एक ऐतिहासिक स्थान की यात्रा पर निबंध

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एक ऐतिहासिक स्थान की यात्रा पर हिंदी निबंध कक्षा 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए। - Essay Writing on Journey to a Historical Place in hindi - Journey to a Historical Place Essay in hindi for class 10, 11 and 12 Students. Essay on Journey to a Historical Place in Hindi for Class 10, 11 and 12 Students and Teachers.

रूपरेखा : प्रस्तावना - फतहपुर सीकरी का परिचय - सीकरी का बुलंद दरवाजा - फतहपुर सीकरी के महल - दीवाने खास और हिरन मीनार - उपसंहार।

प्रस्तावना

भारत का इतिहास गौरवपूर्ण है। यहाँ के अनेक ऐतिहासिक स्थान इसके साक्षी हैं। ऐतिहासिक स्थानों की सुंदरता और महत्ता का परिचय उन्हें देखकर ही मिल सकता है। हमने इतिहास में फतहपुर सीकरी के बारे में बहुत कुछ पढ़ रखा था। हमारे मन में यह ऐतिहासिक स्थान देखने की उत्सुकता जाग उठी और गर्मी की छुट्टियों में हम वहाँ जाने के लिए निकल पड़े।

फतहपुर सीकरी का परिचय

फतहपुर सीकरी एक ऐतिहासिक स्थान है। भारतीय कला और शिल्प के अनेक उत्कृष्ट नमूने यहाँ मिलते हैं। यह स्थान मुगल सम्राट अकबर की लीलाभूमि रहा है। उसकी शानशौकत की यह भव्य यादगार है।

सीकरी का बुलंद दरवाजा

सीकरी का बुलंद दरवाजा बहुत ऊँचा है। इसकी रचना इतनी सुंदर है कि देखते हैं मुँह से 'वाह', 'वाह' के शब्द अपने आप निकल पड़ते हैं। इसके समीप एक बहुत ही रमणीय सरोवर है। दरवाजे से लगा हुआ शेख सलीम चिश्ती का मकबरा है। कहते हैं, उस फकीर की दुआ से ही बादशाह अकबर को सलीम जैसा होनहार बेटा प्राप्त हुआ था।

फतहपुर सीकरी के महल

इस ऐतिहासिक स्थान में पंचमहल, बीरबल का महल और रानी जोधाबाई का महल आदि कई शानदार इमारतें हैं। पंचमहल में पाँच मंजिलें इस तरह बनाई गई हैं कि वे ऊपर की ओर सँकरी तथा नीचे की ओर विस्तृत होती जाती हैं। बीरबल का महल भी बहुत सुंदर है। यह महल उस बीरबल की याद ताजी कराता है, जिसका विनोद अकबर के जीवन का एक अंग बन गया था। जोधाबाई का महल देखते ही हमारे समक्ष भारत के गौरवपूर्ण अतीत का चित्र उपस्थित हो गया।

दीवाने खास और हिरन मीनार

दीवाने खास की सुंदरता ने भी हमारा ध्यान आकृष्ट किया। इसमें बादशाह अकबर अपने मंत्रियों से सलाह-मशविरा किया करता था। अकबर यहाँ के पूजागृह में सभी धर्मों के आचार्यों और पंडितों को बुलाकर उनकी धर्म चर्चाएँ सुनता था। हमने हिरन मीनार और हाथी दरवाजा भी देखा। हाथी दरवाजा यहाँ के किले में प्रवेश करते ही दिखाई पड़ता है। सचमुच, द्वार पर बने हाथी अकबर की महत्ता के प्रतीक जैसे लगते हैं।

उपसंहार

इस प्रकार फतहपुर सीकरी की भव्यता के दर्शन करने पर हमारी उत्सुकता शांत हुई। भारतीय इतिहास में बादशाह अकबर हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं। फतहपुर सीकरी की कला में भी हमने उसी एकता के दर्शन किए।


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