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रुपरेखा : प्रस्तावना - उत्कल दिवस 2021 - उत्कल दिवस का इतिहास - उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है - उत्कल दिवस कैसे मनाया जाता है - उपसंहार।
प्रस्तावना -ओडिशा राज्य की स्थापना दिवस के रूप में हर साल 1 अप्रैल को ओडिशा राज्य के लोगों द्वारा मनाया जाता है। ओडिशा स्थापना दिवस को उत्कल दिवस भी कहा जाता है। उत्कल दिवस मनाने के पीछे मूल रूप से भाषा एवं संस्कृति के रूप में अलग हुए ओडिशा राज्य और उसके लिए संघर्ष की कहानी है।
हर साल 1 अप्रैल को ओडिशा राज्य के लोगों द्वारा 'उत्कल दिवस' अथवा 'ओडिशा स्थापना दिवस' मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, 1 अप्रैल गुरुवार के दिन पुरे देश-विदेश में ओडिशा लोगों द्वारा यह दिवस मनाया गया है।
1 अप्रैल, 1936 में उड़ीसा अथवा ओडिशा को एक अलग राज्य के रूप में घोषित किया गया। इसी के उत्सव में उत्कल दिवस प्रतिवर्ष 1 अप्रैल को ख़ुशी के साथ मनाया जाता है। 1936 में बिहार राज्य से भाषा एवं संस्कृति के आधार पर स्वतंत्र ओडिशा राज्य का गठन हुआ, जिसके निर्माण के पीछे उत्कल गौरव बैरिस्टर मधुसूदन दास, उत्कल मणि पंडित गोपबंधु दास, पंडित गोदावरीश मिश्र, महाराज कृष्णचन्द्र भन्जदेव आदि लोगों का महत्पूर्ण योगदान रहा। 1950 में उड़ीसा भारत का संघटक राज्य बन गया। बाद में वर्ष 2011 में उड़ीसा को ओडिशा (Orissa to Odisha) के नाम से संविधान में संशोधन किया गया। साथ ही ओरिया भाषा को भी ओडिया (Oriya to Odia) नाम में बदला गया। उत्कल गौरव मधुसुदन दास, उत्कलमणि गोपबंधु दास, महाराजा श्री रामचंद्र भंजदियो, महाराजा श्री कृष्ण चन्द्र गजपति, रजा बैकुंठनाथ डे, फ़क़ीर मोहन सेनापति, गंगाधर मेहर और गौरीशंकर रे जी के अग्रणी प्रयासों के कारण ओडिशा एक अलग सुन्दर भाषाओं परम्पराओं का राज्य बन पाया।
भारत देश में स्थित ओडिशा राज्य की स्थापना दिवस को याद करते हुए हर साल 1 अप्रैल को उत्कल दिवस अथवा ओडिशा दिवस मनाया जाता है। ओडिशा को आगे ले जाने और सफल बनाने के लिए अपना योगदान और बलिदान देनेवाले वीरों को याद करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन को उत्कल दिवस के नाम से जाना जाता है।
उत्कल दिवस ना सिर्फ भारत के अलग-अलग राज्यों में मनाया जाता है बल्कि यह अन्य देशों में भी मनाया जाता है जहाँ ओडिशा के लोग रहते हैं। यह दिवस मनाने के लिए कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम राज्य के कई बड़े से छोटे शहरों में आयोजित करते हैं। इस दिन ओडिशा राज्य में छुट्टी का दिन होता है। साथ ही कई जगह सांस्कृतिक विषयों पर प्रतियोगिताएं किए जाते जिनमे बच्चों से ले कर बड़े सब भाग लेते हैं। रात के समय कई प्रकार के सस्तरिया संगीत और ओडिशा के गौरव को दर्शाते नृत्य और गीत समहरोह भी आयोजित किए जाते हैं। इस दिन रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन ओडिशा के पारंपरिक नृत्य की भी प्रस्तुति किया जाता है।
उत्कल दिवस के दिन ओडिशा के कई क्षत्रों में विभिन्न कार्यक्रम को आयोजित किया जाता है। कार्यक्रम के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को अतिथियों पुरस्कृत करते है । उत्कल दिवस ना सिर्फ भारत के अलग-अलग राज्यों में मनाया जाता है बल्कि यह अन्य देशों में भी मनाया जाता है जहाँ ओडिशा के लोग रहते हैं। यह दिवस मनाने के लिए कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम राज्य के कई बड़े से छोटे शहरों में आयोजित करते हैं। इस दिन ओडिशा राज्य में छुट्टी का दिन होता है। ओडिशा को आगे ले जाने और सफल बनाने के लिए अपना योगदान और बलिदान देनेवाले वीरों को याद करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
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