बगुला पर निबंध

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बगुला बहुत चालाक पक्षी है। बगुला भारत के साथ-साथ संसारभर में पाया जाता है। बगुला की पूरी दुनिया में करीब 64 से ज्यादा प्रजातियां मिलती है। ये सारी प्रजातियां रंग और आकार में भिन्न होती है।

बगुले का रंग सफेद, भूरा, नीला, काला होता है। उसकी चोंच हल्के लाल रंग की होती है। उसके पैर, गरदन और चोंच लंबे होते हैं। बगुला बहुत ही चालाक पक्षी है। यह बड़ी ही चालाकी से पानी में मछलियों का शिकार करता है। यह पानी में बिना हिले डुले सीधा खड़ा रहता है।

यह पक्षी उड़ने में भी माहिर है। यह आकाश में 48 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ्तार उड़ता है। बगुला की आंखे बहुत तेज होती है। यह रात को भी शिकार कर लेता है।

बगुले का आहार मछली है। इसलिए वह नदी, झील या तालाब के किनारे रहता है। वह उथले पानी में चुपचाप खड़ा रहता है। ज्यों ही कोई मछली उसके पास आती है, वह चट से उसे पकड़कर खा जाता है। इन पक्षियों का घोंसला पेडों की पत्तियों, टहनियों से बना होता है। बगुला अपना घोंसला वृक्षों या ऊंची चट्टानों पर बनाते है। ऐसा वो शिकारियों से बचने के लिए करते है।

बगुला का औसत जीवनकाल 15 से 20 साल होता है। कुछ लोग बगुले को ढोंगी मानते हैं, इसलिए ढोंगी आदमी को लोग बगुला भगत' भी कहते हैं। बगुला का निवास स्थान तालाबों के आसपास होता है। यह दलदली या कम पानी वाले इलाकों में ज्यादातर रहते है। ये झुंड में रहना पसंद करते है।


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