आतंकवाद पर निबंध - Aatankwad Essay in Hindi - Aatankwad Par Nibandh - Essay on Aatankwad in Hindi Language

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रुपरेखा : प्रस्तावना - राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समस्या - आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य - भारत एक विकसित देश - भारत में आतंकवादी हमला - आतंकवाद एक बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा - आतंकवाद एक हिंसात्मक कुकृत्य - भारत में ढ़ेर सारी चुनौतियां - आतंकवाद का कोई नियम कानून नहीं - उपसंहार।

प्रस्तावना / आतंकवाद -

आतंकवाद हिंसा का एक ऐसा गैर कानूनी तरीका है जो लोगों को डराने के लिए आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किया जाता है। आज, आतंकवाद एक सामाजिक मुद्दा बन चुका है। आज इसका इस्तेमाल आम लोगों और सरकार को डराने-धमकाने के लिए हो रहा है। बहुत आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तथा अपनी बात मनवाने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठन, राजनीतिज्ञ और व्यापारिक उद्योगों के द्वारा आतंकवाद का इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों का समूह जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं उन्हें आतंकवादी कहते हैं। आतंकवाद को परिभाषित करना आसान नहीं है क्योंकि उन्होंने अपनी जड़ें बहुत गहराई तक जमायी हुई है। आतंकवादियों के पास कोई नियम और कानून नहीं होती है। यह लोग समाज और देश में आतंक के स्तर को बढ़ाने और उत्पन्न करने के लिए केवल हिंसात्मक गतिविधियों का सहारा लेते हैं।


राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समस्या -

भारत देश ही नहीं पूरे विश्व के लिए आतंकवाद एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समस्या बन चुका है। ये एक वैश्विक समस्या है जिसने लगभग सभी राष्ट्रों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित किया हुआ है। हालाँकि बहुत से देशों द्वारा आतंकवाद का सामना करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कुछ लोगों के द्वारा इसे आज भी समर्थन दिया जा रहा है। आम लोगों को किसी भी समय ख़ौफनाक तरीके से डराने का एक हिंसात्मक कुकृत्य है ये आतंकवाद। आतंकवादियों के बहुत सारे उद्देश्य होते हैं जैसे कि समाज में हिंसा के डर को फैलाना, राजनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति, कोई शहर को तबाह करना, आदि। इनके निशाने पर हर वक्‍त देश का आम नागरिक, नेता, बड़े हस्तियां होते है।


आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य -

अपनी देश की सरकार से अपनी माँगे को पूरा करवाना ही आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य होता है। लोगों और सरकार तक अपनी आवाज को पहुँचाने के लिए वो किसी को अगवाह कर लेना, ऑनलाइन सोशल मीडिया, समाचारपत्र या पत्रिकाओं से संपर्क करते हैं। कई बार आतंकवादी हमले अपने वैचारिक और धार्मिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी की जाती है।


भारत एक विकसित देश -

भारत एक विकसित देश है जिसने पूर्व और वर्तमान में बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया है, आतंकवाद उनमें से एक बड़ी राष्ट्रीय समस्या है। भारत ने भूखमरी से होने वाली मृत्यु, अशिक्षा, गरीबी, असमानता, जनसंख्या विस्फोट और आतंकवाद जैसी चुनौतियों का सामना किया है जिसने इसकी विकास और वृद्धि को बुरी तरह प्रभावित किया है। आतंकवादियों का कोई धर्म, जाति नहीं होता, देश को तबाह करना ही उनका लक्ष्य होता है। धर्म, मातृभूमि और दूसरे गैर-तार्किक भावनाओं के उद्देश्यों के लिए आम लोगों और सरकार से लड़ रहा आतंकवाद एक बड़ा खतरा है। आतंकवादी अपने आप को एक बहादुर सैनिक बताते हैं हालाँकि, वो वास्तविक में सैनिक नहीं अपराधी होते हैं। सच्चे सैनिक कभी-भी आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और वो केवल दुश्मनों से अपने देश को बचाने के लिए ही लड़ते हैं। वास्तव में असली सैनिक वो होते हैं जो राष्ट्रहित के लिए लड़ते हैं।


भारत में आतंकवादी हमला -

एक राष्ट्र सैनिक अपनी सभी जिम्मेदारियों को समझता है जबकि एक आतंकवादी कभी-भी ऐसा नहीं करता। आतंकवादियों को उनका नाम आतंक शब्द से मिला है। वह जहाँ जाते अपने आतंक से पुरे शहर को तबाह कर देश की विकास को रोक देते है। पूर्व में, आतंकवाद केवल कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित था जैसे जम्मू- कश्मीर हालाँकि; आज के दिनों में, ये लगभग सभी क्षेत्रों में फेल चुका है खासतौर से भारत के उत्तरपूर्वी इलाकों में। हाल ही में, भारत में आतंकवादी हमला मुंबई के नरीमन हाउस और ताज होटल में हुआ था। जिसमे कई लोगों ने अपनी जान गवाई थी। यहाँ तक की भारत की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया था।


