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रुपरेखा : प्रस्तावना - गुड फ्राइडे 2021 - गुड फ्राइडे का इतिहास - गुड फ्राइडे क्या है - गुड फ्राइडे क्यों मनाते है - गुड फ्राइडे कैसे मनाते है - गुड फ्राइडे का महत्व - गुड फ्राइडे के सात वचन - उपसंहार।
प्रस्तावना -गुड फ्राइडे को अंग्रेजी में 'Good Friday' कहते है। गुड फ्राइडे ईसाई धर्म के लोगों का त्योहार है जिसे 'होली फ्राइडे' और 'ग्रेट फ्राइडे' के नाम से भी जाना जाता है। गुड फ्राइडे को ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ईसा मसीह को कई शारीरिक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था। इस कारण इस त्योहार को ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है। ईसाई धर्म के लोगों की मान्यताओं के अनुसार यीशु (ईसा मसीह) ने लोगों की भलाई के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे। इसलिए इस शोक दिवस को ‘गुड’ का नाम दिया गया है और वो दिन शुक्रवार का दिन था इसीलिए इस दिन को 'गुड फ्राइडे' के नाम से जाना जाता है।
ईस्टर दिवस या ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को शोक दिवस के रूप में हर साल गुड फ्राइडे मनाया जाता है। गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय का शौक दिवस है जिसे उनके गुरु यीशु (ईसा मसीह) के याद में मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है की इस दिन यीशु (ईसा मसीह) को कई शारीरिक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था। वर्ष 2021 में, 2 अप्रैल शुक्रवार के दिन ईसाईयों लोगों द्वारा मनाया गया है।
मान्यताओं के अनुसार आज से लगभग तीन हजार साल पहले की बात है, जेरूसलम नामक प्राचीन नगर में प्रभु यीशु (ईसा मसीह) लोगों को मानवता, भाईचारे, एकता, अहिंसा और शांति का उपदेश दे रहे थे। वहां के लोगों में उनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए वहां के धर्मगुरुओं ने फैसला लिया और ईसा को मानवता का शत्रु घोषित कर दिया। इसके बाद भी इनकी लोकप्रियता बढ़ती गई। इसके बाद ईसा को राजद्रोह का आरोप लगा कर मृत्यु दंड देने का फरमान जारी कर दिया गया। मृत्यु दंड का फरमान जारी होने के बाद ईसा को बंधी बना लिया गया और उन्हें कोड़ों और चाबुकों से मारा गया। यही खत्म नहीं हुआ उसके बाद उन्हें काटों का ताज पहना कर कई जगह शारीरिक यातनाएं दी गई। आखिर में शाम को उन्हें कीलों से ढोकते हुए सूली (क्रॉस) पर लटका दिया गया। ईसाई धर्म का महान ग्रंथ बाइबल के अनुसार ईसा मसीह को छह घंटों तक कीलों से ठोक कर सूली पर लटकाया गया था। आखिरी के तीन घंटों में पूरे राज्य में अंधेरा छा गया था। महाप्रभु ईसा ने सारे संसार का पाप अपने पर ओढ़ लिया और उसके शुद्धि के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व त्याग दिया। यही कारण है कि उनका न केवल ईसाइयों लोगों के लिए है बल्कि समग्र मानवजाति के लिए एक सीख है। इसी दिन को याद करते हुए हर साल गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है।
जिस दिन ईसाइयों के धर्मगुरु यीशु (ईसा मसीह) को सूली पर चढ़ाया गया था उस दिन को काला दिन या गुड फ्राइडे के नाम से जाना जाता है। यह सप्ताह बहुत पवित्र माना गया है। इस पवित्र सप्ताह पर चर्च में किसी तरह का उत्सव नहीं मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार ईसा मसीह का जन्म इजरायल के एक गांव बैथलहम में हुआ था। यीशु की प्रतिभा बचपन से ही अप्रतिम थी। दया, करुणा, मानवता, भाईचारे, एकता, अहिंसा और शांति उनके भीतर बाल काल से ही समाए हुए थे। उन्हीं की याद में हर साल गुड फ्राइडे के रूप में पुरे विश्व भर में मनाया जाता है ।
