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गौरैया हमारे घर-आँगन का पक्षी है। यह आकार में एक छोटा पक्षी है जो दुनिया भर में पाया जाता है।
यह ची-ची' करके बोलती है। गौरैया का शरीर बहुत हल्का होता है। इसके शरीर के हल्के भूरे रंग पर सफेद धारियाँ होती हैं। यह एक सर्वाहारी पक्षी है जो बीज, जामुन, फल और कीड़े आदि सब-कुछ खाता है।
गौरैया बहुत फुर्तीली होती है। यह एक जगह अधिक समय तक नहीं रह सकती। इसीलिए यह इधर से उधर फुदकती रहती है। इसका जीवन काल 4-7 साल है। यह हमेशा चौकन्नी रहती है। किसी की जरा-सी आहट पाते ही यह फुर्र से उड़ जाती है। गौरैया अनाज के दाने चुगती है। यह कीट-पतंगे भी खाती है।
नर गौरैया और मादा गौरैया दिखने में अलग होते हैं। नर गौरैया की आँखों के पास काला धब्बा पाया जाता है जबकि मादा में नहीं। नर गौरैया दिखने में ज्यादा आकर्षक होते हैं। परन्तु जैसे-जैसे हम पेड़-पौधों को काटते जा रहे हैं उससे गौरैया आज लुप्त होने की कगार पर पहुँच गयी है। आज गौरैया पक्षी को बचाने के लिए तरह-तरह के आयोजन किये जा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए 20 मार्च को हर वर्ष पूरे विश्व में "विश्व गौरैया दिवस" जिसे अंग्रेजी में "World Sparrow Day" कहते है, मनाया जाता है।
गौरैया बहुत सामाजिक पक्षी होती हैं। वे आमतौर पर छतों, पुलों और पेड़ के खोखले में अपने घोंसले का निर्माण करते हैं। शहरों में तो ये इंसानों के घरों के खिड़की के ऊपर या फिर घरों के छत पर अपना घोसला बना लेते हैं।
सवेरा होने पर इनका कलरव सुनाई देता है। इन चिड़ियों की आवाज मधुर लगती है। सचमुच, गौरैया एक छोटा, सुंदर और प्यारा पक्षी है।
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