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मधु यानी शहद बनाने वाली मक्खी को मधुमक्खी कहते हैं। मधुमक्खी दुनिया भर में पायी जाती है। मधुमक्खियां एक शाकाहारी कीट होती हैं । मधुमक्खी को अंग्रेजी में "Bee" कहते हैं।
बहुत-सी मधुमक्खियाँ मिलकर ऊँचाई पर या किसी पेड़ पर छत्ता बनाती हैं। वे फूलों का रस चूस कर छत्ते में जमा करती हैं। इसी रस से शहद बनता है। मधुमक्खी से जो हमें शहद प्राप्त होता है, वह अत्यंत पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। प्रत्येक छत्ते में मधुमक्खियों की एक रानी होती है, जो छत्ते को आबाद करती है। मधुमक्खी के छत्ते को कभी छेड़ना नहीं चाहिए।
छत्ते को छेड़ने पर मधुमक्खियाँ हमला बोल देती हैं। वे डंक मारती हैं। डंक मारने पर बहुत जलन होती है। धुआँ करने पर मधुमक्खियाँ तितर-बितर हो जाती हैं। एक मधुमक्खी का औसतन जीवन काल 45 से 55 दिनों तक का होता है।
ऐसा कहते है कि गर्मियों के दौरान केवल एक छत्ते में ही 40 हजार से अधिक मधुमक्खियां होती हैं। मधुमक्खियां विशिष्ट नृत्य का उपयोग करके संवाद करती हैं। एक निश्चित तरीके से की गयी उड़ान से मधुमक्खियां अन्य मधुमक्खियों को पराग या आने वाले खतरे से आगाह करने के लिए करती हैं।
प्रत्येक प्रकार की मधुमक्खी को आसानी से पहचाना जा सकता है क्योंकि प्रत्येक की विशिष्ट उपस्थिति, शरीर का रंग और कार्य होता है। मधुमक्खी के प्रत्येक छत्ते में एक रानी मक्खी होती है। वह अंडे देती है। वह अपने अंडे 1 गोल आकार के गुंबद में रखती है। जिसे वह फिर मोम से बंद कर देती है। इस प्रकार जब अंडे से लारवा बाहर निकलते हैं तो उन्हें पहले इस सीलबंद गुंबद को तोड़ना पड़ता है।
बढ़ते प्रदूषण और आवास की क्षति के कारण मधुमक्खियों की संख्या लगातार घट रही है। उन्हें लुप्त प्राय जीव की श्रेणी में रखा गया है और इसलिए उनके भी लुप्त होने का खतरा है। मधुमक्खियां पौधों के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है जो मनुष्य के अस्तित्व के लिए भी जरूरी है।
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