गुड फ्राइडे ईसाईयों लोगों द्वारा मनाया जाने वाला उत्सव है जिसे हर साल मनाया जाता है। इसे ग्रेट फ्राइडे या होली फ्राइडे भी कहा जाता हैं। यह एक शोक पर्व है जो हर वर्ष ईस्टर से पहले आने वाले शुक्रवार को पुरे विश्व भर में मनाया जाता हैं। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन को ईसा मसीह को यातनाएं देकर सूली पर चढ़ाया गया था इसीलिए इस दिन के याद में हर साल गुड फ्राइडे के रूप में मनाते है। कई जगहों पर इसे ब्लैक फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। शोक दिवस को गुड डे कहने के पीछे यह मान्यता है कि मसीह ने अच्छाई के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था इस वजह से उनके जीवन से जुड़े इस आखिरी दिन को ईसा मसीह के अनुयायियों द्वारा गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता हैं।
गुड फ्राइडे ईसाई धर्म के लोगों का त्योहार है जिसे ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। गुड फ्राइडे को ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे के दिन ईसाई लोग काले रंग के कपड़े पहनकर चर्च में जाते हैं। चर्चों में दोपहर तीन बजते ही प्रार्थना शुरू होती है जहाँ अपने भगवान यीशु (ईसा मसीह) को धन्यवाद तथा शोक प्रकट करते हैं। गुड फ्राइडे के दिन किसी भी चर्च में घंटियां नहीं बजाई जाती। क्योंकि ईसाई धर्म में घंटा बजाने का मतलब खुशी होता है और गुड फ्राइडे यह शोक जाहिर करने का पर्व है। इस दिन ईसाई लोग अपने गुनाहों की माफी ईसा मसीह से मांगते हैं जिन्होंने लोगों को सत्य के मार्ग पर लाने के लिए स्वयं का बलिदान दिया था। ईसाई धर्म में इस पूरे सप्ताह को पवित्र माना जाता है। इस दिन चर्च को विशेष रूप से सजाया जाता है और शाम को चर्च की रौनक देखने योग्य होता है।
गुड फ्राइडे का विशेष महत्व उन सभी लोगों का है जो ईसाई धर्म को मानते है। गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के लोग अपने गॉड(God) ईसा मसीह को याद करते हैं। ईसा मसीह ने सभी लोगों के कल्याण के लिए अपने जीवन को बलिदान कर दिया था इस बलिदान के महत्व को जीवित रखने के लिए ईसाई धर्म के लोग उनके बताए मार्ग पर चलते हैं। हर त्यौहार का धार्मिक तथा सामाजिक महत्व होता है कि वैसे ही गुड फ्राइडे का भी धार्मिक और सामाजिक महत्व है। धार्मिक महत्व के रूप में गुड फ्राइडे लोगों को प्रेम भाव तथा दया करुणा जैसी अच्छाइयों को आत्मसात करने की सीख देता है। सामाजिक महत्व के रूप में यह संगठित और सुशिक्षित रहने का ज्ञान भी प्रदान करता है। गुड फ्राइडे यह एक भावनात्मक पर्व है। भावनात्मक पर्व का किसी भी धर्म में विशेष महत्व होता है। क्योंकि धर्म में श्रद्धा और भावना का विशेष जगह होता है बिना श्रद्धा या भावना के कोई भी पूजा-अर्चना या प्रार्थना सफल नहीं होती है।
गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है। यह त्योहार ईस्टर डे या ईस्टर संडे से पहले आने वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। आज से करीब तीन हजार साल पहले इस दिन ईसा मसीह को कीलों से ठोक कर सूली पर लटकाया गया था। यही कारण है यह दिवस को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे को चर्च में घंटियां नहीं बजाई जाती हैं। यह दिन ईसाई समुदाय के लोग काले कपड़े पहन कर शोक मानते हैं। इस दिन ईसा मसीह को श्रद्धांजलि दी जाती है। ईसाई धर्म में इस पूरे सप्ताह को बहुत पवित्र माना गया है। फिर भी इस दिन चर्च में किसी तरह का उत्सव नहीं मनाया जाता है।
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