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रूपरेखा: प्रस्तावना - गर्मी का मौसम - ग्रीष्म ऋतु के लाभ - ग्रीष्म ऋतु के हानि - उपसंहार।
ग्रीष्म ऋतु की प्रस्तावनासाल में चार मौसम होते हैं और इन चारों मौसम में सबसे गर्म गर्मी का मौसम होता है। भारत में छ: ऋतुएँ होती हैं जो एक के बाद एक आती रहती हैं। उन छ: ऋतुओं में से एक ग्रीष्म ऋतु होती है। जब बसंत ऋतु समाप्त होती है तब ग्रीष्म ऋतु आती है। ग्रीष्म ऋतु ग्रीष्मकालीन संक्रान्ति के दौरान शुरू होती है। ग्रीष्म ऋतु शीत ऋतु के आरंभ होने पर समाप्त हो जाती है। दक्षिणी और उत्तरी गोलार्ध एक दूसरे की विपरीत दिशा में होते हैं जिसकी वजह से अगर एक गोलार्ध में गर्मी होती है तो दूसरे गोलार्ध में सर्दी होती है। जीवन में एक तरह की वस्तु की वजह से नीरसता आ जाती है।
एक तरह के अच्छे से अच्छे भोजन को खाते रहने से भी कुछ दिन बाद नीरसता आने लगती है। भोजन में अलग-अलग तरह के रसों और स्वादों का होना जरूरी होता है। इसी तरह जीवन को स्वस्थ और आनंदित बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की ऋतुओं का होना जरूरी होता है।
हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी घूमती रहती है। जब पृथ्वी घूमकर सूरज की तरफ झुकती है उस समय गर्मी का मौसम आता है। जब गोलार्ध सूर्य की तरफ होता है तब गर्मी आती है और जब गोलार्ध सूरज से दूर होता है तो सर्दी आती है। ग्रीष्म ऋतु ज्येष्ठ और आषाढ़ के महीनों में आती है। सूर्य की किरण इतनी तेज होती है कि सुबह में उन्हें सहन करना आसान नहीं होता है। पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में दिसंबर, जनवरी, फरवरी में गर्मी होती है लेकिन उत्तरी गोलार्ध में जून, जुलाई, अगस्त, के महीनों में गर्मी आती है। बच्चों को गर्मी में बहुत खुशी होती है क्योंकि गर्मी के मौसम में उन्हें स्कूल से बहुत सारी छुट्टियाँ मिल जाती हैं।
इस मौसम में बहुत से लोग अपने घरों को छोडकर किसी पहाड़ी इलाके और ठंडी जगहों पर रहते हैं। गर्मी इतनी ज्यादा होती है कि बार-बार नहाने का मन करता है कुछ ठंडा पीने का मन करता है। बार-बार पानी पीने पर भी प्यास नहीं बुझती है। लू इतनी प्रचंड होती है कि घर से बाहर निकलने का मन ही नहीं करता है। इस मौसम में चलना-फिरना भी कष्टदायक हो जाता है। ऐसे मौसम में गुजारा करना मुश्किल हो जाता है बिना कूलर के गुजारा नहीं हो पाता है। ये साल के सबसे लंबे और गर्म दिन होते हैं। इन दिनों में हमें अपने पसंदीदा फल और फसलें मिलती हैं।
गर्मी से मनुष्य जीवन को बहुत लाभ होते हैं। अगर गर्मी अच्छी पडती हैं तो वर्षा भी बहुत अच्छी होती है। गर्मी की वजह से ही खाना पकता है और खाने के योग्य बनता है। ग्रीष्म ऋतु में गर्मी की वजह से विषैले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। इस ऋतु में आम, लीची आदि अनेक रसीले फल भी मिलते हैं। इन फलों का स्वाद ही निराला होता है। गर्मी के दिनों की वजह से जगह-जगह पर शरबत, लस्सी, पेप्सी, ठंडा पानी आसानी से सडकों पर मिल जाता है। गर्मी के दिनों में सभी लोग ठंडी कुल्फी खाना पसंद करते हैं और इन दिनों में लोगों को कुल्फी आसानी से प्राप्त हो जाती है।
गर्मी में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि पसीने से लथपथ होना, लू लगना, शरीर में पानी की कमी हो जाना आदि। गर्मी के मौसम में लोगों का बाहर आना जाना बहुत ही कम हो जाता है क्योंकि जैसे-जैसे दिन बढ़ता जाता है तामपान भी वैसे-वैसे ही बढ़ता जाता है। इस मौसम में होने वाली भयावह गर्मी के कारण लोग काम करने से भी कतराते हैं। जो लोग ठंड के दिन में एक बार भी नहीं नहाते उनको ये गर्मी दिन भर में चार-पांच बार नहाने पर मजबूर कर देता। अब तो आप समझ ही गए होंगे ये गर्मी हमसे क्या-क्या नहीं करती। कुछ वैज्ञानिक का कहना है की मनुष्य द्वारा उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के कारण ही गर्मी का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इस मौसम में तेज गर्मी और धुप पड़ती है और यही इस मौसम की सबसे बड़ी हानि है। चिलचिलाती धुप और तेज गर्मी की वजह से हमारे शरीर से पसीना बहता है। नदी, तालाब, झरने, कुएं और पानी के अन्य स्त्रोत गरमी की वजह से सूख जाते हैं। हम मनुष्यों के अलावा अन्य जीव-जंतु और पेड़ पौधे भी इस गर्मी से परेशान हो जाते हैं। तेज धुप में लू की हवाएं चलती हैं जिससे घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। हमारे शरीर से गर्मी की वजह से पसीना निकलने लगता है। शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे बार-बार प्यास लगता है। पशु-पक्षी भी तेज गर्मी से परेशान हो जाते हैं।
हर ऋतु की अपनी-अपनी विशेषता और अपना-अपना महत्व होता है। ग्रीष्म ऋतु गरीबों के लिए वरदान होती हैं वे जहाँ भी चाहते हैं सो जाते हैं। अमीर लोगों के लिए गर्मी का मौसम कम आकर्षक होता है। मनुष्य भगवान का बनाया हुआ एक सबसे बुद्धिमान प्राणी है। हमें हमेशा बढ़ते तापमान के बारे में विचार करने के साथ-साथ उस पर सकारात्मक रूप से कार्य भी करना चाहिए। हमें गर्मी में भी आराम देने वाले साधनों के माध्यम से इस मौसम का आनंद उठाना चाहिए हमें किसी भी तरह से सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
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