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डाकघर एक केन्द्रीय संस्थान है जो लोगों द्वारा प्रेषित लिफाफों, पोस्ट कार्ड, मनी आर्डर और सामान को गन्तव्य स्थल तक पहुचाने का काम करते हैं। साथ ही ये पोस्ट कार्ड और डाक टिकेट के अलावा बचत योजनाएं, पेशन सेवाएं तथा लोकर की भूमिका निभाती है।
डाकघर एक सरकारी कार्यालय है। यहाँ से पत्र एक स्थान से दूसरे स्थान भेजे जाते हैं। डाकघर को पोस्ट आफिस भी कहते हैं। डाकघर से हम पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय-पत्र और लिफाफे खरीदते हैं। डाकघर से हम टिकट भी खरीदते हैं। अपने घर से कही भी दूर रहकर भी अपने परिवार और रिश्तेदारों को अपने संदेश अथवा कोई वस्तु आसानी से डाक के जरिये प्रेषित कर सकते हैं। डाकघर के जरिये हम पंजीकृत पत्र, जन्मदिन की शुभकामनाएं, पार्सल और मनी ऑर्डर आदि भेज सकते हैं।
डाकघर से हम किसी को पारसल भेज सकते हैं। यहाँ से हम मनीआर्डर द्वारा रुपये भी भेज सकते हैं। डाकघर में बचतखाता भी होता है। सार्वजनिक जीवन में उपयोग आने वाली महत्वपूर्ण संस्थाओं में डाकघर भी हैं। इसकी मदद से हम अपने पार्सल या कागजात को कही भी भेज सकते है अथवा घर बैठे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
बदलते वक्त और संचार के साधनों में वृद्धि के साथ ही डाक घर और डाक प्रणाली की उपयोगिता जरुर कम हुई है मगर फिर भी इसका महत्व खत्म नहीं हुआ हैं। डाक पत्र वितरित करने वाले पोस्टमैन (डाकिया) के साथ हमारे विशिष्ट सम्बन्ध होते हैं। कई बार हम ऑनलाइन खरीददारी की डिलीवरी भी डाक के जरिये पोस्ट ऑफिस से ही प्राप्त करते हैं।
डाकघर ने हमारे जीवन में कई मुश्किलों को सरल किया हैं। सरकारी योजनाओं से जुड़े लाभ हमें डाक के जरिये ही प्राप्त होते हैं। विद्यार्थी, वृद्ध, महिलाओं के लिए छोटी छोटी बचत योजनाएं जीवन में कई बार बहुत कारगर साबित होती हैं। डाकघर हमारे समय और धन दोनों की बचत कर आवश्यक वस्तु को हमारे द्वार तक पहुचाता हैं, एक तरह से जीवन में डाकघर जनसेवा केंद्र की भूमिका निभाकर अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहे हैं।
डाकघर तरह-तरह से जनता की सेवा करता है। मध्य-वर्ग के लिए यह वरदान से कम नहीं हैं, उन्हें बहुत कम खर्च में अत्यधिक सुविधाएं डाकघर उपलब्ध करवाता हैं।
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