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रुपरेखा : प्रस्तावना - गुजरात स्थापना दिवस २०२१ - गुजरात स्थापना दिवस का इतिहास - गुजरात की राजधानी - गुजरात स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है - गुजरात स्थापना दिवस कैसे मनाया जाता है - उपसंहार।
प्रस्तावना / गुजरात दिवस / गुजरात स्थापना दिवस -गुजरात स्थापना दिवस को अंग्रेजी में 'Gujarat Foundation Day' कहते है। भारत के गुजरात राज्य की स्थापना 1 मई 1960 को हुई थी। तब से इसी दिन के याद में हर साल 1 मई को गुजरात स्थापना दिवस अथवा गुजरात दिवस मनाया जाता है। गुजरात पश्चिमी भारत में स्थित सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा अंतराष्ट्रीय सीमा है। गुजरात को “महापुरुषों की धरती” कहा जाता है। यहां महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और अब नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं ने जन्म लिया है। विशाल अरब सागर इसकी भूगोलीय सीमा है। पश्चिम में पकिस्तान तथा अरब सागर स्थित है। गुजरात राज्य केउत्तर में राजस्थान, दक्षिण-पूर्व में मध्य प्रदेश और दक्षिण में महाराष्ट्र राज्य दमन, दीव और दादरा जैसे केंद्र शासित प्रदेश है। गुजरात राज्य की राजधानी गांधीनगर है। अहमदाबाद यहाँ का सबसे बड़ा नगर है।
हर साल भारत देश में 1 मई को हुए गुजरात राज्य की स्थापना को याद करते हुए तथा उसे उत्सव के तौर पे मनाने के लिए गुजरात स्थापना दिवस मनाया जाता है। 1 मई को गुजरात स्थापना दिवस के साथ ही महाराष्ट्र स्थापना दिवस और अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (मज़दूर दिवस या मई दिवस) भी मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, 1 मई शनिवार के दिन गुजरात स्थापना दिवस अथवा गुजरात दिवस मनाया गया है।
देश के राज्यों के भाषायी पुनर्गठन के फलस्वरूप 1 मई, 1960 को गुजरात राज्य का प्रशासनिक प्रादुर्भाव हुआ। भारत के स्वतंत्र होने के समय यह प्रदेश मुम्बई राज्य का अंग था। अलग गुजरात की स्थापना 1 मई, 1960 को हुआ। महाराष्ट्र की स्थापना के पचास साल पूरे हो गये हैं। महाराष्ट्र और गुजरात का स्थापना दिवस 1 मई को मनाया जाता है कभी ये दोनों राज्य मुंबई का हिस्सा थे। जब मुंबई राज्य से महाराष्ट्र और गुजरात के गठन का प्रस्ताव आया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मुंबई को अलग केन्द्रशासित प्रदेश बनाने की वकालत की। उनका तर्क था कि अगर मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी बने रहना है तो यह करना आवश्यक है। प्राचीनता एवं ऐतिहासिकता की दृष्टि से गुजरात, भारत का अत्यंत महत्त्वपूर्ण राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से लगी है। गुजरात का क्षेत्रफल 1,96,024 वर्ग किलोमीटर है। यहाँ मिले पुरातात्विक अवशेषों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस राज्य में मानव सभ्यता का विकास 5 हज़ार वर्ष पहले हो चुका था। कहा जाता है कि ई. पू. 2500 वर्ष पहले पंजाब से हड़प्पा वासियों ने कच्छ के रण पार कर नर्मदा की उपत्यका में मौजूदा गुजरात की नींव डाली थी।
गुजरात राज्य की राजधानी "गाँधीनगर" है। गाँधीनगर (Gandhinagar) अहमदाबाद से उत्तर में साबरमती नदी के किनारे बसा हुआ है। चंडीगढ़ के बाद, यह भारत का दूसरा ऐसा शहर था जिसे पूरी तरह आयोजन से बसाया गया। इसे 'हरित नगर' (ग्रीन सीटी) कहा जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार साल १९६० में भाषा के आधार पर लोग अपने अलग-अलग राज्यों की मांग करने लगे, ताकि मराठी भाषा को जानने वाले लोग एक अलग प्रदेश में रह सकें और गुजराती भाषा को जानने वाले लोग एक अलग प्रदेश में रह सकें। तत्पश्चात लोगों ने गुजरात को एक अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर महागुजरात आंदोलन चलाया गया । इसी संघर्ष को याद करने के लिए तथा गुजरात को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जिन लोगों ने संघर्ष कर स्वंय को समर्पित किया उनही शूरवीर को याद करने के लिए गुजरात राज्य का स्थापना दिवस मनाया जाता है। गुजरात के रहिवासी द्वारा यह दिवस खूब धूम-धाम से मनाया जाता है।
गुजरात राज्य की स्थापना दिवस के दिन कई जगह कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। उसे ओर खास बनाने के लिए इस दिन कई जगह विशेष परेड निकाली जाती है। कई सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता, जिसमें गुजरती संस्कृति और सभ्यता की अनुपम एवं अनूठी झलक देखने को मिलती है। इसके अलावा इस मौके पर उन लोगों को भावपूर्ण श्रद्दांजली अर्पित की जाती है, जो गुजरात राज्य बनाने के लिए आंदोलन करते वक्त शहीद हो गए थे। गुजरात के कई सरकारी दफ्तर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम, सेमिनार, उत्सव, आदि देखने को मिलते है। गुजरात के रहिवासी द्वारा यह दिन किसी उत्सव से कम नहीं होता है। ये दिन वे एक त्यौहार की तरह मनाते है।
'गुजरात स्थापना दिवस' अथवा ‘गुजरात डे’ (Gujarat Foundation Day or Gujarat Day) को विशेष तरह से मनाए जाने से यहां के लोगों को अपने प्रांत की भाषा और संस्कृति के महत्व को समझने का मौका मिलता हैं, साथ ही उनके अंदर अपने राज्य के प्रति सम्मान की भावना विकसित होती है। गुजरात स्थापना दिवस के इस विशेष दिन को हर साल बड़े धूम धाम से मनाते है। यहाँ रहने वाले लोगो को गुजरात के इस इतिहास और उसके महत्व को समझने का सुअवसर प्राप्त होता है। इसलिए 1 मई को गुजरात स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कई प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किये जाते है, जो गुजरात राज्य के संस्कृति को दर्शाते है। गुजरात के रहिवासी द्वारा यह दिन किसी उत्सव से कम नहीं होता है। ये दिन वे एक त्यौहार की तरह मनाते है।
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