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रुपरेखा : प्रस्तावना - राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस २०२१ - राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस २०२१ कैसे मनाया गया है - राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार - पंचायती राज व्यवस्था से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य - उपसंहार।
प्रस्तावना -राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस को अंग्रेजी में 'National Panchayati Raj Day' कहते है। पंचायती राज दिवस का ये दिन ग्रामीण भारत के नवनिर्माण के संकल्पों को दोहराने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। ये दिन ग्राम पंचायतों के योगदान और उनके असाधारण कामों को देखने, समझने और उनकी सराहना करने का दिन होता है।
हर साल भारत देश में 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2021, 24 अप्रैल शनिवार के दिन वर्चुअल माध्यम से मनाया गया है।
इस साल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते देश में अप्रत्याशित स्थिति के बीच 24 अप्रैल (शनिवार) को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का वर्चुअल माध्यम से आयोजन करने का फैसला किया गया था। गौरतलब है कि इससे पहले राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का आयोजन भव्य स्वरूप में किया जाता रहा है और कई अवसरों पर स्वयं प्रधानमंत्री इन आयोजनों में उपस्थित होते रहे हैं। इस वर्ष राष्ट्रीय समारोह को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित करने का प्रस्ताव था।
प्रत्येक वर्ष इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा पंचायतों को लोगों को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए पुरस्कृत करता है। पंचायतों को यह पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में दिए जाते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं: दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार (डीडीयूपीएसपी), नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार (एनडीआरजीजीएसपी), ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) सम्मान और ई-पंचायत पुरस्कार (यह सम्मान केवल राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दिए जाते हैं।
इस वर्ष विभिन्न चुनौतियां और विषम स्थितियों के बीच भी देश की सभी पंचायतों में कई पंचायतों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। इसके लिए पंचायतों को पुरस्कृत किया गया है और अनुदान के रूप में यह पुरस्कार राशि, जो 5 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये के बीच होती है, विजेता पंचायत को सीधे उसके बैंक खाते में प्रधानमंत्री के एक क्लिक के द्वारा पहुंचा दी गयी। ऐसा पहली बार होगा जब आयोजन के समय ही पुरस्कृत राशि पंचायतों के खाते में सीधे भेजी गयी। राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 में विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार के लिए पंचायतों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चयनित किया गया है, जिसमें दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार 224 पंचायतों को दिया गया है। नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार (30 ग्राम पंचायतों को), ग्राम पंचायत विकास योजना (29 ग्राम पंचायतों को), बाल सुलभ ग्राम पंचायत पुरस्कार (30 ग्राम पंचायतों को) और ई-पंचायत पुरस्कार (12 राज्यों को) दिए गए है।
राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार देश की पंचायतों की उपलब्धियों को देश भर से साझा करने का एक मंच बने हैं, जिससे संबंधित पक्ष न सिर्फ अपनी जवाबदेही और प्रतिबद्धता के स्तर को बढ़ाने को लेकर प्रेरित होते हैं बल्कि इसके परिणामस्वरूप राष्ट्र लाभान्वित होता है। हमारे देश के सशक्त पंचायती राज संस्थान न सिर्फ भारत को एक राष्ट्र के रूप में मजबूत करने में मददगार साबित हो रहे हैं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी प्रजातांत्रिक व्यवस्था में अपने सकारात्मक योगदान के चलते दुनिया के अन्य देशों के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
24 अप्रैल, 2021 को 12वें पंचायती राज दिवस आयोजन के अवसर पर बेहतर कार्य के लिए विभिन्न पंचायती राज संस्थाओं को सम्मानित करने के साथ-साथ प्रधानमंत्री, स्वामित्व योजना के अंतर्गत 5002 गांवों के लगभग 4,09,945 संपत्ति मालिकों को वर्चुअल माध्यम से संपत्ति कार्ड/मालिकाना हक़ (संपत्ति पत्रक) वितरित किये। प्रधानमंत्री इस अवसर पर स्वामित्व योजना के संपूर्ण भारत में चरण बद्ध ढंग से क्रियान्वित किए जाने की शुरुआत भी करेंगे जिसके अंतर्गत 2020-25 के दौरान देश के लगभग 6.62 लाख गांवों में इसे क्रियान्वित किया जाएगा। प्रधानमंत्री इस उपलक्ष्य में स्वामित्व योजना पर एक लघु पुस्तिका भी जारी करेंगे जिसमें स्वामित्व योजना के विभिन्न आयामों का उल्लेख किया।
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