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रूपरेखा : प्रस्तावना - गणतंत्र दिवस का इतिहास - भारत में गणतंत्र दिवस का दिन - उपसंहार।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस का प्रस्तावनागणतंत्र दिवस वो दिन है जिसे पूरा देश एक साथ मिलकर बहुत ही उत्साह के साथ मनाता है। भारत के लोगों के लिये 26 जनवरी का दिन गणतंत्र का दिन है। यह एक महत्वपूर्णं दिन है इसलिये इसे 26 जनवरी 1950 से हर साल मनाया जा रहा है। आईए इस निबंध के द्वारा अपने बच्चों को हम इससे जुड़े हुए इतिहास के बारे में बताते हैं। आपको बता दें कि ये निबंध बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है जिससे इसको बच्चे आसानी से समझ सकें।
लंबे समय तक हमारी मातृभूमि भारत पर ब्रिटीश शासन का राज रहा है। और भारत के लोगों ने सालों तक गुलामी की है। जिसके कारण भारत के लोगों को ब्रिटीश शासन द्वारा बनाये गये कानूनों का पालन करना पड़ता था। लंबे संघर्ष के बाद भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अंतत: 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी दिलाई। आजादी के लगभग ढाई साल बाद यानी कि 26 जनवरी 1950 को भारत देश ने अपना संविधान लागू कर दिया। और भारत ने खुद को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में घोषित कर दिया।
भारतीय संविधान को हमारी संसद ने लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को पास किया गया। भारत ने खुद को संप्रभु, लोकतांत्रिक, गणराज्य घोषित कर दिया। जिसके बाद 26 जनवरी को भारत के लोगों द्वारा गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।
आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने के लिए कहा गया था। डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में 4 नवंबर 1947 को भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। लगभग तीन साल का समय लगने के बाद ये पूरी तरह से तैयार हो पाया था। और आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को खत्म हो गई। और इसको लागू कर दिया गया।
भारत में रह रहे लोगों और साथ ही विदेश में भी रहने वाले भारतीयों के लिए गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाना बहुत ही सम्मान की बात है। स्कूलों में, कॉलेजों में, ऑफिस में आदि हर जगह 26 जनवरी को भारत देश का झंडा फहराया जाता है और काफी सारे प्रोग्राम होते हैं, जिनकी तैयारी महीनो पहले से होने लगती हैं। भारत के लोग 26 जनवरी को पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं। सुरक्षा कारणों से लोगों की आवाजाही को इंडिया गेट पर रोक दिया जाता है।
26 जनवरी के दिन पूरे भारत के सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी एक बडे पैमाने पर उत्सव का खास प्रबंध किया जाता है। आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ की जाती है। इतना ही नहीं इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड होती है। जो सामान्यत: विजय चौक से शुरु होती है और इंडिया गेट पर जाकर खत्म होती है। इस दौरान राष्ट्रपति को तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा सलामी दी जाती है। साथ ही अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी सेना के द्वारा किया जाता है। जो कि हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। इतना ही नहीं साथ ही राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ भी होती हैं। और अंत में पूरा भारत का वातावरण “जन गण मन गण” से गूँजता है।
सचमुच, गणतंत्र दिवस अथवा 26 जनवरी हमारा महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार है। यह हमारा गणतंत्र पर्व है। यह प्रजातंत्र भारत के गौरव और स्वाभिमान का पावन दिवस है।
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