ADVERTISEMENT
रुपरेखा : प्रस्तावना - महाराष्ट्र स्थापना दिवस २०२१ - महाराष्ट्र स्थापना दिवस का इतिहास - महाराष्ट्र की राजधानी - महाराष्ट्र स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है - महाराष्ट्र स्थापना दिवस कैसे मनाया जाता है - उपसंहार।
प्रस्तावना / महाराष्ट्र दिवस / महाराष्ट्र स्थापना दिवस -महाराष्ट्र स्थापना दिवस को अंग्रेजी में 'Maharashtra Foundation Day' कहते है। भारत के महाराष्ट्र की स्थापना 1 मई 1960 को हुई थी। तब से इसी दिन के याद में हर साल 1 मई को महाराष्ट्र स्थापना दिवस मनाया जाता है। देश की आज़ादी के बाद मध्य भारत के सभी मराठी भाषा के स्थानों का समीकरण करके एक राज्य बनाने को लेकर बड़ा आंदोलन चला और 1 मई, 1960 को कोंकण, मराठवाडा, पश्चिमी महाराष्ट्र, दक्षिण महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र (खानदेश) तथा विदर्भ, सभी संभागों को जोड़ कर महाराष्ट्र राज्य की स्थापना की गई। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई है।
हर साल भारत देश में 1 मई को हुए महाराष्ट्र राज्य की स्थापना को याद करते हुए तथा उसे उत्सव के तौर पे मनाने के लिए महाराष्ट्र स्थापना दिवस मनाया जाता है। 1 मई को महाराष्ट्र स्थापना दिवस के साथ ही गुजरात स्थापना दिवस और अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (मज़दूर दिवस या मई दिवस) भी मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, 1 मई शनिवार के दिन महाराष्ट्र स्थापना दिवस अथवा महाराष्ट्र दिवस मनाया जायेगा।
देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप 1 मई, 1960 को महाराष्ट्र राज्य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ। यह राज्य आस-पास के मराठी भाषी क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया था, जो पहले चार अलग अलग प्रशासनों के नियंत्रण में था। इनमें मूल ब्रिटिश मुंबई प्रांत में शामिल दमन तथा गोवा के बीच का ज़िला, हैदराबाद के निज़ाम की रियासत के पांच ज़िले, मध्य प्रांत (मध्य प्रदेश) के दक्षिण के आठ ज़िले तथा आस-पास की ऐसी अनेक छोटी-छोटी रियासतें शामिल थी, जो समीपवर्ती ज़िलों में मिल गई थी। देश की आज़ादी के बाद मध्य भारत के सभी मराठी भाषा के स्थानों का समीकरण करके एक राज्य बनाने को लेकर बड़ा आंदोलन चला और 1 मई, 1960 को कोंकण, मराठवाडा, पश्चिमी महाराष्ट्र, दक्षिण महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र (खानदेश) तथा विदर्भ, सभी संभागों को जोड़ कर महाराष्ट्र राज्य की स्थापना की गई।
महाराष्ट्र राज्य की राजधानी "मुंबई (पुराना नाम - बॉम्बे)" है। मुंबई देश की सबसे अमीर शहर माना जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार साल १९६० में भाषा के आधार पर लोग अपने अलग-अलग राज्यों की मांग करने लगे, ताकि मराठी भाषा को जानने वाले लोग एक अलग प्रदेश में रह सकें और गुजराती भाषा को जानने वाले लोग एक अलग प्रदेश में रह सकें। तत्पश्चात लोगों ने गुजरात को एक अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर महागुजरात आंदोलन चलाया गया, जबकि महाराष्ट्र को एक अलग प्रदेश बनाने के उद्देश्य से संयुक्त समिति का गठन किया गया था। इसी संघर्ष को याद करने के लिए तथा महाराष्ट्र को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जिन लोगों ने संघर्ष कर स्वंय को समर्पित किया उनही शूरवीर को याद करने के लिए महाराष्ट्र राज्य का स्थापना दिवस मनाया जाता है। महाराष्ट्र के रहिवासी द्वारा यह दिवस खूब धूम-धाम से मनाया जाता है।
महाराष्ट्र राज्य की स्थापना दिवस के दिन कई जगह कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। उसे ओर खास बनाने के लिए इस दिन कई जगह विशेष परेड निकाली जाती है। कई सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता, जिसमें मराठी संस्कृति और सभ्यता की अनुपम एवं अनूठी झलक देखने को मिलती है। इसके अलावा इस मौके पर उन लोगों को भावपूर्ण श्रद्दांजली अर्पित की जाती है, जो महाराष्ट्र राज्य बनाने के लिए आंदोलन करते वक्त शहीद हो गए थे। महाराष्ट्र के कई सरकारी दफ्तर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम, सेमिनार, उत्सव, आदि देखने को मिलते है। महाराष्ट्र के रहिवासी द्वारा यह दिन किसी उत्सव से कम नहीं होता है। ये दिन वे एक त्यौहार की तरह मनाते है।
'महाराष्ट्र स्थापना दिवस' अथवा ‘महाराष्ट्र डे’ (Maharashtra Foundation Day or Maharashtra Day) को विशेष तरह से मनाए जाने से यहां के लोगों को अपने प्रांत की भाषा और संस्कृति के महत्व को समझने का मौका मिलता हैं, साथ ही उनके अंदर अपने राज्य के प्रति सम्मान की भावना विकसित होती है। महाराष्ट्र स्थापना दिवस के इस विशेष दिन को हर साल बड़े धूम धाम से मनाते है। यहाँ रहने वाले लोगो को महाराष्ट्र के इस इतिहास और उसके महत्व को समझने का सुअवसर प्राप्त होता है। इसलिए 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कई प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किये जाते है, जो महाराष्ट्र राज्य के संस्कृति को दर्शाते है। महाराष्ट्र के रहिवासी द्वारा यह दिन किसी उत्सव से कम नहीं होता है। ये दिन वे एक त्यौहार की तरह मनाते है।
ADVERTISEMENT