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मेरा नाम सोनल शिंदे है। मेरी दादी ने यह नाम रखा था। मुझे प्यार से घर में सोनू बुलाते है। मैं दस वर्ष की हूँ। मैं सातवीं कक्षा में पढ़ती हूं। मेरे घर में माँ, पापा, दादाजी, दादीजी, और एक छोटा भाई रहता है। हमारा परिवार एक मध्यवर्ग परिवार है।
मेरी मां गृहिणी है। वह घर पर काम करती है। मेरे पिता एक कंपनी में क्लर्क का काम करते हैं। मेरे घर में सभी अच्छे है और सबकी में लाड़ली बेटी हूँ। मेरा एक छोटा भाई है। उसका नाम दीपक शिंदे है। वह छठी कक्षा में पढता है। मैं पुणे में रहती हूँ। पुणे में हमारा अपना घर हैं। यहाँ एक बड़ा मैदान है जहाँ में अपने छोटे भाई के साथ शाम को टहलने जाती हूँ। हमारे घर के बाहर एक छोटा-सा बगीचा भी है जिसमे रंग-बिरंगे फूल हैं।
मेरे दादा-दादी बड़े धार्मिक हैं। उनके बाल सफेद हो गए हैं। हालांकि वह बूढ़ी है, वह बहुत सक्रिय है। वह सुबह-सुबह उठकर स्नान कर लेते है फिर उसके बाद वह रोज पास के मंदिर में पूजा करने जाते है। मेरे दादा-दादी बहुत अच्छे है। रोज मंदिर से आते वक़्त हम दोनों के लिए चॉक्लेट लेके आते है।
मैं रोज सुबह स्कूल जाती हूं। मेरा स्कूल बहुत बड़ा है। मेरा स्कूल मेरे घर से दूर है इसीलिए रोज सुबह हमे लेने बस आती है। मैं स्कूल में कई चीजें सीखती हूं। मेरे स्कूल का खेल का मैदान भी है जहाँ हम रोज खेल खेलते हैं। मेरे शिक्षक बहुत अच्छे हैं। वे भी मुझसे बहुत प्यार करते हैं। स्कूल में मेरी बहुत सहेलियां है। मैं रोज स्कूल से घर उनके साथ ही आती हूँ।
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