मेरी प्रिय ऋतु पर निबंध

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मेरी प्रिय ऋतु पर हिंदी निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, और 9 के विद्यार्थियों के लिए। - My Favourite Season Essay in hindi for class 5, 6, 7, 8 and 9 Students. Essay on My Favourite Season in Hindi for Class 5, 6, 7, 8 and 9 Students and Teachers.

रूपरेखा : प्रस्तावना - भारत में छह ऋतुओं का क्रमिक आगमन - मेरी प्रिय ऋतु - प्रिय ऋतु का परिचय - यह ऋतु इतना प्रिय क्यों है - अन्य ऋतुओं से तुलना - मेरी प्रिय ऋतु और मेरा जीवन - उपसंहार।

प्रस्तावना-

ऋतुओं का जो सूंदर क्रम हमारे देश में है, वो दूसरे देशों में नहीं पाया जाता है। प्रत्येक ऋतु की अपनी पहचान होती है। हेमंत, शिशिर, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, और सरद जैसे ऋतुओं हमारे देश को बाकियों देशों से अलग रखती है तथा हमारे देश को अलग पहचान उपलब्ध कराती है। ऋतु को कई लोग मौसम कहकर उसका आगमन करते है।


भारत में छह ऋतुओं का क्रमिक आगम-

हेमंत, शिशिर, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा और शरद इन छह ऋतुओं का जो सुंदर क्रम हमारे देश में है, वह दूसरे देशों में नहीं पाया जाता। प्रत्येक ऋतु की अपनी पहचान और अपनी एक महत्व होती है। सभी ऋतुओं अपने आप में एक अहम भूमिका निभाती है।


मेरी प्रिय ऋतु-

प्रत्येक ऋतु की अपनी छटा होती है, अपना आकर्षण होता है। इन सभी ऋतुओं में मुझे वसंत ऋतु सबसे अधिक प्रिय है।


प्रिय ऋतु का परिचय-

शिशिर का अंत होते ही वसंत की सवारी सज-धज के साथ आ पहुँचती है। बागों में, वाटिकाओं में, वनों में, प्रकृति उसके स्वागत की तैयारियाँ करने लगती है। कलियाँ अपने घूँघट खोल देती हैं। जूही, चंपा, चमेली, केतकी, गुलाब आदि फूल अपनी सुगंध बिखेर देते हैं। भौरे गूंज उठते हैं और तितलियाँ अपने चटकीले-चमकीले रंगों से ऋतुराज का स्वागत करने के लिए तैयार हो जाती हैं। धरती के कण-कण में नया जीवन नजर आने लगता है।


यह ऋतु इतना प्रिय क्यों है-

सचमुच, वसंत की शोभा मेरे हृदय को उल्लास से भर देती है। एक ओर शीतल, मंद, सुगंधित पवन के मधुर झोंके मन को मतवाला कर देते हैं, तो दूसरी ओर फुलवारियों की बहार बूढ़ों को भी जवान बना देती है। खिलती कलियाँ देखकर मेरे जी की कली भी खिल उठती है। एक ओर प्रकृति के रंग और ऊपर से रंगभरी होली। अबीर-गुलाल के रूप में मानो हृदय का प्रेम ही उमड़ पड़ता है।


अन्य ऋतुओं से तुलना-

कई लोग वर्षा को वसंत से बेहतर मानते हैं। पर कहाँ वर्षा का किच पिच भरा मौसम और कहाँ वसंत की बहार। शरद की शोभा भी वसंतश्री के सामने फीकी पड़ जाती है। वसंत, सचमुच, ऋतुराज है।


मेरी प्रिय ऋतु और मेरा जीवन-

वसंत का आगमन होते ही मेरे मन में इंद्रधनुष के रंगों की बहार छा जाती है और मेरी कल्पना तरंगित हो उठती है। बागों में सैर करते मन नहीं भरता। मेरी आँखों पर प्रकृति के गाकर्षण का चश्मा लग जाता है और मेरे दिल में उमंगों का सूर्योदय हो जाता है। कोयल के गीत मुझो कविता लिखने की प्रेरणा देते हैं। फूल मन को खिलना और ओठों को हँसना सिखाते हैं। तितली फूलों को प्यार करना और भौरे गुनगुनाना सिखाते हैं।


उपसंहार-

वसंत ऋतु का वास्तविक सौंदर्य हमारे स्वास्थ्य को पोषण देता है जिससे हमारा शरीर को लम्बी आयु मिलता है। इस प्रकार वसंत ऋतु आते ही सभी के जीवन में खुशहाली लाती है। जिसका बच्चो, युवाओं, तथा बूढ़े इंतिजार करते है। ऐसी अनोखी और मनभावन है मेरी प्रिय वसंत ऋतु। मैं हर साल इसकी प्रतीक्षा करता रहता हूँ।


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