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रुपरेखा : बालश्रम का अर्थ - बाल श्रम एक अवैध श्रम - भारत में बालश्रम का कारण - आधी कीमत में काम कराना - बालश्रम के परिणाम - शिक्षा का अधिकार - बालश्रम रोकने के उपाय - उपसंहार।
बालश्रम का अर्थ
बालश्रम एक अपराध है जो बच्चों के द्वारा अपने बाल्यकाल में करवाया गया श्रम या काम है। बालश्रम को बाल मजदूरी भी कहा जाता है। बालश्रम कराना भारत के साथ कई देशों में गैर कानूनी है। बालश्रम एक कठोर अपराध है जिसे बच्चों को खेलने-कूदने के उम्र में उनसे काम करवाया जाता है। बालश्रम एक अभिशाप है जिसने अपना जाल पूरे देश में बिछा दिया है कि प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी यह अपना प्रचंड रूप लेने में सफलता प्राप्त कर रहा है। किसी भी बच्चे के बाल उम्र के दौरान पैसों या अन्य किसी भी लोभ के बदले में करवाया गया किसी भी तरह के काम को बालश्रम कहा जाता है। इस प्रकार की मजदूरी पर अधिकतर पैसों या जरूरतों के बदले काम कराया जाता है।
बालश्रम एक अवैध श्रम
बालश्रम पूर्ण रूप से अवैध है। इस प्रकार की मजदूरी को समाज में हर वर्ग द्वारा निंदित भी किया जाता है। जब कोई बच्चे को उसके बाल्यकाल से वंचित कर उन्हें मजबूरी काम करने के लिए विवश करते हैं उसे बालश्रम अधवा बाल मजदूरी कहते हैं। बच्चों को उनके परिवार से दूर रखकर उन्हें गुलामों की तरह पेश किया जाता है।अगर सामान्य शब्दों में समझा जाए तो बच्चे जो 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी कराने को बाल मजदूरी कहते है। उनसे उनका बचपन, खेल-कूद, शिक्षा का अधिकार छीनकर उन्हें काम में लगाकर शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित कर काम कराना ही बालश्रम कहलाता है। बालश्रम हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है।
भारत में बालश्रम का कारण
आज बालश्रम की प्रथा पूरे देश में फैल चुका है। हमारे समाज के लिए बालश्रम एक अभिशाप बन चुका है। सरकार द्वारा चलाए गए कई अभियान, नियम, कानून के बाद भी भारत में बालश्रम कराना बंद नहीं हुआ । भारत देश की ज्यादातर आबादी गरीबी से पीड़ित है। कुछ परिवारों के लिए भर पेट खाना भी एक सपना सा लगता है। गरीबी से पीड़ित लोग बहुत बार अपनों को खोने के गम से अवगत हो चुके हैं। गरीबी की वजह से गरीब माता-पिता अपने बच्चों को घर-घर और दुकानों में काम करने के लिए भेजते हैं। यह निर्णय बेसक अपने परिवार का पेट पालने के उद्देश्य से लिया जाता है परंतु ऐसे निर्णय बच्चों की शारीरिक और मानसिक अवस्था को झंझोर कर रख देता हैं।
आधी कीमत में काम कराना
अधिकतर दुकान और छोटे व्यापारी बच्चों से अधिक काम करवाते हैं लेकिन उन्हें कीमत आधी देते हैं क्योंकि वो बच्चे होते हैं। व्यापार में उत्पादन लागत कम लगने की वजह से भी कुछ व्यापारी बच्चों की जिंदगी बर्बाद कर देते हैं। हमारे देश की आजादी के बाद भी बहुत से इलाके ऐसे हैं जहाँ के बच्चे आज तक शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार से वंचित हैं। हमारे देश में हजारों गाँव हैं जहाँ पर पढाई की कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है लेकिन अगर व्यवस्था है तो कोशों दूर है। इस तरह का प्रशासनिक ढीलापन भी बालश्रम के लिए जिम्मेदार है। इन सब से ज्यादा पीड़ित गरीब परिवार होते हैं क्योंकि अपने बच्चों को उचित शिक्षा देना एक सपना रह जाता है। किफायती स्कूलों की कमी की वजह से बच्चों को अशिक्षित और बेबस रहने पर मजबूर कर देता है। इससे बच्चे पढाई के बिना जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाते हैं और कभी-कभी ये मजबूरियां उन्हें बालश्रम की खाई में धकेल देती हैं जिससे आज तक किसी का भी भला नहीं हुआ है न ही कभी होगा। बहुत से परिवारों में बालश्रम को परंपरा और रीती का नाम देकर बच्चों से बाल मजदूरी कराया जाता है।
बालश्रम की परंपरा
