इंदिरा गांधी पर निबंध

ADVERTISEMENT

इंदिरा गांधी पर हिंदी निबंध - इंदिरा गांधी की कहानी - इंदिरा गांधी के विचार - इंदिरा गांधी हिंदी में - इंदिरा गांधी की जीवन कथा - इंदिरा गांधी का जीवन परिचय - इंदिरा गांधी की राजनीतिक सफर - इंदिरा गांधी की जीवनी इन हिंदी - इंदिरा गांधी का इतिहास - Indira Gandhi Essay in Hindi - Essay Writing on Indira Gandhi in Hindi - About Indira Gandhi in Hindi - Essay on Indira Gandhi in Hindi - Indira Gandhi History in hindi - Indira Gandhi par Nibandh - Indira Gandhi Essay in Hindi in 100, 200, 300, 400, 500, 1000, 2000 Words - Indira Gandhi Information in Hindi Essay - Hindi Essay on Indira Gandhi - Indira Gandhi Information in Hindi - Indira Gandhi in Hindi - Short Essay on Indira Gandhi in Hindi

रूपरेखा : प्रस्तावना - इंदिरा गांधी जी का प्रारंभिक जीवन - उनकी शिक्षा - राजनैतिक जीवन - उनका जीवन प्रधानमंत्री के रूप में - उपसंहार।

प्रस्तावना -

इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थी। इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व की तारीफ हर कोई करता है। वह अपनी राजनीतिक प्रतिभाओं के लिए राजनीति जगत में इंदिरा जी ने अपनी अलग ही पहचान बनाई है। वह बचपन से ही एक सच्ची देशभक्ति थी और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए उत्सुक थी।


इंदिरा गांधी जी का प्रारंभिक जीवन -

इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के एक संपन्न और शिक्षित परिवार में हुआ था। उनका संपूर्ण नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी था, मगर उन्हें प्यार से सब ‘इंदु’ कह कर पुकारते थे। इंदिरा गांधी जी के दादाजी का नाम मोतीलाल नेहरू था। जवाहरलाल नेहरू और मोतीलाल नेहरू इन दोनों का संबंध वकालत से था और उन्होंने देश को स्वतंत्र करवाने में संपूर्ण सहयोग दिया था। इंदिरा गांधी जी की मां का नाम कमला नेहरू था। वे पं. जवाहरलाल नेहरू एवं कमला नेहरू की एकलौती संतान थीं।


उनकी शिक्षा -

इंदिरा गांधी जी ने रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा बनाया गया शांतिनिकेतन था, वहां पर उन्होंने शिक्षा प्राप्त की थी। उनकी आगे की शिक्षा इंग्लैंड में पूरी हुई। इंदिरा गांधी जी ने अलग-अलग स्थानों से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अलग-अलग विषयों पर भी अध्ययन किया और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। इंदिरा गांधी जी को बचपन से ही तरह तरह की किताबें और पत्रिकाएं पढ़ने का शौक था, परंतु उनका अंग्रेजी भाषा की तरफ अधिक रुझान था। उन्होंने उचित ढंग से विद्यालयीय शिक्षा प्राप्त नहीं की। वे घर पर ही निजी शिक्षकों द्वारा पढ़ाई गईं। उन्होंने विश्व भारती विश्वविद्यालय, बंगाल में दाखिला लिया। वे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय भी गईं। परंतु, वे अपना अध्ययन पूरा नहीं कर सकीं। 1941 ई. में वे भारत लौट आईं।


राजनैतिक जीवन -

इंदिराजी ने अपनी राजनीतिक जीवन-वृत्ति की शुरुआत अपने पिता की देख-रेख में की। उन्होंने उनकी सेवा एक गैर सरकारी निजी सहायक के रूप में की। 1959 ई. में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा बनीं । जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने, तब इंदिरा गांधी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय दिया गया। शास्त्रीजी की मृत्यु के बाद वे प्रधानमंत्री बनीं।


उनका जीवन प्रधानमंत्री के रूप में -

इंदिराजी ने अनेक महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया। उन्होंने पूरे देश में बैंकों के राष्ट्रीयकरण को प्रोत्साहित किया। 1971 ई. में पाकिस्तान से युद्ध के दौरान देश का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। उन्होंने शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत ने अपना प्रथम नाभिकीय परीक्षण उनके शासन के दौरान ही किया। उन्होंने पंजाब में आतंकवाद की समस्या का समाधान किया। इंदिराजी का राजनीतिक सफर आसान नहीं था। उन्होंने अनेक कठिन परिस्थितियों का सामना किया। कई बार उनकी आलोचनाएँ भी हुईं। अनेक नेताओं ने उनके निर्णयों का विरोध किया। 1975 ई. में जब उन्होंने आपातकाल की घोषणा की, तब उनके निर्णय को अनेक नेताओं द्वारा पसंद नहीं किया गया। परिणामस्वरूप उनके दल को आगामी चुनावों में नुकसान हुआ।


उपसंहार -

31 अक्टूबर 1984 को इंदिराजी की हत्या उनके अपने ही अंगरक्षकों द्वारा गोली मारकर कर दी गई। यह पूरे विश्व के लिए सदमा था। वे तीसरी दुनिया के देशों की नेत्री के रूप में जानी जाती थीं। सारी आलोचनाएँ और विरोध उन्हें भारत की प्रगति हेतु काम करने से रोक न सके। वे दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्पवाली महिला थीं। देश के लिए उनकी बहादुरी और प्रेम को हम नमस्कार करते हैं।


ADVERTISEMENT