Holi Essay In Hindi

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होली पर निबंध - होली का त्यौहार - होली की कथा - Essay on holi in hindi - Holi par nibandh - About holi in hindi - Short essay on holi in hindi - Essay in hindi on holi

रुपरेखा : प्रस्तावना - होली कब है - होली पर्व से सम्बंधित पौरणिक कथाएँ - होली के एक दिन पहले होलिका दहन - होली का दिन - होली का महत्व - उपसंहार।

प्रस्तावना -

होली का त्योहार हमारे जीवन को आनंद और उत्साह से भर देता है। होली का त्योहार ऋतुराज वसंत की आगमन और मोहकता का संदेश लेकर आता है। इस समय पत्ते पत्ते में, डाल-डाल में, वृक्ष-वृक्ष में नवजीवन का संचार होता है। किसान अपनी नई फसल देखकर संतोष का अनुभव करते हैं। ऐसे समय में बड़े उल्लास के साथ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होली का यह रंगो का त्योहार मनाया जाता है।


होली कब है -

शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा और ऋतुराज वसंत की आगमन के दिन होली का यह रंगो का पर्व मनाया जाता है। होली 2021 में, 29 मार्च सोमवार के दिन देश के अनेक राज्यों में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जायेगा।


होली पर्व से सम्बंधित पौरणिक कथाएँ / होली दहन की कहानी / होली की कथा -

होली के बारे में भक्त प्रह्लाद की कथा प्रचलित है। ईश्वर भक्त प्रह्लाद को दंड के इरादे से पिता राजा हिरण्यकशिपु ने अनेक प्रयत्न किए, किंतु भक्त प्रह्लाद बाल-बाल सुरक्षित बच गए। हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान था कि आग उसे जला न सकेगी। इसलिए राजा हिरण्यकशिपु के आदेश पर होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई। होलिका जलकर भस्म हो गई और प्रह्लाद को थोड़ी भी आँच नहीं आई। इस प्रकार आसुरी शक्ति पर भक्ति शक्ति की विजय हुई। होली से जुड़ी और एक मान्यता है कि, बाल कृष्ण ने पूतना राक्षसी को मारकर इसी दिन गोपियों के साथ रासलीला की थी और रंग खेलकर उत्सव मनाया था। बुराई पर सचाई की जीत को देख लोगों ने रंग बिखेरकर आनंदोत्सव मनाया। इस प्रकार होली के पावन पर्व का प्रारंभ हुआ।


होली के एक दिन पहले होलिका दहन -

होली के दिन घर-घर में इस उत्सव की धूम मच जाती है। लोग अपने-अपने घरों की सफाई करते हैं। गृहिणियाँ मधुर पकवान तैयार करती हैं। इस दिन बाजारों में रंगों दुकानें खुल जाती हैं। होली से एक एक दिन पहले ढेरों लकड़ियाँ इकट्ठी की जाती हैं। फाल्गुन-पूर्णिमा की शाम को होलिका दहन जलाई जाती है। महिलाएँ नारियल, कुंकुम और चावल से होली की पूजा करती हैं। बच्चे खुशी के मारे तालियाँ बजाते, नाचने-गाने लगते हैं। नए अनाज को होली की आग में सेंककर उसका प्रसाद बाँटा जाता है।


होली का दिन / होली के दिन क्या करते है -

होली के दिन अर्थात होलिका दहन के दूसरे दिन धुलेंडी के दिन लोग होली खेलते हैं। लोग रंगभरी पिचकारियाँ लेकर निकल पड़ते हैं। सभी प्रकार के भेदभाव भुलाकर लोग एक-दूसरे पर रंग छिड़कने का आनंद लेते हैं। सभी जगह गाने-बजाने और नृत्य के दृश्य दिखाई देते हैं। वातावरण उल्लासपूर्ण होता है। इस दिन एक ओर रंग, दूसरी ओर गुलाल चारों ओर देखने को मिलता हैं। बच्चे, युवक और बूढ़े, कन्याएँ और स्त्रियाँ सभी रंगो में डूब जाते है।


होली का महत्व / होली त्योहार का महत्व -

ऐसी मान्यता है कि होली के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। इस दिन भगवान् ने आसुर को मारकर पृथ्वी लोग में अच्छाई की स्थापना की थी। इसीलिए होली का बड़ा महत्व है। होली के दिन लोग पुराने झगड़ों, जलन, आदि को भूलकर एक-दूसरें से गले लगाकर इस दिन का आनंद लेते है। इस दिन सभी लोग अपनी परेशानियाँ, घृणा, क्रोध, आदि को भूलकर रंगो के साथ अपनी नयी जिंदगी की शुरुवात करते है, यही इस दिन अर्थात होली का महत्व को दर्शाता है।


उपसंहार -

यह दुःख की बात है कि कुछ लोग इस दिन भाँग या शराब पीते हैं, दूसरों पर कीचड़ फेंकते हैं, हानिकारक रंगों का प्रयोग करते हैं। कुछ लोग अनाज और गाय-भैंसों का चारा भी होली के नाम पर स्वाहा कर देते हैं। इन बुराइयों से बचना चाहिए। हमें होली के रंगीन त्योहार को शुद्ध रंग और निर्मल अनुराग से मनाना चाहिए। इस दिन भगवान ने बुराई पर अच्छाई की जीत दिखाकर हमें अच्छे बनने का संदेश दिया है इसीलिए हमे सारी बुरी आदतें और काम को छोड़कर होली के इस महा पर्व को और भी सूंदर बनाना चाहिए।


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