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रूपरेखा : प्रस्तावना - भारत को स्वतंत्रता कैसे मिली - यह पर्व कैसे मनाते हैं - दिल्ली की रौनक - सामाजिक कार्यक्रम - भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाना क्यों जरूरी है - उपसंहार।
प्रस्तावना | भारत में स्वतंत्रता दिवसस्वतंत्रता दिवस का दिन हमारे देश के इतिहास में अत्यंत गौरवमय दिवस है। सन 1947 में इसी दिन हमारा देश अंग्रेजों की पराधीनता से स्वतंत्र हुआ था। 15 अगस्त, 1947 को अनमोल प्रकाश लेकर सूर्योदय हुआ था और भारत की कोटि कोटि जनता स्वतंत्रता की मस्ती में झूम उठी थी। इसलिए 15 अगस्त को हम अपने मुक्तिपर्व के रूप में मनाते हैं।
स्वतंत्रता के लिए भारतमाता के लाखों सपूतों ने तरह-तरह के कष्ट सहे थे। मातृभूमि की आजादी के लिए भगतसिंह जैसे हजारों शेरदिल जवान हँसते-हँसते फाँसी के तख्ते पर चढ़ गए थे। लोकमान्य टिलक ने घोषणा की थी 'स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और उसे हम लेकर ही रहेंगे।' टिलक के इन जादूभरे शब्दों ने भारतीय जनता के स्वाभिमान को जगा दिया। सन 1942 में गाँधीजी ने 'करो या मरो' का नारा लगाया। इससे प्रभावित होकर कोटि-कोटि भारतवासी देश के लिए मर मिटने को तैयार हो गए।
स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है। सुबह देशभर में जगह-जगह ध्वजवंदन के कार्यक्रम होते हैं। स्कूलों और कालेजों में तिरंगा फहराया जाता है। 'जन-गण-मन' की ध्वनि से वातावरण गूंज उठता है। गाँव-गाँव और शहर-शहर इस मुक्तिपर्व के रंग में रंग जाते हैं। सभी सरकारी विभाग इस दिन ध्वजवंदन समारोह का आयोजन करते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस की रौनक देखते ही बनती है। सबेरे हजारों दिल्लीवासी लाल किले के मैदान में एकत्र होते हैं। हमारे प्रधानमंत्री लाल किले पर में राष्ट्रध्वज फहराते हैं और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं। विविध प्रांतों की राजधानियों में वहाँ के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस देश के लोगों में राष्ट्रप्रेम की ज्योति जलाता है। सामाजिक संस्थाएँ इस दिन तरह-तरह के सुंदर कार्यक्रम प्रस्तुत करती हैं। शहीदों की याद में भिन्न-भिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। शहरों में कवि-सम्मेलनों का आयोजन होता है। इनमें देशप्रेम, त्याग तथा बलिदान की प्रेरणा देने वाली कविताएँ सुनाई जाती हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन से भी ऐसे ही प्रेरक कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है। देशभक्तिपूर्ण फिल्में भी दिखाई जाती हैं।
स्वतंत्रता दिवस हमारी स्वतंत्रता की वर्षगाँठ है। इस दिन के कार्यक्रम देशवासियों राष्ट्रीयता का रंग भर देते हैं। यह दिन देश के लोगों को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है। प्रतिवर्ष उत्साहपूर्वक स्वतंत्रता दिवस मनाने से राष्ट्र की एकता और अखंडत को नई शक्ति मिलती है।
सचमुच, स्वतंत्रता दिवस भारतीय इतिहास का सुनहरा दिन है। इस दिन हमें अपने की अनमोल स्वतंत्रता और उसकी आन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए।
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