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रूपरेखा : प्रस्तावना - धूम्रपान निषेध दिवस कब मनाया जाता है - धूम्रपान निषेध दिवस का इतिहास - धूम्रपान करने से होने वाले नुकसान - धूम्रपान से होने वाली परेशानियाँ - धूम्रपान निषेध दिवस क्यों मनाया जाता है - धूम्रपान निषेध दिवस कैसे मनाया जाता है - धूम्रपान निषेध दिवस का उद्देश्य - धूम्रपान निषेध दिवस का विषय (थीम) - उपसंहार।
परिचय / धूम्रपान निषेध दिवस / विश्व धूम्रपान निषेध दिवसधूम्रपान निषेध दिवस को विश्व तंबाकू निषेध दिवस भी कहते हैं। प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व स्तर में धूम्रपान निषेध दिवस मनाया जाता है। धूम्रपान से होने वाले नुक़सान को देखते हुए साल 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य देशों ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके द्वारा 7 अप्रैल, 1988 से इस दिवस को मनाने का फ़ैसला किया गया। इसके बाद हर 31 मई को धूम्रपान निषेध दिवस मनाने का फ़ैसला किया गया। इस दिवस का उद्देश्य धूम्रपान करने से होने वाली हानियों और ख़तरों से विश्व जनमत को अवगत कराके इसके उत्पाद एवं सेवन को कम करने की दिशा में विश्व को आगे बढ़ाना है।
हर साल 31 मई को "धूम्रपान निषेध दिवस" अथवा " विश्व धूम्रपान निषेध दिवस" मनाया जाता है। धूम्रपान निषेध दिवस 2021, 31 मई सोमवार के दिन मनाया जायेगा। धूम्रपान निषेध दिवस 2020 की थीम "युवाओं को उद्योग के हेरफेर से बचाना और उन्हें धूम्रपान और निकोटीन के उपयोग से रोकना (Protecting youth from industry manipulation and preventing them from tobacco and nicotine use)" था। हालाँकि धूम्रपान निषेध दिवस 2021 का विषय (थीम) अभी तक निर्णय नहीं किया है।
धूम्रपान से होने वाले घातक नुक़सान को देखते हुए साल 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य देशों ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके द्वारा 7 अप्रैल, 1988 से इस दिवस को मनाने का फ़ैसला किया गया। इसके बाद हर 31 मई को धूम्रपान निषेध दिवस मनाने का फ़ैसला किया गया। तत्पश्चात हर साल 31 मई को धूम्रपान सेवन को बंद करने के लिए लोगों के अंदर जागरूकता फ़ैलाने के लिए धूम्रपान निषेध दिवस मनाया जाता आ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 31 मई का दिन निर्धारित करके धूम्रपान करने से होने वाली हानियों और ख़तरों से विश्व जनमत (जनता की राय) को अवगत कराके इसके उत्पाद एवं सेवन को कम करने की दिशा में आधारभूत कार्रवाई करने की पहल किया है।
धूम्रपान करने वालों की संख्या भारत में बहुत ज्यादा है। एक रिसर्च के मुताबिक भारत में हर 10वां व्यक्ति किसी न किसी रूप में धूम्रपान करता है। धूम्रपान ज्यादा करने से फेफड़ों के कैंसर होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि धूम्रपान में क्रोमियम, आर्सेनिक, बंजोपाइरींस, निकोटीन, नाइट्रोसामाइंस जैसे तत्व बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। धूम्रपान करने के कारण होने वाले गंभीर रोगों के बारे में यहां बताया गया है।
धूम्रपान या इसके उत्पादों के उपभोग पर रोक लगाने या इस्तेमाल को कम करने के लिये आम जनता को बढ़ावा और प्रोत्साहन देने के लिये पूरे विश्व भर में धूम्रपान निषेध दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के साथ ही विश्व स्तर पर धूम्रपान के उपभोग से बचाने के लिये सभी प्रभावशाली कदम की वास्तविक जरुरत की ओर लोगों और सरकार का ध्यान खींचने के लिए अंतरराष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस मनाया जाता है।
