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रुपरेखा : प्रस्तावना - मुर्ख दिवस कब होता है - मुर्ख दिवस का इतिहास - अप्रैल मुर्ख दिवस कैसे मनाया जाता है - मुर्ख दिवस से जुड़े कई बातें - उपसंहार।
प्रस्तावना -प्रत्येक साल दुनियाभर में लोगों द्वारा एक दूसरें को मुर्ख बनाने का दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को ‘अप्रैल फूल दिवस’ अर्थात् ‘मूर्ख दिवस’ के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन लोगों द्वारा एक दूसरें को मुर्ख बनाने का कार्य करते है। इस दिन की खासियत यह है कि, अन्य दिनों की तरह इस दिन मूर्ख बना व्यक्ति नाराज या गुस्सा नहीं होता है। इस दिन दोस्तों, परिजनों, शिक्षकों, पड़ोसियों, सहकर्मियों आदि के साथ अनेक प्रकार की शरारतपूर्ण हरकतें और अन्य व्यावहारिक मजाक किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य होता है बेवकूफ और अनाड़ी लोगों को शर्मिंदा करना।
प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को पुरे विश्व भर में मुर्ख दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, 1 अप्रैल गुरुवार के दिन पुरे दुनिया भर में 'अप्रैल मुर्ख दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
अप्रैल फूल दिवस मनाये जाने की शुरुवात का कारण सामने नहीं आया है लेकिन मान्यता के अनुसार दो कहानियां अधिक प्रचलित है। अप्रैल फूल दिवस का सबसे पहले जिक्र 1392 में ब्रिटिश लेखक चॉसर की किताब कैंटरबरी टेल्स में मिलता है। इस किताब की एक कहानी नन्स प्रीस्ट्स टेल के मुताबिक इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी की सगाई की तारीख 32 मार्च घोषित कर दी गई जिसे वहां की जनता ने सच मान लिया और मूर्ख बन बैठे। तब से 32 मार्च यानी 1 अप्रैल को 'अप्रैल फूल डे' के रूप में मनाया जाता है। - कैंटरबरी टेल्स किताब में जिक्र
एक और कहानी के मुताबिक प्राचीन यूरोप में नया साल हर वर्ष 1 अप्रैल को मनाया जाता था। 1582 में पोप ग्रेगोरी ने नया कैलेंडर अपनाने के निर्देश दिए जिसमे न्यू ईयर को 1 जनवरी से मनाने के लिए कहा गया। रोम के ज्यादातर लोगो ने इस नए कैलेंडर को अपना लिया लेकिन बहुत से लोग तब भी 1 अप्रैल को ही नया साल के रूप में मानते थे। तब ऐसे लोगो को मूर्ख समझकर उनका मजाक बनाया जाता था। ऐसी मान्यता है की यूरोप में अप्रैल फूल तब से मनाया जाता है।
प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को दुनिया भर में मुर्ख दिवस अलग-अलग अंदाज में लोगों द्वारा मनाया जाता है। लोगों का अप्रैल फूल मनाने का अंदाज अलग होता है। इस दिन सभी व्यक्ति अपने मित्र, सहेली, भाई, बहन, रिश्तेदार आदि को मुर्ख बनाने का प्रयास करते है। मुर्ख बनाने के बाद मुर्ख बनने वाले व्यक्ति को अप्रैल फूल कर के चिढ़ाया जाता है।
1 अप्रैल 1860 की एक मान्यता के अनुसार इस दिन लंदन के हजारों लोगों के घरों में पोस्ट कार्ड भेजकर यह सूचना दी गई कि आज शाम को टॉवर ऑफ लंदन में सफेद गधों को स्नान कराया जाएगा। आप सभी देखने के लिए आ सकते हैं, यह सब देखने के लिए कार्ड जरुर अपने साथ लाएं। लेकिन उन दिनों किन्हीं कारणों की वजह से टॉवर ऑफ लंदन बंद था। शाम होते ही टॉवर के बाहर हजारों लोगों की भीड़ लग गई। लोगों अंदर जाने के लिए धक्का- मुक्की तक करने लगे। लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें किसी ने अप्रैल फूल बनाया है। 1 अप्रैल 1915 की बात है जब जर्मनी के लिए हवाई अड्डा पर एक ब्रिटिश पायलट ने विशाल बम फेंका। इसको देखकर लोग इधर-उधर भागने लगे, देर तक लोग छुपे रहे। लेकिन बहुत ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी जब कोई धमाका नहीं हुआ तो लोगों ने वापस लौटकर इसे देखा। जहां एक बड़ी फुटबॉल थी, जिस पर अप्रैल फूल लिखा हुआ था। ऐसा ही एक किस्सा है कि, 31 मार्च 2013 के दिन यह अफवाह फैलाई गई कि एक अप्रैल से यूट्यूब बंद हो जाएगा। साथ ही यह घोषणा भी कर दी गई कि पिछले सालों में यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो में से सर्वश्रेष्ठ का चुनाव करने के लिए एक पैनल बनाया गया है, जो 2023 में परिणाम की घोषणा करेगा। इसके बाद कई तरह की अपवाहें फैलने लगी। लेकिन बाद में पता चला कि किसी ने यूट्यूब के जरिये अप्रैल फूल बनाने का प्रयास किया है।
प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को ‘अप्रैल फूल दिवस’ अर्थात् ‘मूर्ख दिवस’ के रूप में मनाया जाता हैं। इस दिन लोगों द्वारा एक दूसरें को मुर्ख बनाने का कार्य करते है। इस दिन सभी व्यक्ति अपने मित्र, सहेली, भाई, बहन, रिश्तेदार आदि को मुर्ख बनाने का प्रयास करते है। मुर्ख बनाने के बाद मुर्ख बनने वाले व्यक्ति को अप्रैल फूल कर के चिढ़ाया जाता है। बहुत से प्राचीन घटनाएं के अनुसार अप्रैल फूल दिवस मनाने का सिलसिला सदियों से चली आ रही है और इस दिवस के माध्यम से हर तरफ हसीं-खुशी फ़ैलाने का नजारा देखने को मिलता हैं।
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