ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध

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Global Warming Essay In Hindi - ग्लोबल वार्मिंग – Global Warming Par Nibandh

रुपरेखा : ग्लोबल वार्मिंग - धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है - बढ़ते तापमान का प्रकोप - ग्रीनहाउस गैसों के स्तर का बढ़ना - संपूर्ण विश्व के लिए खतरा - पर्यावरण में कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) के बढ़ते स्तर - कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) बढ़ने से इंसानी जीवन पर असर - उपसंहार।

ग्लोबल वार्मिंग

ग्लोबल वार्मिंग पूरे विश्व में एक मुख्य वायुमण्लीय मुद्दा है। सूरज की रोशनी को लगातार ग्रहण करते हुए हमारी पृथ्वी दिनों-दिन गर्म होती जा रही है जिससे वातावरण में कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) का स्तर बढ़ रहा है। इसके लगातार बढ़ते दुष्प्रभावों से इंसानों के लिए बड़ी समस्याएं हो रही है। जिसके लिए बड़े स्तर पर सामाजिक जागरुकता की जरुरत है। इस समस्या से निपटने के लिए लोगों को इसका अर्थ, कारण और प्रभाव पता होना चाहिये जिससे जल्द से जल्द इसके समाधान तक पहुँचा जा सके। ग्लोबल वार्मिंग विश्व की एक ऐसी समस्या है जिसे अगर समय रहते ना रोके तो वह पुरे विश्व का नाश कर सकता है।

धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है

आज धरती पर वायुमण्डल के बढ़ते विषय के रुप में ग्लोबल वार्मिंग है जिसकी वजह से धरती के सतह का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ऐसा आकलन किया गया है कि अगले 50 या 100 वर्षों में धरती का तापमान इतना बढ़ जायेगा कि भविष्य का जीवन के लिए इस धरती पर कई सारी मुश्किलें खड़ी हो जाएँगी। धरती पर तापमान के बढ़ने पर जो सबसे मुख्य और जाना हुआ कारण है, वो है वायुमंडल में कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) की मात्रा का स्तर लगातार बढ़ना।

बढ़ते तापमान का प्रकोप

धरती पर इस विनाशक गैस के बढ़ने की मुख्य वजह जीवाश्म ईंधनों जैसी कोयला और तेल का अत्यधिक इस्तेमाल और जंगलों की कटाई है। धरती पर घटती पेड़ों की संख्या की वजह से कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) का स्तर बढ़ता है, इस हानिकारक गैसों को इस्तेमाल करने के लिए पेड़-पौधें ही मुख्य श्रीत होते तथा इंसानों द्वारा इसे कई रुपों जैसे साँस लेने की क्रिया द्वारा आदि में छोड़ा जाता है। बढ़ते तापमान की वजह से समुद्र जल स्तर बढ़ना, बाढ़, तूफान, खाद्य पदार्थों की कमी, तमाम तरह की बीमारीयाँ आदि का खतरा बढ़ जाता है। पूरे विश्व में इंसानों की न ध्यान देने वाली गलत आदतों की वजह से हमारी धरती की सतह दिनों-दिन गर्म होती जा रही है। धरती के वातावरण के लिए ये सबसे चिंताजनक पहलू है क्योंकि इससे लगातार धरती पर जीवन की संभावानाएँ कम होती जाएँगी। इसके समाधान तक पहुचने से पहले, हमें वातावरण पर इसके कारण और पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जरुर सोचना चाहिए जिससे हम आश्वस्त हो सके कि हम इससे राहत पाने की सही दिशा में आगे बढ़ रहे है। धरती के लगातार गर्म होने का मतलब पर्यावरण में को को कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) गैस का बढ़ना है। जबकि, कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) के बढ़ते स्तर के कई कारण है जैसे पेड़ों की कटाई, कोयले का इस्तेमाल, जीवाश्म ईंधनों का इस्तेमाल, परिवहन के लिए गैसोलिन का इस्तेमाल, बिजली का गैर-जरुरी इस्तेमाल आदि से धरती का तापमान बढ़ता है। इससे ओजोन परत में क्षरण, समुद्र जल स्तर में वृद्धि, मौसम के स्वभाव में बदलाव, बाढ़, तूफान, महामारी, खाद्य पदार्थों की कमी, मौंते आदि में बढ़ौतरी होगी जो धरती पर जीवन के संभावानाओं को कम करता जाएगा। ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे लिए किसी एक को दोष नहीं दिया जा सकता बल्कि पूरी मानव जाति इसके लिए जिम्मेदार है जिसका समाधान वैश्विक जागरुकता और हर एक के कड़ी प्रयास से ही संभव होगा।

