शीत ऋतु पर निबंध

ADVERTISEMENT

शीत ऋतु का हिंदी निबंध कक्षा 10,11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए। - Essay Writing on Winter Season in Hindi - Winter Season Essay in hindi for class 10,11 and 12 Students and Teachers. Essay on Winter Season in Hindi in 500, 600, 700, 800, 900, 1000 to 1200 Words - Winter Season in Hindi

रूपरेखा: परिचय - शीत ऋतु के आगमन - शीत ऋतु का सुंदर दृश्य - शीत ऋतु का महत्व - शीत ऋतु की विशेषताएं - लोगों के लिए स्वास्थ्यवर्धक समय - गरीबों के लिए कष्टदायी ऋतु - निष्कर्ष ।

शीत ऋतु का परिचय -

भारत एक ऋतुओं का देश है। भारत में छ: ऋतु हैं जो निरंतर चलती रहती हैं। भारत की छ: ऋतु बसंत ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, हेमंत ऋतु और शीत ऋतु हैं। शीत ऋतु का आगमन शरद ऋतु के बाद और बसंत ऋतु के आगमन पर समाप्त होती है। भारत में शीत ऋतु बहुत अधिक ठंडी ऋतु होती है। शीत ऋतु का समय नवम्बर मास से लेकर फरवरी मास तक होता है। भारत देश में नवम्बर में शुरू होने वाली ठंड दिसम्बर आते-आते भीषण ठंड में बदल जाती हैं। शीत ऋतु में दिन प्राय: छोटे और रातें लंबी होती हैं। सूर्य की गर्मी जो लोगों को ग्रीष्म ऋतु में अच्छी नहीं लगती वह गर्मी सभी लोगों को शीत ऋतु में अत्यंत प्रिय लगने लगती है।

कभी-कभी तो घने बादलों, कोहरे और धुंध की वजह से सूरज को देखना भी असंभव लगता है। शीत ऋतु के दौरान गीले कपड़ों के सूखने में बहुत परेशानी होती है। शीत ऋतु के दौरान कोहरा और धुंध बहुत ही सामान्य होते हैं, जो सडकों पर अधिक भीड़ और दुर्घटनाओं के कारण बनते हैं। हमें सर्दियों से बचने के लिए बहुत से गर्म कपड़े पहनने चाहिएँ और अपने घरों में रहना चाहिए। शीत ऋतु में अधिक सर्दी के कारण बहुत से पक्षी पलायन कर जाते हैं और पशु शीत निंद्रा में चले जाते हैं।


शीत ऋतु के आगमन -

भारत में शीत ऋतु के शुरू होने की अवधि क्षेत्रों और पृथ्वी के अपने अक्ष पर सूर्य के चारों ओर घुमने के अनुसार अलग-अलग होती है। सभी को यह पता है कि पृथ्वी सूर्य के चारों और चक्कर लगाती है। पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना ही पूरे साल भर मौसम और ऋतुओं के बदलने में मुख्य भूमिका निभाता है। जब पृथ्वी उत्तरी गोलार्द्ध पर चक्कर लगती है तब उत्तरी गोलार्द्ध पर सर्दी होती है। ऋतुएं तब बदलती हैं जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री सूर्य की ओर झुकी हुई है। दक्षिण के लोगों के लिए सर्दियों के महीने जून, जुलाई और अगस्त होते हैं। भारत में शीत ऋतु का हिमालय पर्वत से बहुत गहरा संबंध होता है। जब हिमालय पर्वत पर बर्फबारी होती है और उत्तर दिशा की ओर से हवाएं चलना शुरू हो जाती हैं तो भारत में शीत ऋतु का आगमन होता है।


शीत ऋतु का सुंदर दृश्य -

सर्दियों के दौरान पहाड़ी क्षेत्र बहुत ही सुंदर दिखने लगते हैं क्योंकि उन क्षेत्रों में सब कुछ बर्फ की चादर से ढका होता है और प्राकृतिक दृश्य की तरह बहुत सुंदर दिखाई देता है। सभी वस्तुओं पर पड़ी बर्फ मोतियों के समान दिखाई देती है। सूर्य के उदय होने पर तरह-तरह के रंग के फूल खिलते हैं और वातावरण को एक नया रूप देते हैं। कम तापमान वाली सूर्य की रौशनी की वजह से सर्दियों के दिन बहुत ही अच्छे और सुहावने होते हैं। दिसम्बर और जनवरी सबसे अधिक ठंड वाले मौसम होते हैं जिनके दौरान अधिक ठंडा मौसम होने की वजह से हम बहुत अधिक परेशानी महसूस करते हैं।

यह मौसम लंबी यात्रा और पर्यटन पर जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम होता है। यही मौसम भारत में सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ ही आसमान के मनमोहक वातावरण में सुंदर चिड़ियों को भी आमंत्रित करता है।


