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रूपरेखा : प्रस्तावना - अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस 2021 - अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास - अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस क्यों मनाया जाता है - अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस कैसे मनाया जाता है - अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का महत्व - उपसंहार।
प्रस्तावना / अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस / इंटरनेशनल टी डे -अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस को अंग्रेजी में "International Tea Day" कहते हैं। हर साल 21 मई को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस रूप में मनाया जाता है। पहले यह दिवस विश्वभर में हर साल 15 दिसंबर को विभिन्न चाय उत्पादक देशों द्वारा मनाया जाता था। भारत की सिफारिश पर अब संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस घोषित कर दिया है। दरअसल अधिकतर चाय उत्पादक देशों में गुणवत्तापूर्ण चाय उत्पादन का सीजन मई में ही शुरू होता है। यही कारण है की संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाये जाने की शुरुआत हुई।
यह दिवस विश्वभर में हर साल 15 दिसंबर को विभिन्न चाय उत्पादक देशों द्वारा मनाया जाता था। भारत की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाने की घोषणा की गई। वर्ष 2021 में, 21 मई शुक्रवार का दिन अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया गया है।
यह दिन हर साल लोगों और सरकार का ध्यान चाय की ओर खींचने के लिए मनाया जाता है। हालांकि, भारत की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया है। वर्ष 2005 के पहले मिलान में हुई अंतरराष्ट्रीय खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अंतर सरकारी समूह की बैठक में भारत ने यह प्रस्ताव पेश किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने चाय के औषधीय गुणों के साथ सांस्कृतिक महत्व को भी मान्यता दी है। अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की शुरुआत 15 दिसंबर, 2005 को नई दिल्ली से हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस हर किसी के दैनिक जीवन में चाय के महत्त्व को बताता है। अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस दुनिया भर में चाय के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन का लक्ष्य बेहतर व्यापार प्रथाओं और काम की परिस्थितियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ चाय के नैतिक और टिकाऊ उत्पादन पर केंद्रित है। इस दिन का उद्देश्य भूख और गरीबी से लड़ने के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है। इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाने के कई तरीके देखने को मिलते है। इस दिन हर चाय के दुकानों में भीड़ देखने को मिलता है। इस दिन सभी लोग बाहर चाय पीना पसंद करते है। कई लोग अपने परिवारों के साथ एकजुट बैठकर चाय पीते है। हम सभी आज के दिन अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बुलाकर चाय का प्रोग्राम बनाना चाहिए। दुनिया में 80 प्रतिशत लोग चाय के शौक़ीन है। यह दिन चाय प्रेमी के नाम होता है। जो लोग चाय पीना बेहद पसंद करते है। कई जगह यह दिन चाय के स्टाल और दुकानों को सजाया जाता है ताकि लोग चाय के साथ नजारों का भी आनंद ले सके।
चाय उत्पादन और प्रसंस्करण विकासशील देशों में लाखों परिवारों के लिए आजीविका का मुख्य स्रोत है और लाखों गरीब परिवारों के लिए निर्वाह का मुख्य साधन है, जो कम से कम विकसित देशों में रहते हैं। चाय उद्योग कुछ गरीब देशों के लिए आय और निर्यात राजस्व का एक मुख्य स्रोत है और श्रम-गहन क्षेत्र के रूप में, विशेष रूप से दूरस्थ और आर्थिक रूप से वंचित क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करता है। सिर्फ यही नहीं, चाय विकासशील देशों में ग्रामीण विकास, गरीबी में कमी और खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, जो कि सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसलों में से एक है।
चाय के विकास में गहन देखभाल और प्रयास की आवश्यकता होती है। पानी के बाद चाय ऐसा पेय पदार्थ है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा पिया जाता है। शुरू में चाय केवल सर्दियों में दवाई की तरह पी जाती थी। इसे रोज पीने की परंपरा भारत में ही शुरू हुई। भारत में 1835 से चाय पीने की शुरुआत हुई। अगर चाय की पत्तियों को कुछ देर पानी में भिगो दें और उसकी स्मैल (गंध) घर में फैलाएं तो यह प्राकृतिक 'ऑलआउट' का काम करता है और मच्छर भगा देता है। भारत में चाय का उत्पादन मुख्य रूप से असम में होता है और टी ही असम का राष्ट्रीय पेय भी है। ब्लैक टी यानी काली चाय की सबसे ज्यादा खपत भारत में होती है। चाय में एक 'एल-थेनाइन' नाम का इंग्रेडिएंट होता है, जो आपके ब्रेन पॉवर को बढ़ाने में मदद करता है, स्ट्रेस कम करता है, बुद्धि विकास करता है और आपको कुछ देर तक नींद नहीं लगने देता। इसीलिए चाय का महत्व को देखते हुए हर साल ये एक अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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