धूम्रपान निषेध दिवस के दिन देश के विभिन्न क्षेत्रों से व्यक्ति, वैश्विक सफलता प्राप्ति के लिये अभियान मनाने में बहुत ही सक्रियता से गैर-लाभकारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन भाग लेते हैं तथा विज्ञापन बाँटने में शामिल होते हैं, नयी थीम और धूम्रपान इस्तेमाल या इसके धुम्रपान संबंधी उत्पादों के बुरे प्रभावों से संबंधित जानकारी पर पोस्टर की प्रदर्शनी की जाती है। विश्व धूम्रपान निषेध अभियान की ओर लोगों के दिमाग को आकर्षित करने के लिये लोग अलग-अलग प्रकार के प्रतीकों का प्रयोग करते हैं। कुछ प्रतीक चिन्ह है, फूलों के साथ साफ ऐस्ट्रे, धूम्रपान इस्तेमाल से नुकसान पहुँचाने वाले मुख्य शारीरिक अंगों को उभारना (जैसे हृदय, फेफड़ा, गुर्दा आदि), धूम्रपान निषेध के चिन्ह को प्रदर्शित करना, धुम्रपान के कारण मस्तिष्क की मृत्यु को दिखाना, इंटरनेट का प्रयोग करके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष पोस्टर प्रदर्शित करना, ब्लॉग आदि दूसरे माध्यमों से लोगों को जागरुक बनाने का प्रेरक कार्य किया जाता है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रम कर लोगों को धूम्रपान से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नुक़सान के बारे में बताया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस का उद्देश्य धूम्रपान उद्योग, स्वास्थ्य के लक्ष्यों को व्यावहारिक होने की दिशा में रुकावट, धूम्रपान उद्योग के मुक़ाबले में धार्मिक मान्यताएं, धूम्रपान को रोकना सबकी ज़िम्मेदारी, धूम्रपान के विस्तार के मुक़ाबले में विधि पालिका, न्याय पालिका और कार्यपालिका की ज़िम्मेदारी और अंततः धूम्रपान की अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को बंद किया जाये जैसे विषयों की समीक्षा की जानी चाहिए। इस मार्ग से धूम्रपान के सेवन में कमी और आम जनमत (जनता की राय) के स्वास्थ्य में वृद्धि की दिशा में महत्त्वपूर्ण क़दम उठाना ये दिवस का उद्देश्य है।
डब्ल्यूएचओ ने स्वास्थ्य पर धूम्रपान के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई प्रकार के अभियान चलाये जाते है। धूम्रपान से होने वाले रोग और इसकी समस्याओं से पूरी दुनिया को मुक्त बनाने के लिये डबल्यूएचओ द्वारा विभिन्न दूसरे स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं जैसे एड्स दिवस, मानसिक स्वास्थ्य दिवस, रक्त दान दिवस, कैंसर दिवस आदि। बहुत ही महत्वपूर्ण ढंग से पूरी दुनिया में सभी कार्यक्रम आयोजित और मनाये जाते हैं। पूरे विश्व से किसी भी रुप में धूम्रपान का सेवन पूरी तरह से रोकने या कम करने के लिये लोगों को बढ़ावा देने और जागरुकता के विचार से इसे मनाया जाता है। दूसरों पर इसकी जटिलताओं के साथ ही धूम्रपान इस्तेमाल के नुकसानदायक प्रभाव के संदेश को फैलाने के लिये वैश्विक तौर पर लोगों का ध्यान खींचना इस उत्सव का लक्ष्य है। इस अभियान में कई वैश्विक संगठन शामिल होते हैं जैसे राज्य सरकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन आदि विभिन्न प्रकार के स्थानीय लोक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर के इस दिवस को मनाया जाता है।
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