मेरी महत्वाकांक्षा पर निबंध

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मेरी महत्त्वाकांक्षा पर हिंदी निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, और 9 के विद्यार्थियों के लिए। - Essay Writing on my ambition in hindi - My Ambition Essay in hindi for class 5, 6, 7, 8 and 9 Students. Essay on My Ambition in Hindi for Class 5, 6, 7, 8 and 9 Students and Teachers.

रूपरेखा : परिचय - व्यवसाय का चुनाव - पसंदगी का कारण - मैं डॉक्टर बनकर क्या करूँगा - अन्य कार्य - आदर्श - उपसंहार।

इस संसार में मनुष्य का महत्वकांक्षी होना एक स्वभाविक गुण होता है। हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ विशेष प्राप्त करने की इच्छा रखता है वैसे ही मुझे भी अपने जीवन में उचित शिक्षा प्राप्त कर के भविष्य में एक बड़ा पद पर कार्य कर के लोगो की सेवा करने की इच्छा है। मनुष्य अनेक प्रकार की कल्पनाएँ करता है। कल्पना तो सबके पास होती हैं लेकिन कल्पना को साकार करने की शक्ति और लगन केवल कुछ लोग ही पूरा कर पाते है।

भविष्य में मैं क्या बनूँगा, इसका विचार मैंने अभी से कर लिया है। जी हाँ, अपना व्यवसाय मैंने अभी से चुन लिया है। मेरी महत्त्वाकांक्षा डॉक्टरी शिक्षा प्राप्त कर एक कुशल डॉक्टर बनने की है। डॉक्टर समाज का सबसे बड़ा सेवक होता है। वह बीमार लोगों को नई जिंदगी देता है। मैं चाहता हूँ कि मैं भी डॉक्टर बनकर अपने समाज और देश की सेवा करूँ।

आज हमारे देश में हैजा, मलेरिया, चेचक जैसे रोग तो कम हो गए हैं, लेकिन दूसरी अनेक बीमारियों ने सिर उठा लिया है। खाँसी, सर्दी, बुखार, सिरदर्द आदि रोगों के कारण असंख्य लोग परेशान रहते हैं। टी. बी., टाइफॉइड, डायबिटीज़ और ब्लडप्रेशर जैसी जानलेवा बीमारियों का प्रसार बढ़ गया है। देश का गरीब वर्ग इन बीमारियों से परेशान हो रहा है। मैं चाहता हूँ कि मैं डॉक्टर बनकर ऐसे मरीजों का इलाज करूँ और उन्हें रोगमुक्त करूँ। इस तरह मैं डॉक्टर बनकर जनसेवा का सुनहरा अवसर प्राप्त करूँगा।

आज हमारे गाँवों को डॉक्टरों की बहुत आवश्यकता है। आज के नए डॉक्टर अक्सर शहरों में ही रहना पसंद करते हैं, लेकिन मैं तो गरीबों की सेवा करना चाहता हूँ। अत: गाँव का डॉक्टर बनने में मुझे जरा भी हिचकिचाहट न होगी। मैं अपने इलाज से गाँव के लोगों का दुःख दूर करूँगा। लोग मेरे पास रोते-कराहते आएँगे और हँसते मुस्कराते हुए जाएँगे। उनकी उस खुशी में ही मुझे अपनी खुशी मिल जाएगी।

आर्थिक दृष्टि से भी डॉक्टर का व्यवसाय लाभदायक है। लेकिन केवल पैसे कमाना ही मेरा उद्देश्य नहीं होगा। मेरे लिए डॉक्टर बनना दीनबंधु बनने का अवसर है। मैं यह कभी नहीं भूलूँगा कि डॉक्टरी एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें धनलाभ के साथ साथ जनसेवा का आनंद भी मिलता है। इसलिए एक आदर्श डॉक्टर की तरह मैं ग्रामीणों को स्वास्थ्य-लाभ कराना अपना पहला कर्तव्य मानूँगा।

सचमुच, डॉक्टर बनना मेरे लिए बड़े गौरव और आनंद की बात होगी।


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