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रूपरेखा : प्रस्तावना - मेरा प्रिय वैज्ञानिक कौन है - उनका जन्म और बचपन - उनकी वैज्ञानिक क्षेत्र में उपलब्धियाँ - उनका संदेश - उपसंहार।
परिचय | मेरा प्रिय वैज्ञानिक की प्रस्तावना-विश्व में किसी देश की तरक्की का श्रय वैज्ञानिक को जाता है। उनके अनेक अविष्कारों द्वारा मानव का जीवन सरल और आरामदायक बीतता है। इस संसार में अनेक क्षेत्र में आविष्कार करने वाले एक से बढ़कर एक वैज्ञानिक हुए हैं। इन्ही अविष्कारों से आज कई देश तरक्की के सिखर पर खड़ा है।
सबकी उपलब्धियों का अपना-अपना महत्त्व है, परंतु जिस वैज्ञानिक की उपलब्धियों ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है, जिससे की वे मेरे प्रिय वैज्ञानिक बने। मेरे प्रिय वैज्ञानिक टॉमस अल्वा एडिसन है।
टॉमस अल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी, 1847 को अमेरिका के ओहियो राज्य के मिलन नगर में हुआ था। वे बचपन से ही जिज्ञासु स्वभाव के थे। वैज्ञानिक प्रयोगों की धुन भी उन्हें बचपन से ही थी। स्कूल की पढ़ाई में मन न लगा तो माँ के प्रोत्साहन से वे घर में ही छोटे-छोटे प्रयोग करने लगे। बारह वर्ष की आयु में उन्होंने ट्रेन में अखबार बेचना शुरू किया। प्रयोगों का दिलचस्पी वहाँ भी उनको था। ट्रेन का डिब्बा ही उनकी प्रयोगशाला बन गया।
धीरे-धीरे एडिसन के प्रयोग सफल होने लगे। उन्होंने उस समय प्रचलित तार-यंत्र में कई सुधार किए। टेलीफोन का मूल आविष्कार तो ग्राहम बेल ने किया था, पर उसमें कुछ कमियाँ थीं। उन कमियों को एडिसन ने दूर किया। टेलीफोन को वर्तमान रूप देने वाले एडिसन ही थे। ट्रेनों का समय दर्शाने वाला इंडीकेटर भी उन्होंने बनाया था। उनका सबसे महत्त्वपूर्ण आविष्कार है बिजली के बल्बों में विद्युत धारा प्रवाहित करना। जिस विद्युत ने आज हमारे जीवन में तरह-तरह की सुविधाएँ प्रदान की हैं, उसके आविष्कार का सारा श्रेय एडिसन को ही है। मनोरंजन की दुनिया में क्रांति लाने वाले सिनेमा के प्रोजेक्टर का आविष्कार भी एडिसन ने ही किया था।
एडिसन के आविष्कारों ने हमारे जीवन को अनेक सुख-सुविधाओं से संपन्न बनाया है। जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जिसमें उनका कोई योगदान न हो। उन्होंने छोटे-बड़े लगभग 1400 आविष्कार किए हैं। अपने आविष्कारों के द्वारा इस युग पर उन्होंने अपनी वैज्ञानिक का जलवा दिखाया है। इसीलिए वे मेरे प्रिय वैज्ञानिक हैं। एडिसन के जीवन का सबसे बड़ा संदेश है निरंतर परिश्रम। वे मानते थे कि उनकी सफलता में एक प्रतिशत हिस्सा भाग्य का और बाकी बचे प्रतिशत हिस्सा उनके कठोर परिश्रम का है।
सचमुच, टॉमस अल्वा एडिसन एक महान वैज्ञानिक थे। 18 अक्तूबर, 1931 को 84 वर्ष की उम्र में विज्ञान के इस जादूगर ने विश्व से सदा के लिए विदा ली। उनकी शवयात्रा में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रप्रमुख आइजन हूवर भी शामिल हुए थे। आज उनके अनेक अविष्कारों के वजह से मानव का जीवन सरल बन पाया है। उनके कठोर परिश्रम ने आज विश्व को उजाला से भर दिया है। सचमुच मेरे सबसे प्रिय वैज्ञानिक एडिसन ही हैं।
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