शीत ऋतु का महत्व -

शीत ऋतु का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है। भारत में शीत ऋतु सबसे महत्वपूर्ण मौसम है जो शरद संक्रांति पर शुरू होता है और बसंत विषुवत पर खत्म हो जाता है। शीत ऋतु स्वास्थ्य का निर्माण करने का मौसम होता है हालाँकि पेड़-पौधों के लिए बुरा होता है, क्योंकि वे बढना छोड़ देते हैं। बहुत से जानवर असहनीय ठंडे मौसम के कारण शीतकालीन निद्रा में चले जाते हैं। इस मौसम के दौरान बर्फ गिरना और सर्द तूफानों का आना सामान्य बात है। शीत ऋतु में हम अनेक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। शीत ऋतु में हम आइस-स्केटिंग, आइस-बाइकिंग, आइस-हॉकी, स्कींग, स्नोबॉल फाइटिंग, स्नोमैन को बनाना, स्नो-कैसल आदि बहुत सी रुचिकर गतिविधियों में भाग ले सकते हैं।

शीत ऋतु में सुबह के समय टहलना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है। गर्मियों के मौसम में हम विस्तृत समय के लिए काम नहीं कर सकते हैं लेकिन सर्दियों में हम लंबे समय तक नौकरी कर सकते हैं। गर्मियों में बहुत अधिक गर्मी पडती है जिससे हम बीमार हो जाते हैं लेकिन सर्दियों में बहुत कम बीमार होने की संभावना होती है। सर्दियों का मौसम किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस मौसम के दौरान उनकी खेती शानदार होती है। सर्दियों में हरी पत्तियों पर ओश की बूंदें मोती के समान लगती हैं।


शीत ऋतु की विशेषताएं -

शीत ऋतु में अन्य ऋतुओं की तुलना में बहुत अधिक बदलाव होते हैं जैसे- लंबी रातें, छोटे दिन, ठंडा मौसम, ठंडी हवा, बर्फ का गिरना, सर्दी तूफान, ठंडी बारिश, घना कोहरा, धुंध, बहुत कम तापमान आदि। कभी-कभी जनवरी के महीने में तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। इस समय में सर्दी अपनी चरम सीमा पर होती है। नवंबर के महीने से ही ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो जाती हैं। जब सर्दी अधिक बढ़ जाती है तो स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियाँ कर दी जाती हैं। इस मौसम में लोग अधिक उर्जावान और क्रियाशील रहते हैं। दिन छोटे होते हैं और रात लंबी होती हैं। लोग अधिक घंटे काम करने के बाद भी थकते नहीं हैं।

सुबह के समय अधिक कोहरा व पारा पड़ता है और कुछ भी देखना मुश्किल हो जाता है। बहुत सी हवाई जहाज उड़ानें रद्द हो जाती हैं। शीत ऋतु में ट्रेने भी देर से चलने लगती हैं। सडकों पर पारा अधिक होने की वजह से लोग सुबह के समय घर से बाहर निकलने से डरते हैं।


लोगों के लिए स्वास्थ्यवर्धक समय -

शीत ऋतु में पाचन शक्ति प्रबल होती है इसलिए इस समय लोग आराम से भोजन कर पाते हैं। ठंड के समय में अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छे खान-पान का भी ध्यान रखना पड़ता है। तापमान कम होने की वजह से त्वचा रुखी हो जाती है इसीलिए त्वचा का विशेष ध्यान रखा जाता है। तेल मालिश के साथ गर्म पानी से स्नान अति उत्तम माना जाता है। शीत ऋतु में सुबह बाहर घूमना स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक अच्छा होता है। जब हम सुबह घूमने जाते हैं तो हमें साँस लेने के लिए ताजी और स्वच्छ हवा मिलती है। शीत ऋतु के समय में मच्छरों की समस्या नहीं होती है।


गरीबों के लिए कष्टदायी ऋतु -

शीत ऋतु गरीबों के लिए बहुत अधिक परेशानियों का निर्माण करता है क्योंकि उनके पास गर्म कपड़े और रहने के लिए पर्याप्त आवासों का अभाव होता है। शीत ऋतु ज्यादातर गरीब लोगों के लिए बहुत ही कष्टदायी होती है। गरीबों के पास प्राय: गर्म कपड़ों का आभाव होता है। गरीबों के पास कम्बल, स्वेटर, रजाई आदि सभी खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं। ऐसे लोग आग से ही राहत का अनुभव करते हैं। अमीरों के लिए तो शीत ऋतु बहुत ही आनंदमय होती है। उनके पास अच्छे गर्म कपड़े होते हैं। अमीर लोग रंगीन जैकेट, कोट या स्वेटर पहनते हैं।

शीत ऋतु में तापमान कम होने की वजह से गरीबों के लिए अलाव एवं बेघरों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था सरकार को ही करनी पडती है। गरीब लोग लंबी और कड़ाके की सर्दी से बहुत अधिक प्रभावित होते हैं। सुविधाएँ न होने की वजह से कई बार गरीबों की ठंड से मृत्यु भी हो जाती है। गरीबों में सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।


निष्कर्ष -

सर्दी का मौसम बर्फीला और उपयोगी मौसम है। इस मौसम में हमें काम करने में परेशानी होती है हालाँकि सूर्य भी काम करने के लिए उपयुक्त होता है और हमें सूरज के सामने बैठना अच्छा लगता है। शीत ऋतु में सब कुछ ताजा और सुंदर दिखाई देता है।


ADVERTISEMENT