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कोयल एक लोकप्रिय पक्षी है। इन्हे कोकिला या कुक्कू आदि नामों से भी पुकारा जाता है। इसकी मधुर आवाज के कारण ही इन्हे कोयल अर्थात मीठी बोली वाला पक्षी कहा जाता है।
कोयल का रंग काला होता है। इनकी चोंच घुमावदार और पैनी होती है। वह बगीचे या जंगल में पेड़ पर रहती है। आम का पेड़ उसका प्रिय पेड़ है। उसकी प्रिय ऋतु वसंत है। वसंत में वह मधुर आवाज में 'कुहू कुहू' कर खूब कूकती है। उसकी मीठी आवाज सबको अच्छी लगती है।
कोयल बहुत चालाक होती है। वह अपने अंडे कौए के घोंसले में रख देती है। कौआ उन्हें अपने अंडे समझकर सेता है। कोयल के बच्चे बड़े होने पर फुर्र से उड़ जाते हैं। यह एक किटनोभक्षक पक्षी होता है। यह अपने भोजन में मकड़ी, कीट-पतंगे, लार्वा और तितली आदि खाना पसंद करता है। यह लगभग सम्पूर्ण भारत में पाए जाते हैं। भारत के राष्ट्रीय उद्यानों में आसानी से देखा जाता है। यह ऊँचे वृक्षों में रहना पसंद करते हैं।
बारिश के मौसम में रोज सुबह आपको कोयल की आवाज सुनाई देगी। जहाँ आम का पेड़ हो वहां कोयल ज्यादा मात्रा में रहते हैं। मीठी बोली के कारण कोयल को सब लोग पसंद करते हैं।
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