बहुत से परिवारों मानते है कि उनके परिवार में शिक्षित होना लिखा ही नहीं है और वर्षों से चली आ रही मजदूरी की परंपरा ही उनका कमाई और जीवन व्यतीत करने का एक श्रोत होता है। बहुत से परिवारों का तो यह भी मानना होता है कि बाल्यकाल से काम करने से बच्चे आने वाले समय में ज्यादा मेहनती और दुनियादार हो जाएंगे। बालश्रम बच्चों के निजी विकास को जन्म देता है जो आगे जिंदगी जीने में आसान कर देता है।
बालश्रम के परिणाम
बच्चों को कुछ रूपए देकर मजदूरी करवाने से कई बुरे परिणाम होते है जैसे की बच्चा अशिक्षित रह जाता है, अज्ञानी बन जाता है। बालश्रम कराने से देश का आने वाला कल अंधकार की ओर जाने लगता है। इसके साथ ही बेरोजगारी और गरीबी और अधिक बढ़ने लगती है। जिस उम्र में बच्चों को सही शिक्षा मिलनी चाहिए, खेल कूद के माध्यम से अपने मस्तिष्क का विकास करना चाहिए उस उम्र में बच्चों से काम करवा कर बच्चों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक विकास रोक देते है।
शिक्षा का अधिकार
शिक्षा का अधिकार एक मूल अधिकार होता है। शिक्षा से किसी भी बच्चे को वंचित रखना बड़ा अपराध माना जाता है। बच्चों का कारखाने में काम करा कर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कराने वाले व्यापारी को कड़ी सजा देनी चाहिए । किसी भी बच्चे के लिए बालश्रम बहुत अधिक खतरनाक होता है। अगर कोई बच्चा गरीबी या मजबूरी से परिश्रम कर रहा है तो उसका पर्याप्त वेतन नहीं दिया जाता है और हर प्रकार से उसका शोषण किया जाता है जो बहुत ही गंभीर अपराध है। देश के हर बच्चें को शिक्षा प्राप्त करने का पूर्ण अधिकार है अगर किसी बच्चे को कही मजदूरी करता देखे तो तुरंत आपको उसकी शिकायत बाल सुरक्षा विभाग में कर दीजिये जिससे उस बालक को उचित दिशा प्राप्त होगी और मजदूरी कराने वाले लोगों पर कड़ी करवाई होगी।
बालश्रम रोकने के उपाय
बालश्रम हमारे समाज के लिए एक अभिशाप है जो हमारे देश की विकास को आगे बढ़ने से रोक देता है। बालश्रम रोकने के कई उपाय है जैसे बालश्रम का अंत करने के लिए सबसे पहले अपने घरों या दफ्तरों में किसी भी बच्चे को काम पर नहीं रखना चाहिए। हमें हमेशा इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि बच्चे से काम करवाने के बदले उसे पैसे देकर या खाना देकर हम उन पर कोई एहसान या मदत नहीं करते हैं बल्कि हम उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करते है। बालश्रम को रोकने के लिए मजबूत और कड़े कानून बनाने चाहिएँ जिससे कोई बाल मजदूरी न करवाए। गरीब माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा की ओर पूरा ध्यान देना चाहिए क्योंकि आज सरकार मुफ्त शिक्षा, खाना और कुछ स्कूलों में दवाईयां जैसी चीजों की सुविधाएँ प्रदान कर रही है। अगर हमें किसी भी बालश्रम का पता चले उसके बारे में सबसे पहले बच्चे के परिवार वालों से बात करनी चाहिए। उनके हालातों को समझकर उनके बच्चे के भविष्य के बारे में उन्हें बताना चाहिए। बच्चों के परिवार वालों को बालश्रम के नुकसान और कानूनी जुर्म के बारे में बताना चाहिए। अगर हमे कही कोई बालश्रम का मामला आए तो सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन या बाल सुरक्षा विभाग में उसकी जानकारी देनी चाहिए। हमारी एक छोटी-सी पहल से हमारे देश से बाल मजदूरी का अभिशाप मुक्त हो जायेगा और भारत देश एक बाल मजदूरी मुक्त देश कहलाएगा।
उपसंहार
बालश्रम एक अपराध है जो बच्चों के द्वारा अपने बाल्यकाल में करवाया गया श्रम या काम है। बालश्रम को बाल मजदूरी भी कहा जाता है। बालश्रम को खत्म करना केवल सरकार का ही कर्तव्य नहीं है हमारा भी कर्तव्य है कि हम इस अभियान में सरकार का पूरा साथ दें। सरकार इस अभियान को सफल बनाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है। बालश्रम एक बहुत बड़ी सामाजिक समस्या है। इस समकालीन समस्या को जल्द-से-जल्द खत्म करने की जरूरत है।
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