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रूपरेखा : प्रस्तावना - विश्व जैव विविधता दिवस कब मनाया जाता है - जैव विविधता क्या है - जैव विविधता के प्रकार - विश्व जैव विविधता दिवस का इतिहास - विश्व जैव विविधता दिवस क्यों मनाया जाता है - विश्व जैव विविधता दिवस कैसे मनाया जाता है - विश्व जैव विविधता दिवस का महत्व - भारत में कितने जैव विविधता हॉटस्पॉट है - विश्व जैव विविधता दिवस का थीम (विषय) - उपसंहार।
प्रस्तावना / विश्व जैव विविधता दिवस / अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस / बायो-डायवर्सिटी डे -विश्व जैव विविधता दिवस अथवा अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस को अंग्रेजी में "International Day for Biological Diversity" कहते हैं। प्रत्येक वर्ष 22 मई को विश्व स्तर पर ये दिवस मनाया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2000 में‘अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस’ के रूप में घोषित किया है। जैव विविधता सभी जीवों एवं पारिस्थितिकी तंत्रों की विभिन्नता एवं असमानता को कहा जाता है।
हर साल 22 मई को दुनिया भर में विश्व जैव विविधता दिवस अथवा अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2021, 22 मई शनिवार के दिन मनाया जायेगा। अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2021 की थीम "हम समाधान का हिस्सा हैं (We're part of the solution For Nature)" हैं।
जैव विविधता, किसी दिये गये पारिस्थितिकी तंत्र, बायोम, या एक पूरे ग्रह में जीवन के रूपों की विभिन्नता का परिमाण है। जैव विविधता जीवन और विविधता के संयोग से निर्मित शब्द है जो आम तौर पर पृथ्वी पर मौजूद जीवन की विविधता और परिवर्तनशीलता को संदर्भित करता है। जैव विविधता किसी जैविक तंत्र के स्वास्थ्य का द्योतक है। पृथ्वी पर जीवन आज लाखों विशिष्ट जैविक प्रजातियों के रूप में उपस्थित हैं। जैव विविधता एक प्राकृतिक संसाधन है जिससे हमारी जीवन की सम्पूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति होती है।
जैव विविधता तीन प्रकार की होती है-
अनुवांशिक विविधता - एक ही प्रजाति के जीवों में होने वाली विविधताओं को अनुवांशिक विविधता कहते है।
प्रजातीय विविधता - जिसमें एक ही प्रजाति के जीव एक दूसरे से काफ़ी समानता रखते हैं उसे प्रजातीय विविधता कहते हैं।
पारितंत्र विविधता - जो आवास एवं जैव समुदाओं के अंतर को प्रदर्शित करती है उसे पारिस्थितिकी विविधता अथवा पारितंत्र विविधता कहते है।
विश्व जैव विविधता दिवस का इतिहास ये बताता है कि, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर, 2000 को 22 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस’ के रूप में घोषित किया था। इसके पीछे यूएनओ का मुख्य उद्देश्य यह था की विश्व में सभी लोगो को जैव विविधता के प्रति सतर्क किया जाये जिससे विश्व की जैव विविधताओं को बनी रहे और उसका संरक्षण किया जा सके। इसे सबसे पहले साल 1993 में मनाया गया था। उस समय यह 29 दिसंबर को मनाया गया था। इसके बाद साल 2001 से यह हर साल 22 मई को मनाया जाता है। तब से अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
लोगों को जैव विविधता के प्रति जागरूक कराने के लिए तथा इसका हमारे जीवन में कितना महत्व रखता है ये बताने के लिए विश्व जैव विविधता दिवस अथवा अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता हैं।
विश्व जैव विविधता दिवस के दिन हमें एक ऐसे पर्यावरण का निर्माण करना है, जो जैव विविधता में समृद्ध, टिकाऊ और आर्थिक गतिविधियों के लिए हमें अवसर प्रदान कर सकें। हमें जैव विविधता का संरक्षण करना होगा क्यूंकि जैव विविधता के कमी होने से प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, सूखा और तूफान आदि आने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। हमें जगह-जगह पेड़-पौधे, अनेक प्रकार के जीव-जंतु, मिट्टी, हवा, पानी, महासागर-पठार, समुद्र-नदियां इन सभी प्रकृति की देन का हमें संरक्षण करना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व एवं विकास के लिए काम आती है।
जीवन में जैव विविधता का अधिक महत्व है। हमें एक ऐसे पर्यावरण का निर्माण करना है, जो जैव विविधता में समृद्ध, टिकाऊ और आर्थिक गतिविधियों के लिए अवसर प्रदान कर सके। जैव विविधता के कमी होने से प्राकृतिक आपदा, जैसे- बाढ़, सूखा और तूफ़ान आदि आने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। इसीलिए हमारे लिए जैव विविधता का संरक्षण बहुत ज़रूरी है। लाखों विशिष्ट जैविक और कई प्रजातियों के रूप में पृथ्वी पर जीवन उपस्थित है और हमारा जीवन प्रकृति का अनुपम उपहार है। अत: पेड़-पौधे, अनेक प्रकार के जीव-जंतु, मिट्टी, हवा, पानी, महासागर, पठार, समुद्र, नदियां इन सभी प्रकृति की देन का हमें संरक्षण करना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व एवं विकास के लिए काम आती है। इसके अलावा जैव विविधता का सामाजिक, नैतिक तथा अन्य प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष महत्व है, जो हमारे लिये महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव विविधता का महत्व देखते हुए ही जैव विविधता दिवस को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
वर्तमान में भारत में चार हाटस्पाँट क्षेत्र है। भारत मे जैव मंडल आरचित छेत्र - नीलगिरी है ।
भारत जैव विविधता हॉटस्पॉट-
विश्व के बारह चिन्हित मेगा बायोडाइवर्सिटी केन्द्रों में से भारत एक है। जैव विविधता, किसी दिये गये पारिस्थितिकी तंत्र, बायोम, या एक पूरे ग्रह में जीवन के रूपों की विभिन्नता का परिमाण है। विश्व के 18 चिन्हित बायोलाजिकल हाटस्पाँट में से भारत में दो पूर्वी हिमालय और पश्चिमी घाट हैं। जैव विविधता तीन प्रकार की होती है- आनुवंशिक विविधता, प्रजातीय विविधता तथा पारितंत्र विविधता। भारत सरकार ने देश भर में 18 बायोस्फीयर भंडार स्थापित किये हैं जो जीव जंतुओं के प्राकृतिक भू-भाग की रक्षा करते हैं और अकसर आर्थिक उपयोगों के लिए स्थापित बफर जोनों के साथ एक या ज्यादा राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य को संरक्षित रखने का काम करते हैं। लोगों को जैव विविधता के प्रति जागरूक कराने के लिए तथा इसका हमारे जीवन में कितना महत्व रखता है ये बताने के लिए विश्व जैव विविधता दिवस अथवा अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता हैं।
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