाजार से खरीदकर उसे पढ़कर विश्व पुस्तक दिवस को मनाने में कोई भी शामिल हो सकता है। जहाँ सभी पसंसदीदा किताब ब्रैंड, चरित्र या लेखक पर आधारित होती है। लेखकों और दूसरी महत्वपूर्णं बातों के बारे में जानने के लिये उनमें जिज्ञासा उत्पन्न करने के साथ ही पढ़ने की आदत के लिये बच्चों को पास लाने में विश्व पुस्तक दिवस एक बड़ी भूमिका अदा करता है। बच्चों के बीच पढ़ने की आदत को आसानी से बढ़ावा देना, कॉपीराइट का प्रयोग कर बौद्धिक संपत्ति का प्रकाशन और सुरक्षित रखने के लिये यूनेस्को द्वारा पूरे विश्व भर में इसे मनाने की शुरुआत हुई। शिक्षकों, लेखकों, प्रकाशकों, लाइब्रेरियन, सभी निजी और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों, एनजीओ, कार्यरत लोगों का समूह, मास मीडिया आदि के द्वारा खासतौर से विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। यूनेस्को राष्ट्रीय परिषद, यूनेस्को क्लब, केन्द्रीय संस्थान, पुस्तकालय, स्कूल और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
विश्व पुस्तक दिवस के द्वारा इच्छुक लोग ऐच्छिक संगठनों, विश्वविद्यालयों स्कूलों, सरकारी या पेशेवर समूहों, निजी व्यापार आदि से जुड़ते है। विश्व पुस्तक और कॉपीरइट दिवस उत्सव विश्व भर के सभी महाद्वीपों और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से लोगों को आकर्षित करता है। ये लोगों को नये विचार को खोजने और अपने ज्ञान को फैलाने में सक्षम बनाता है। किताबें विरासत का ख़जाना, संस्कृति, ज्ञान की खिड़की, संवाद के लिये यंत्र, संपन्नता का स्रोत आदि हैं।
विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस को मनाने का उद्देश्य है, जीवन को बेहतर बनाने के लिए पुस्तकों की शक्ति को पहचानना है। आमतौर पर, इसे लेखक, चित्रकार के द्वारा आम लोगों के बीच में पढ़ने को प्रोत्साहन देने के लिये मनाया जाता है।
हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है। इस दिन को लेकर देशभर छात्रों, लेखकों तथा पब्लिशर्स में काफी उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन विद्यालयों तथा पुस्तक विक्रेता संघों द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। कई जगह इस दिन परिसर में पुस्तक मेला का भी आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध रहती है। लोगों में पुस्तक प्रेम को जागृत करने के लिए मनाये जाने वाले 'विश्व पुस्तक दिवस' पर जहाँ स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई की आदत डालने के लिए सस्ते दामों पर पुस्तकें बाँटने जैसे अभियान चलाये जाते है, वहीं स्कूलों या फिर सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शनियां लगाकर पुस्तक पढ़ने के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है।
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