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रूपरेखा : परिचय - अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस २०२१ में कब है - म्यूजियम किसे कहते हैं - म्यूजियम का क्या महत्व है - अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का इतिहास - अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस क्यों मनाया जाता है - अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस कैसे मनाया जाता है - अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद - भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग की स्थापना - अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का उद्देश्य - अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का थीम (विषय) - उपसंहार।
प्रस्तावना / परिचय / अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस / भारतीय अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस / म्यूजियम डे -अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को अंग्रेजी में "International Museum Day" कहते हैं। हर साल दुनिया भर में 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है। संग्रहालय अर्थात म्यूजियम में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर रखा जाता है। यह दिवस विश्वभर में संग्रहालयों की भूमिका के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। लोग तो चले जाते हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा बनी रहती हैं। यह यादें भी कई तरह से संजोकर रखी जाती हैं। हमारे पूर्वजों ने अपनी यादों को सुन्दर तरीक़े से संजोकर रखा, जिससे कि हम भी उनके बारे में जान सकें। ऐसी कई चीज़ें हैं, जो हमारे पूर्वज तो हमारे लिए रख कर गए। उसे नुक़सान न पहुंचे इसके लिए पुरे विश्व में कई संग्रहालय बना दिये गए। जो हमें अपने पूर्वजों को याद रखने में मदद करते हैं।
प्रत्येक वर्ष 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस अर्थात इंटरनेशनल म्यूजियम डे मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2021, 18 मई मंगलवार के दिन मनाया जायेगा। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2020 का विषय है "समानता: विविधता और समावेश (Museums for Equality: Diversity and Inclusion)"। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2021 का विषय अभी तक निर्णय नहीं किया गया है।
एक ऐसी संस्थान जो समाज की सेवा और विकास के लिए जन-सामान्य के लिए खोली जाती है जहाँ मानव और पर्यावरण की विरासतों के संरक्षण के लिए उनका संग्रह, शोध, प्रचार या प्रदर्शन किया जाता है, जिसका उपयोग शिक्षा, अध्ययन और मनोरंजन के लिए किया जाता है उसे म्यूजियम कहते हैं। म्यूजियम को हिंदी में "संग्रहालय" कहते है। संग्रहालय अर्थात म्यूजियम में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर रखा जाता है।
म्यूजियम में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर रखा जाता है। संग्रहालय में ऐसी अनेक चीज़ें सुरक्षित रखी जाती हैं, जो मानव सभ्यता की याद दिलाती हैं। संग्रहालयों में रखी गई वस्तुएं प्रकृति और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करती हैं।
वर्ष 1983 में संयुक्त राष्ट्र ने संग्रहालयों की विशेषता और उनके महत्व को समझते हुए 18 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। इस दिन 'भारत सरकार' के सभी संग्रहालयों में प्रवेश निःशुल्क कर दिया जाता है।
संग्रहालय में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर रखा जाता है। आम जनता में संग्रहालयों के प्रति जागरुकता फैलाना और उन्हें संग्रहालयों में जाकर अपने इतिहास को जानने के प्रति जागरुक कराने के लिए ये दिवस मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के दिन अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद द्वारा 1992 से प्रत्येक वर्ष एक विषय का चयन करता है एवं जनसामान्य को संग्रहालय विशेषज्ञों से मिलाने एवं संग्रहालय की चुनौतियों से अवगत कराने के लिए स्रोत सामग्री विकसित करता है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के दिन भारत सरकार द्वारा सभी संग्रहालयों में प्रवेश निःशुल्क कर दिया जाता है। इस दिन सारे संग्रहालय में लोग देखने के लिए भरे रहते है। कई निजी क्षेत्र वाले संग्रहालयों में भी प्रवेश निःशुल्क कर दिया जाता है। कई लोग अपने परिवारों के संग हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को ताजा करने जाते है।
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद या इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम (आईसीओएम) संग्रहालयों और संग्रहालय पेशेवरों का एक वैश्विक क्षेत्र है, जो कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत, वर्तमान और भविष्य, मूर्त और अमूर्त के प्रचार और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। संस्कृति और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए आईसीओएम की प्रतिबद्धता अपनी 31 अंतर्राष्ट्रीय समितियों द्वारा के लिए समर्पित है, जो अपने संबंधित क्षेत्रों में संग्रहालय समुदाय के लाभ के लिए उन्नत शोध करते हैं। संगठन, अवैध तस्करी से लड़ने, आपातकालीन स्थितियों में संग्रहालयों की सहायता करने, और अन्य कार्यकलापों में शामिल है। आईसीओएम ने 1977 में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस बनाने की शुरुआत की तत्पश्चात हर वर्ष 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ये दिवस मनाया जाता है।
भारत में भी ‘अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस’ के अवसर पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य आम जनता, छात्रों एवं शोधार्थियों को विभिन्न संग्रहालयों में उपलब्ध समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की जानकारी देना है। इस दिन भारत सरकार द्वारा उनके सभी संग्रहालयों में प्रवेश निःशुल्क कर दिया जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के तहत देश में 50 से अधिक संग्रहालय हैं।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में संग्रहालयों के प्रति जागरूकता फैलाना और उन्हें संग्रहालयों में जाकर अपने इतिहास को जानने के प्रति जागरूक बनाना है। संग्रहालयों में रखी गई वस्तुएं प्रकृति और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करती हैं। इस दिवस का उद्देश्य विकासशील समाज में संग्रहालयों की भूमिका के प्रति जन-जागरूकता को बढ़ाना है।
अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद द्वारा 1992 से प्रत्येक वर्ष एक थीम (विषय) का चयन करता है एवं जनसामान्य को संग्रहालय विशेषज्ञों से मिलाने एवं संग्रहालय की चुनौतियों से अवगत कराने के लिए स्रोत सामग्री विकसित करता है। इस थीम के माध्यम से हर साल नयी सोच और नयी जागरूकता फ़ैलाने का काम करती है।
प्रत्येक वर्ष विश्वभर में 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है। संग्रहालय अर्थात म्यूजियम में हमारे पूर्वजों की अनमोल यादों को संजोकर रखा जाता है। यह दिवस विश्वभर में संग्रहालयों की भूमिका के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल मनाया जाता है। संग्रहालय (म्यूजियम) एक ऐसा संस्थान है जो समाज की सेवा और विकास के लिए जन-सामान्य के लिए खोली जाती है जहाँ मानव और पर्यावरण की विरासतों के संरक्षण के लिए उनका संग्रह, शोध, प्रचार या प्रदर्शन किया जाता है, जिसका उपयोग शिक्षा, अध्ययन और मनोरंजन के लिए किया जाता है। संग्रहालयों में रखी गई वस्तुएं प्रकृति और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करना इसका महत्व है।
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