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रुपरेखा : राजधानी का अर्थ - विभिन्न समय के राजधानी - मुगलों की राजधानी - अंग्रेजों के समय की राजधानी - भारत की राजधानी : दिल्ली - स्वतंत्र भारत की राजधानी - उपसंहार।
राजधानी का अर्थ -जिस नगर में राष्ट्र के केंद्रीय सरकार के मुख्य कार्यालय स्थित होते हैं तथा जहाँ से देश का सारा राज-काज चलता है, उसे राजधानी कहते है । मुख्य शासक या राजा का स्थायी निवास-नगर राजधानी के नाम से पहचाना जाता है । भारत के शासन को चलाने का केंद्रीय नगर भारत की राजधानी कहलाता है।
रामायण-काल में अयोध्या भारत की राजधानी रही तो महाभारत काल में पहले--हस्तिनापुर और बाद में इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली ) नाम से पहचाना गया। बौद्धकाल में कपिलवस्तु तो जैनकाल में कुण्डग्राम। समप्राट् अशोक ने पाटलीपुत्र को राजधानी होने का गौरव प्रदान किया तो मुगल बादशाहों ने दिल्ली को बादशाह बख्शी नाम की मुहर लगा दी थी। किन्तु कुछ मुगल सम्राटों ने आगरा को भी सल्तनत का केन्द्र बनाया। अंग्रेजों ने शुरू में कलकत्ता (कोलकाता) को भारत की राजधानी माना, किन्तु सन् 1911 से यह गौरव दिल्ली को प्रदान किया गया है। आज स्वतन्त्र भारत की राजधानी दिल्ली है।
चौहान राजाओं में पृथ्वीराज चौहान ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया। चौहानों के हाथ से हकूमत निकलकर अफगानों के हाथ चली गई थी। पहले अफगान बादशाह शहाबुद्दीन मुहम्मद गोरी ने भी दिल्ली को ही राजधानी माना था। गुलामवंश का राज्य भारत में आया। कुतुबुद्दीन ऐबक, अल्तमश, रजिया सुल्ताना, आदि इस पंच के बादशाह रहे। सबको दिल्ली ही रास आई। सबने दिल्ली को ही राजधानी का गौरव प्रदान किया। गुलामवंश के बाद खिंलजीवंश आए। अल्लाउद्दीन खिलजी, फिरोजशाह खिलजी, कुतुबुद्दीन खिलजी ने राज्य किया और शासन- केन्द्र दिल्ली ही रखा। खिलजीवंश का उत्तराधिकार छीना तुगलकवंश ने, जिसमें गयासुद्दीन तुगलक, मोहम्मदबिन तुगलक, फीरोजशाह तुगलक ने भारत पर राज्य किया। इन्होंने भी अपनी राजधानी होने का गौरव दिल्ली को प्रदान किया।
मुगलों से भारत के शासन की अधिकार अंग्रेजों ने हथियाई। अंग्रेज व्यापारी के रूप में यहाँ आए थे। उन्होंने व्यापार के लिए कलकत्ता (कोलकाता) में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की थी। अत: जब धीरे-धीरे इस कंपनी ने शासन का अधिकार भी हथिया ली, तब कलकत्ता (कोलकाता) को ही राजधानी बना दिया। उसके बाद अंग्रेजी शासन में सन् 1778 से 1910 तक जितने भी गवर्नर जनरल तथा वायसराय आए, सभी ने कलकत्ता (कोलकाता) को राजधानी के रूप में अलंकृत किया। लार्ड हार्डिंग ने दिल्ली को सर्वप्रथम राजधानी का पद प्रदान किया। सन् 1914 में दिल्ली में ही उनका विधिवत् राज्य अभिषेक हुआ।
आज स्वतंत्र भारत की राजधानी "दिल्ली" है। दिल्ली को ' राजधानी ' बनने का गौरव सर्वप्रथम महाभारतकाल में प्राप्त हुआ। राजा युधिष्टिर ने इस इन्द्रप्रस्थ को शासनकेन्द्र का प्रमुख नगर बनाया । पांडवों के इन्द्रप्रस्थ से लेकर शाहजहाँ के शाहेख्वाब का स्वर्ग शाहजहाँनाबाद के रंगारंग रूप से गुजरती दिल्ली अंग्रेजों के रायसीना पर आकर टिक गई ।' रायसीना ' बदलकर "नई दिल्ली" कहलाया। 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतन्त्र हुआ। स्वतन्त्र भारत की राजधानी बनी दिल्ली।
आज स्वतंत्र भारत की राजधानी दिल्ली है। शासन के तीनों प्रमुख अंग-विधि- निर्माण, न्यायपालिका तथा कार्य-पालिका दिल्ली में ही हैं । विधि-निर्माण संसद् का कार्य है। न्याय-पालिका के लिए सर्वोच्च न्यायालय है | कार्य-पालिका के लगभग 35 प्रमुख मंत्रालय हैं। 'राजधानी ' नाम की सार्थकता पूरी करते हैं राष्ट्रपति, उपराष्ट्पति, प्रधानमंत्री, मुख्य-न्यायाधीश तथा लोकसभा अध्यक्ष के निवास- स्थान । अपने कार्यकाल में इन सबका स्थायी निवास दिल्ली ही होता है। वर्तमान युग में किसी भी राष्ट्र की राजधानी विश्व की राजनीती से संबंधी होती है। दिल्ली भारत की राजधानी होने के कारण विश्व राजनीती का एक केन्द्र है। 15 राष्ट्रों के राजदूत तथा 18 राष्ट्रों के उच्चायुक्त दिल्ली में रहकर अपने राष्ट्रों का राजनीतिक कार्य करके अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। शासन- व्यवस्था के विस्तार के साथ दिल्ली का विस्तार अवश्यम्भावी था। दिल्ली ने अपनी सीमा में बहुत तेजी से विविध रूपेण विस्तार किया; एक-एक इंच भूमि का उपयोग किया। गली, कूँचे, मोहल्लों से निकलकर दिल्ली नगरों, विहारों में फैली। साधारण मकानों से हटकर आलीशान कोठियों एवं भूमिगत बाजारों में प्रतिष्ठित हुई । ऊबड़-खाबड़ रास्तों को छोड़कर यातायात के अनुकूल सड़कों, पुलों और फ्लाइ ओवरों में बदली।
भारत की राजधानी है दिल्ली। राजधानी के कारण है यह एक महानगर। महानगर की विशालता बढ़ रही है। दिल्ली अपनी सीमाओं में समा नहीं पा रही। दिल्ली, उसका निखरता सौंदर्य, यौवन तथा उसकी सुंदरता अवं पर्यावरण दिल्ली को और भी कुशलता बढाती है। दिल्ली के लोग तथा उनका मिल-जुलकर रहना दिल्ली की शान अथवा भारत की राजधानी की शान अवं गौरव के प्रतिक है।
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