ग्रीनहाउस गैसों के स्तर का बढ़ना

वर्तमान में ये ग्लोबल वार्मिंग पूरे विश्व के समक्ष बड़ी समस्या के रुप में उभर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि धरती के वातावरण के गर्म होने का मुख्य कारण का ग्रीनहाउस गैसों के स्तर में वृद्धि है। अगर इसे नजरअंदाज किया गया और इससे निजात पाने के लिए पूरे विश्व के देशों द्वारा तुरंत कोई कदम नहीं उठाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब धरती अपने अंत की ओर अग्रसर हो जाएगी तथा धरती से सारे जीवन का विनाश हो जायेगा।

संपूर्ण विश्व के लिए खतरा

दिनों-दिन बढ़ते इसके खतरनाक प्रभाव से संपूर्ण विश्व के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है। इससे समुद्र जल स्तर में वृद्धि, बाढ़, तूफान, चक्रवात, मौसम के स्वरुपों में परिवर्तन, संक्रामक बीमारीयाँ, खाद्य कमी, मौतें आदि आने वाले समय में दिखाई देंगी। इससे निजात पाने का एक ही तरीका है व्यक्तिगत स्तर पर जन-जागरुकता। लोगों को इसका अर्थ, कारण, और प्रभाव की समझ होनी चाहिये जिससे इसको जड़ से मिटाया जा सके और धरती पर जीवन की संभावानाएँ सदा के लिए बने रहे । लोगों को उनकी बुरी आदतों जैसे तेल, कोयला और गैस के अत्यधिक इस्तेमाल, पेड़ों की कटाई जोकि कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) को सोखने का मुख्य स्रोत है उसे रोक कर, कम बिजली का इस्तेमाल कर आदि से कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) को फैलने से रोकना चाहिए। पूरी दुनिया के लोगों में थोड़े से बदलाव से, एक दिन हम लोग इसके प्रभावों को घटाकर वातावरण में हुए नकारात्मक परिवतर्नों को रोक सकते है।

पर्यावरण में कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) के बढ़ते स्तर

पर्यावरण में कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) के बढ़ते स्तर के कारण धरती के सतह का तापमान लगातार बढ़ते जा रहा है। ये विश्व समुदाय के लिए एक बड़ा और गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है। जरुरत है कि विश्व समाज के सभी देश इसके समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाये। नियमित बढ़ते धरती के तापमान से कई सारे खतरों का जन्म होगा जो इस ग्रह पर जीवन के अस्तित्व को कठिन बना देगा। ये धरती के आबोहवा में नियमित और स्थायी परिवर्तन को बढ़ा देगा और इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ने लगेगा।

कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) बढ़ने से इंसानी जीवन पर असर

धरती पर कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) के बढ़ने से इंसानी जीवन पर इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा इससे लगातार गर्म हवाएँ, अचानक से आया तूफान, अप्रत्याशित चक्रवात, ओजोन परत में क्षरण, बाढ़, भारी बरसात, सूखा, खाद्य पदार्थों की कमी, महामारी, और मौंते आदि में बढ़ौतरी होगी। ऐसा शोध में पाया गया है कि कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) के अधिक उत्सर्जन का कारण जीवाश्म ईंधनों के प्रयोग, खाद का इस्त्माल, पेड़ों की कटाई, फ्रिज और एसी से निकलने वाली गैस, अत्यधिक बिजली के इस्तेमाल आदि है। ये ध्यान देने योग्य है कि अगर इसको नहीं रोका गया तो 2050 तक ग्लोबल वार्मिंग से धरती पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) का उत्सर्जन लगातार बढ़ रहा है।

उपसंहार

धरती पर ग्रीनहाउस गैसों के प्रभाव बढ़ने का कारण कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE) के स्तर में बढ़ना है, सभी ग्रीनहाउस गैस गर्म किरणों की पात को सोखता है जिसके बाद सभी दिशाओं में दुबारा से विकीकरण होता है और धरती पर वापस आकर तापमान में वृद्धि करता है जो हमें ग्लोबल वार्मिंग के रुप में दिखाई देता है। ग्लोबल वार्मिंग के जीवन से संबंधित दुष्प्रभावों को रोकने के लिये, हमें कार्बन डाइआक्साइड (CARBON DIOXIDE)और ग्रीनहाउस गैसों के प्रभावों को बढ़ाने वाले सभी कारकों को हमेशा के लिए त्यागना पड़ेगा जिससे हमारी पृथ्वी का तापमान गर्म न हो। हमें पेड़ों की कटाई नहीं करनी चाहिए, बिजली का सही इस्तेमाल करना चाहिए, लकड़ी को नहीं जलाना चाहिए आदि। यही हमे हमारे आने वाले कल को बचा सकता है और हमारे आने वाले पीढ़ी को भविष्य देखने का मौका मिलेगा।


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