मेरा भारत महान पर निबंध

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मेरा भारत महान पर हिंदी निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, और 9 के विद्यार्थियों के लिए। - Essay Writing on my great india in hindi - My Great India Essay in hindi for class 5, 6, 7, 8 and 9 Students. Essay on My Great India in Hindi for Class 5, 6, 7, 8 and 9 Students and Teachers.

रूपरेखा : प्रस्तावना - प्रकृति का प्यारा देश - भारत की महान संस्कृति - भारत की महान साहित्य - महापुरुषों का देश - विज्ञान में भी प्रगति - विविधता में एकता - उपसंहार।

भारत मेरी मातृभूमि है। इसके अन्न, जल और मिट्टी से मेरे शरीर का भरण-पोषण हुआ है। इसलिए यह देश मुझे प्राणों से भी प्यारा है।

यह प्रकृति का लाड़ला देश है। पर्वतराज हिमालय इसके उत्तर में मुकुट की तरह सुशोभित है। दक्षिण में हिंद महासागर इसके चरण धो रहा है। इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। गंगा और यमुना जैसी नदियाँ इसके हृदय पर हार की तरह शोभा देती हैं। सुंदर कश्मीर हमारे देश का स्वर्ग है।

संसार को आचार, विचार, व्यापार-व्यवहार और ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा-दीक्षा भारत से ही मिली है। क्षमा, करुणा और उदारता की त्रिवेणी सबसे पहले इसी देश में बही है। संयम, त्याग, अहिंसा और विश्वबंधुत्व भारतीय जीवन के आदर्श रहे हैं। सभ्यता का सूर्योदय सबसे पहले इसी देश में हुआ था। विविध कलाएँ यहीं जन्मीं और फली-फूलीं। कृषि विज्ञान, धातु-विज्ञान, औषधि विज्ञान आदि का यहाँ अच्छा विकास हुआ। अजंता और एलोरा की गुफाएँ, दक्षिण भारत के अनोखे मंदिर, आगरे का ताजमहल, दिल्ली का कुतुबमीनार, साँची का स्तूप आदि कला के उत्तम नमूने इसी देश में हैं। दुनियाभर हजारों लाखों पर्यटक इन्हें देखने के लिए हर साल भारत आते हैं।

वाल्मीकि, व्यास, कालिदास, तुलसीदास, कविवर रवींद्रनाथ ठाकुर जैसे अजर-अमर कीर्तिवाले महाकवि भारत में ही पैदा हुए हैं। भारत में रचे गए वेद संसार के आदि ग्रंथ माने जाते हैं। रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य भारत के ही नहीं, विश्व के गौरव हैं।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, गीता के गायक श्रीकृष्ण, भगवान महावीर, करुणानिधि गौतम बुद्ध, सम्राट अशोक, हर्ष, चंद्रगुप्त, शंकराचार्य, महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों ने अपने अद्भुत कर्मों से इस देश को महान बनाया। कबीर, नानक, नरसी मेहता, मीराबाई तुकाराम, ज्ञानदेव, चैतन्य महाप्रभु, रामकृष्ण परमहंस आदि संतों ने यहाँ भक्ति और ज्ञान की दिव्य सरिताएँ बहाई हैं। लौहपुरुष सरदार पटेल, शांतिदूत जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और लालबहादुर शास्त्री जैसे नर-रत्नों पर भारतमाता गर्व करती है। आधुनिक काल में डॉ. सी. वी. रमन, जगदीशचंद्र बसु, डॉ. भाभा, डॉ. विक्रम साराभाई तथा डॉ. अब्दुल कलाम जैसे वैज्ञानिकों ने विज्ञान के क्षेत्र में भारत का सिर ऊँचा उठाया है।

हमारा देश कभी सांप्रदायिक या संकुचित मनोवृत्ति का नहीं रहा। इसीलिए इस देश में अनेक धर्म पनपे हैं। यहाँ के जनजीवन में विविधता के बावजूद एकता रही है। यह इस देश की महानता का एक विशिष्ट पहलू है।

सदियों तक पराधीन रहने के बावजूद हमारे देश की आत्मा को कोई विदेशी शक्ति कभी नहीं जीत पाई। आज सारा संसार स्वतंत्र भारत की महानता को स्वीकार करता है।


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