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रूपरेखा : प्रस्तावना - मातृ दिवस कब मनाया जाता है - मातृ दिवस का इतिहास - मातृ दिवस क्यों मनाया जाता है - मातृ दिवस कैसे मनाया जाता है - मातृ दिवस का महत्व - मातृ दिवस का थीम - उपसंहार।
प्रस्तावना / मातृ दिवस / भारत में मातृ दिवस / मातृ दिवस का परिचय / मदर्स डेहर व्यक्ति के सफलता के पीछे सबसे पहले माँ की परवरिश होती है। इसीलिए एक माँ को सम्मान और आदर देने के लिये हर वर्ष एक वार्षिक दिवस के रुप में मातृ दिवस को मनाया जाता है। ये आधुनिक समय का उत्सव है जिसकी उत्पत्ति उत्तरी अमेरिका में माताओं को सम्मान देने के लिये हुई थी। बच्चों से माँ के रिश्तों में प्रगाढ़ता बढ़ाने के साथ ही मातृत्व को सलाम करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। पूरे विश्व के विभिन्न देशों में अलग-अलग तारीखों पर हर वर्ष मातृ दिवस को मनाया जाता है। भारत में, हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है।
हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को पुरे भारत में मातृ दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2021 में, मई महीने के दूसरे रविवार यानी 9 मई को मातृ दिवस मनाया जायेगा। इस दिवस के दिन हर साल एक थीम (विषय) रखी जाती है। मातृ दिवस 2020 की थीम "बिना सिमा वाली भाषाएं (Language Without Borders" है। हालाकिं मातृ दिवस 2021 की थीम अभी तक निर्णय नहीं हुए है।
देखा जाए तो मातृ दिवस का इतिहास सदियों पुराना एवं प्राचीन है। यूनान में बसंत ऋतु के आगमन पर रिहा हुए परमेश्वर की माँ को सम्मानित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता था। 16वीं सदी में इंग्लैंड का ईसाई समुदाय ईशु की माँ मदर मेरी को सम्मानित करने के लिए यह दिवस को त्योहार के रूप में मनाये जाने की शुरुवात हुई। ‘मदर्स डे’ मनाने का मूल कारण समस्त माओं को सम्मान देना और एक शिशु के उत्थान में उसकी महान भूमिका को सलाम करना है।
इस दिवस को आधिकारिक बनाने का निर्णय पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति वूडरो विलसन ने 08 मई, 1914 को लिया। 08 मई, 1914 में अन्ना की कठिन मेहनत के बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने और माँ के सम्मान में एक दिन के अवकाश की सार्वजनिक घोषणा की। वे समझ रहे थे कि सम्मान, श्रद्धा के साथ माताओं का सशक्तिकरण होना चाहिए, जिससे मातृत्व शक्ति के प्रभाव से युद्धों की विभीषिका रुके। तत्पश्चात हर वर्ष मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।
वर्तमान में, ये भारत के साथ-साथ कई देशों में मनाया जाता है जैसे यूके, चीन, यूएस, मेक्सिको, डेनमार्क, इटली, फिनलैण्ड, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया, कैनेडा, जापान, बेल्जियम आदि। अपनी माँ को सम्मानित करने के लिए कई सारे क्रिया-कलापों को आयोजित करने के द्वारा बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ लोग इस दिन को मनाते हैं। यह दिवस हर साल माताओं के प्रति अपने आदर और सम्मान को व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।
