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रुपरेखा : प्रस्तावना - अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस 2022 - अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस क्यों मनाया जाता है - अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस कैसे मनाया जाता है - अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस का उद्श्य - उपसंहार।
प्रस्तावना / अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस -प्रतिवर्ष 15 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य बच्चों में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना तथा कैंसर के गुणवत्तापूर्ण उपचार के लिए कार्य करना है। अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस एक वैश्विक सहयोगी अभियान है जो कैंसर पीड़ित बच्चों तथा उनके परिवारों को समर्थन व्यक्त करता है।
प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस, 15 फरवरी को मनाया जाता है। इस साल अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस 2022, 15 फरवरी मंगलवार के दिन मनाया जायेगा।
कैंसर बच्चों में बहुत बड़ा मृत्यु कारक है। विश्व में प्रतिवर्ष 4 लाख बच्चों में कैंसर के लक्षण पाए जाते हैं। गौरतलब है कि निम्न व माध्यम वर्गीय देशों में कैंसर से पीड़ित बच्चों की मृत्यु दर 85% है। जबकि विकसित देशों में कैंसर से पीड़ित 70% बच्चों का जीवन बच जाता है। अतः इस असमानता को कम करने की ज़रुरत है। बच्चों में कैंसर की पहचान या रोकथाम के लिये और कैंसर से बचाव के उपाय तथा खतरों के बारे में बच्चों और उनके परिवारों को जागरुक करने के लिये अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस मनाया जाता है। कई जगह कैंसर से पीड़ित बच्चों को आम लोगों द्वारा समाज में घृणा और अस्पृश्य के रुप में समझा जाता है। आम लोगों में कैंसर से संबंधित विभिन्न प्रकार के सामाजिक मिथक है जैसे कि कैंसर पीड़ित के साथ रहने या स्पर्श से उन्हें भी ये घातक बीमारी हो सकती है। इस तरह के मिथक को खत्म करने के लिये पूरे विश्व में कैंसर दिवस मनाना जरुरी है। इसके होने के कारण, लक्षण और उपचार आदि जैसे कैंसर की सभी वास्तविकता के बारे में सामान्य जागरुकता बनाने के लिये इसे कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। कैंसर पीड़ित बच्चों की यात्रा को आसान और खुशहाल बनाने या कैंसर को हराने के लिये तथा उनका मनोबल बढ़ाने, ऊर्जावान महसूस कराने और आत्म विश्वास देना ही बाल कैंसर दिवस मनाने का उद्श्य है।
कैंसर से बचाव और इसके रोकथाम के बारे में जानकारी देने के लिये प्रमुख स्वास्थ्य संगठन के साथ ही गैर-सरकारी संगठन कैंप आयोजित करके, जागरुकता कार्यक्रम, रैली, भाषण, सेमिनार आदि के द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस मनाया जाता है। विभिन्न नियंत्रित उपाय नीति लागू की गयी है तथा बड़ी संख्या में इससे जुड़ने के लिये लोगों को बढ़ावा दिया जाता है। आम नागरिक इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य होते है जिनके लिये ये संदेश फैलाया और बाँटा जाता है जिससे कैंसर को नियंत्रित किया जा सके। तदनुसार यूआईसीसी के द्वारा बेहतर सहायता के लिये एक उपकरण साजो-सामान जिसके पास साँचा, सूचना पत्रक, और निर्देश होता है, विभिन्न संगठनों के लिये उपलब्ध कराया जाता है। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस और हेपेटाईटिस बी के अलावा टीकाकरण के तरीकों के बारे में भी लोगों को जागरुक किया जाता हैं। इस दिन पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं कि कैंसर से पीड़ित बच्चों को अलग से उपचारित न किया जाये, उन्हें समाज में एक आम इंसान की तरह जीने का अधिकार होना चाहिये और कोई भी रिश्ता उनके लिये बदलना नहीं चाहिये। अपने रिश्तेदारों के द्वारा उनकी हर इच्छाओं को पूरा करना चाहिये भले ही उनके जीने की उम्मीद कम क्यों न हों। ये बहुत जरुरी है कि उन्हें एक आम इंसान की तरह अच्छा महसूस कराना चाहिये और ऐसा प्रतीत नहीं कराना चाहिये जैसे उनको कुछ उपचार दिया जा रहा है क्योंकि वो मरने वाले हैं। उन्हें आत्म-सम्मान को महसूस करने की जरुरत है और अपने समाज और घर में एक सामान्य वातावरण की जरुरत होती है।
अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस मनाने का उद्श्य कैंसर का शीघ्र निदान, सस्ती व उच्च गुणवत्ता युक्ता दवाओं की उपलब्धता, बेहतर उपचार, कैंसर से पीडि़त बच्चों की बेहतर देखभाल करवाना, आदि। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य बच्चों में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना तथा कैंसर के गुणवत्तापूर्ण उपचार के लिए कार्य करना है।
कैंसर से बचाव और इसके रोकथाम के बारे में जानकारी देने के लिये प्रमुख स्वास्थ्य संगठन के साथ ही गैर-सरकारी संगठन कैंप आयोजित करके, जागरुकता कार्यक्रम, रैली, भाषण, सेमिनार आदि के द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाल कैंसर दिवस मनाया जाता है। कैंसर बच्चों में बहुत बड़ा मृत्यु कारक है। विश्व में प्रतिवर्ष कई लाख बच्चों में कैंसर के लक्षण पाए जाते हैं। गौरतलब है कि निम्न व माध्यम वर्गीय देशों में कैंसर से पीड़ित बच्चों की मृत्यु दर अधिक है। जबकि विकसित देशों में कैंसर से पीड़ित बच्चों का जीवन बच जाता है। हम बच्चों में होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना तथा कैंसर के गुणवत्तापूर्ण उपचार कर के इस असमानता को कम कर सकते है।
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