कैलाश सत्यार्थी पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - कैलाश सत्यार्थी का जीवन - कैलाश सत्यार्थी की शिक्षा - कैलाश सत्यार्थी की जीवन-वृत्ति - उनकी क्रियाशीलता - कैलाश सत्यार्थी जी को अनेक पुरस्कार मिले - निष्कर्ष।

परिचय

श्री कैलाश सत्यार्थी भारत के एक ऐसे सम्मानीय व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने केरियर को त्याग कर समाज, देश को सही रास्ता दिखाने का काम किया है। आज कैलाश सत्यार्थी एक समाज सेवक के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। जिन्होंने समाज को सही रास्ता दिखाया है । आज भारत देश में उनका सम्मान सभी लोग करते हैं।


कैलाश सत्यार्थी का पारिवारिक जीवन

कैलाश सत्यार्थी का जन्म 11 जनवरी 1954 को विदिशा, मध्यप्रदेश में हुआ। कैलाश सत्यार्थी के पिता का नाम मुंशी अजायब राय है । उनकी माता जी का नाम श्रीमती आनंदी देवी है । कैलाश सत्यार्थी बचपन से ही अच्छे स्वभाव के व्यक्ति रहे है। उनका मूल उपनाम 'शर्मा' है। उनके पिता आरक्षी पदाधिकारी थे। कैलाश सत्यार्थी की पत्नी का नाम सुमेधा है।


कैलाश सत्यार्थी की शिक्षा

कैलाश सत्यार्थी जी ने अपनी स्कूली पढ़ाई विदिशा से की थी । उन्होंने अपनी विद्यालयीय पढ़ाई राजकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में की। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में अपनी डिगरी 'सम्राट अशोक तकनीकी संस्थान', विदिशा में पूरी की। उन्होंने कुछ वर्षों तक भोपाल के एक महाविद्यालय में पढ़ाया।


कैलाश सत्यार्थी की जीवन-वृत्ति

कैलाश सत्यार्थी अपने अच्छे कामों से कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं । कैलाश सत्यार्थी एक ऐसे समाज सेवक हैं जिन्होंने लोगों की भलाई के लिए कार्य किए हैं और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए हैं। कैलाश सत्यार्थी जी ने बच्चों के बेहतर बचपन के लिए कार्य किए हैं। कैलाश सत्यार्थी जी अधिकतर समाज की सेवा में लगे रहते हैं । कैलाश सत्यार्थी का मानना है कि अगर देश का विकास करना है तो छोटे बच्चों को उनका बचपन बेहतर देना होगा क्योंकि बच्चे ही आने वाले समय में भारत के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं । कैलाश सत्यार्थी का कहना है कि श्रेष्ठ भारत की कल्पना हम तब तक नहीं कर सकते हैं जब तक कि देश की युवा पीढ़ी को शिक्षित नहीं किया जा सकता। कैलाश सत्यार्थी जी ने बच्चों के हित में आंदोलन करना प्रारंभ किया और आज वह बहुत बड़े समाज सेवक बन चुके हैं ।कैलाश सत्यार्थी जी के अथक प्रयासों से ही छोटे बच्चों के हित में कई कानून बनाए गए हैं।


उनकी क्रियाशीलता

बाद में उन्होंने अपना शिक्षण-पेशा छोड़ दिया। वे 'बंधुआ मजदूर मुक्ति मोर्चा' से जुड़ गए। 1980 ई. में उन्होंने 'बचपन बचाओ आंदोलन' की बुनियाद रखी। उन्होंने 'वैश्विक शिक्षा अभियान' के साथ भी काम किया। सत्यार्थीजी ने बाल-श्रम के विरुद्ध काफी संघर्ष किया है। उनका विश्वास है कि बाल-श्रम कई अन्य समस्याओं का जड़ है। यह गरीबी, निरक्षरता, जनसंख्या-वृद्धि एवं कई अन्य सामाजिक समस्याओं को बढ़ावा देता है। शिक्षा सबके लिए' का वे समर्थन करते हैं। सत्यार्थीजी अनेक अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ काम करते रहे हैं। वे 'यूनेस्को' के भी सदस्य रहे हैं। वे बच्चों के कल्याण हेतु कार्य करते रहे हैं। उन्होंने १०० से ज्यादा देशों में ‘बाल श्रम के विरुद्ध वैश्विक अभियान' को संघटित करने में सहायता की। उनके प्रयास विश्वव्यापी सराहे गए हैं।


कैलाश सत्यार्थी जी को अनेक पुरस्कार मिले

उन्होंने अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए हैं। प्रजातंत्र के प्रतिरक्षक पुरस्कार, स्वातंत्र्य पुरस्कार, स्वर्ण ध्वज पुरस्कार, ट्रम्पीटर पुरस्कार आदि उनमें से कुछ हैं। उनके जीवन पर आधारित अनेक वृत्त-चित्र एवं दूरदर्शन कार्यक्रम प्रदर्शित किए गए हैं। कैलाश सत्यार्थी जी को उनके द्वारा किए गए समाज सुधार कार्य के लिए 1993 को अशोक फेलो पुरस्कार देने के लिए चुना गया था । सन 1994 को जर्मनी देश के द्वारा कैलाश सत्यार्थी जी को रोबर्ट एफ कैनेडी मानवाधिकार पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। कैलाश सत्यार्थी जी को 1995 को इतालवी सीनेट का पदक भी दिया गया था । कैलाश सत्यार्थी को समाज सेवा के कार्य करने के लिए 1995 को अमेरिका देश के द्वारा ट्रम्पेटर पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया गया है ।

कैलाश सत्यार्थी जी को 1998 में नीदरलैंड्स के द्वारा गोल्डेन फ्लैग पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था । कैलाश सत्यार्थी जी को सन 2002 में वालेनबर्ग मेडल देकर सम्मानित किया गया है । सन 2006 में कैलाश सत्यार्थी जी को समाज सेवा के लिए किए गए कार्य के लिए फीडम पुरस्कार देने का निर्णय किया गया था और कैलाश सत्यार्थी जी को यह फीडम पुरस्कार अमेरिका के द्वारा दिया गया था। 2007 में ही कैलाश सत्यार्थी जी को इटली देश के द्वारा पूरे सम्मान के साथ सीनेट का स्वर्ण पदक दिया गया था । 2008 में स्पेन देश के द्वारा कैलाश सत्यार्थी जी के द्वारा किए गए समाज के कार्य के लिए अल्फांसो कोमिन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था । अमेरिका के द्वारा 2009 में डिफेंडर्स पुरस्कार कैलाश सत्यार्थी जी को दिया गया था । 2008 , 2009 में कैलाश सत्यार्थी जी को लोकतंत्र के रक्षक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है । कैलाश सत्यार्थी जी को 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया जा चुका है।


निष्कर्ष

बाल-दासता, बाल-दुर्व्यवहार, निरक्षरता आदि के विरुद्ध उनकी लड़ाई में अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा उन्हें समर्थन दिया गया है। 2014 ई. में सत्यार्थीजी ने नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त किया। उसके बाद उनके प्रयासों और आंदोलनों को और ज्यादा पहचान मिली है। कैलाश सत्यार्थी-जैसे लोग दर्शाते हैं कि इस पृथ्वी पर मानवता अभी तक जीवित है।


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