हर साल मई माह (महीने) के दूसरे रविवार के दिन मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस मनाने का कई कारण है। माँ को सम्मान और आदर देने के लिये हर वर्ष एक मातृदिवस मनाया जाता है। एक माँ की अपने परिवार के प्रति संघर्ष को सम्मान देने के लिए हर साल ये दिवस मनाया जाता है। माँ की ममता का कोई मोल नहीं है इस ममता को बच्चों द्वारा आदर एवं सम्मान देने के लिए तथा अपनी माँ को एक दिन की सभी कार्यों से मुक्त करने के लिए यह एक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मातृ दिवस हर व्यक्ति के लिए वर्ष का एक बहुत खास दिन होता है | भारत में इसे हर साल मई के दूसरे रविवार को देश के लगभग हर क्षेत्र में मनाया जाता है। पूरे भारत में आज इस उत्सव को मनाने का तरीका बदलते जा रहा है। ये अब समाज के लिये एक जागरुकता कार्यक्रम बन चुका है। सभी लोग अपने तरीके से इस उत्सव में भाग लेते हैं और इसे मनाते हैं। यह दिन माँ का दिन होता है। मातृ दिवस मनाने के कई तरीके हमें दुनिया भर में देखने मिलते है। इस दिन सभी लोग अपने माँ को हर कार्य से अवकाश लेने के लिए कहते है और पुरे दिन अपने माँ का सारा काम करते है और उनका ख्याल रखते हैं। वे कई तरह से इस विशेष अवसर का जश्न मनाते हैं। पूरे वर्ष में यही एकमात्र दिन होता है जिसे दुनिया की सभी माताओं को समर्पित किया जाता है।
ये वो दिन है जब हम अपनी माँ के प्यार, देखभाल, कड़ी मेहनत और प्रेरणादायक विचारों को महसूस करते हैं। हमारे जीवन में वो एक महान इंसान है जिसके बिना हम एक सरल जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। वो एक ऐसी व्यक्ति हैं जो हमारे जीवन को अपने प्यार और संगर्ष के साथ बहुत आसान बना देती है। यह दिन सभी बच्चें अपने माँ के साथ वक़्त बिताते है। परिवार के साथ खुशी मनाने और ढ़ेर सारी मस्ती करने के लिये बच्चों को इस दिन को और बेहतर से मनाने का पूरा मौका देने के लिये कुछ देशों में मातृ दिवस एक दिन अवकाश होता है। ये सभी माँओं के लिये एक बहुत ही सुंदर दिन है, इस दिन उन्हें घर के सभी कामों और जिम्मेदारियों से मुक्त रखा जाता है। बच्चें इस दिन माँ के लिये हाथ से ग्रीटींग कार्ड बनाते है और उपहार के रुप में दूसरी चीजें भेंट करते हैं। इस दिन कई बच्चे रेस्टोरेंट, मॉल, पार्क आदि जगहों पर अपने माता-पिता के साथ मस्ती कर इस दिन को हँसी खुशी बिताते है।
भारत एक महान संस्कृति और परंपराओं का देश है जहाँ लोग अपनी माँ को पहली प्राथमिकता देते हैं। इसलिये, हमारे लिये यहाँ मातृ दिवस का उत्सव बहुत मायने रखता है। ये वो दिन है जब हम अपनी माँ के प्यार, देखभाल, कड़ी मेहनत और प्रेरणादायक विचारों को महसूस करते हैं। हमारी माँ हमारे लिये प्रेरणादायक और पथप्रदर्शक शक्ति के रुप में है जो हमें हमेशा आगे बढ़ने में और किसी भी समस्या से उभरने में मदद देती है। यही इस दिन के महत्वता को दर्शाता है।
हर व्यक्ति के सफलता के पीछे सबसे पहले माँ की परवरिश होती है। इसीलिए एक माँ को सम्मान और आदर देने के लिये हर वर्ष एक वार्षिक दिवस के रुप में मातृ दिवस को मनाया जाता है। ये वो दिन है जब हम अपनी माँ के प्यार, देखभाल, कड़ी मेहनत और प्रेरणादायक विचारों को महसूस करते हैं। हमारे जीवन में वो एक महान इंसान है जिसके बिना हम एक सरल जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। वो एक ऐसी व्यक्ति हैं जो हमारे जीवन को अपने प्यार और संगर्ष के साथ बहुत आसान बना देती है। इसीलिए इसे हर वर्ष एक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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