आतंकवाद एक बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा -

आतंकवाद एक बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा है जो देश में आतंक मचाने के लिए मानव दिमाग का इस्तेमाल कर रहा है। लोगों को कमजोर बनाने के लिए उन्हें डरा रहा है जिससे वो राष्ट्र पर राज कर सकें। इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुलझाने की बहुत आवश्यक है। हमें इसे जड़ से खत्म करने के बारे में सोचना होगा तथा कड़ा कदम उठाना होगा। मानव मस्तिष्क से असाधारण आतंक को हटाने के साथ ही इसके साम्राज्य को पूरी तरह से ख़तम करने के लिए हमें एक मजबूत नीति बनानी चाहिये। आतंकवाद अपने सकारात्मक परिणामों को पाने के लिए हिसांत्मक तरीका अपनाता है जिससे राष्ट्र को बहुत नुकसान का सामना करना पड़ता है। आतंकवाद एक हिंसात्मक कुकृत्य है जिसको अंजाम देने वाले समूह को आतंकवादी कहते हैं। वो बहुत साधारण लोग होते हैं और दूसरों के द्वारा उनके साथ घटित हुये कुछ गलत घटनाओं या कुछ प्राकृतिक आपदाओं के कारण वो किसी तरह अपने दिमाग पर से अपना नियंत्रण खो देते हैं जो उनकी इच्छाओं को सामान्य या स्वीकृत तरीके से पूरा करने में अक्षम बना देता है। धीरे-धीरे वो समाज के कुछ बुरे लोगों के प्रभाव में आ जाते हैं जहाँ उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करने का वादा किया जाता है। वो सभी एक साथ मिलते हैं और एक आतंकवादी समूह बनाते हैं जो कि अपने ही राष्ट्र समाज और समुदाय से लड़ता है। आतंकवाद, देश के सभी युवाओं के विकास और वृद्धि को प्रभावित करता है। ये राष्ट्र को उचित विकास से कई वर्ष पीछे ढकेल देता है। आतंकवाद देश पर अंग्रेजों की तरह राज कर रहा है, जिससे हमें फिर से आजाद होने की जरुरत है। हालाँकि, ऐसा प्रतीत होता है कि आतंकवाद हमेशा अपने जड़ को गहराई से फैलाता रहेगा क्योंकि अपने अनैतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए राष्ट्र के कुछ अमीर तथा बड़े लोग अभी-भी इसको समर्थन दे रहें हैं।


भारत में ढ़ेर सारी चुनौतियां -

भारत ढ़ेर सारी चुनौतियों का सामना कर रहा है जैसे गरीबी, जनसंख्या वृद्धि, निरक्षरता, असमानता आदि। फिर भी आतंकवाद इन सबसे ज्यादा खतरनाक है जो पूरी मानव जाति को प्रभावित कर रहा है। ये बहुत ही डरावनी बीमारी है जो लोगों को मानसिक और बौद्धिक स्तर पर प्रभावित कर रही है। चाहे छोटा देश हो या बड़ा देश ये दोनों ही जगह चुनौती के रुप में तथा आतंक फैलाने के मकसत से तैयार बैठे है। अपने कुछ राजनीतिक, धार्मिक या व्यक्तिगत लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आतंकवादी अर्थात्‌ परेशान लोगों के समूह के द्वारा हिंसात्मक तरीकों का प्रयोग आतंकवाद है।


आतंकवाद का कोई नियम कानून नहीं -

आतंकवाद का कोई नियम कानून नहीं होता वो केवल अपनी माँगों को पूरा करने के लिए सरकार के ऊपर दबाव बनाने के साथ ही आतंक को हर जगह फैलाने के लिए निर्दोष लोगों के समूह या समाज पर हमला करते हैं। ये मानव जाति के लिए एक बड़ा खतरा है। वो कभी-भी अपने दोस्त, परिवार, बच्चे, महिला या बूढ़े लोगों के लिए समझौता नहीं करते हैं। वो केवल लोगों को हानि पहुंचना चाहते हैं। उनका काम लोगों पर गोलियाँ चलना, विमानों का अपहरण करना, और दूसरी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना हैं।


उपसंहार -

कम से कम समय में अपने मुख्य क्षेत्रों या देशों में आतंक फैलाने के लिए आतंकवादी लक्ष्य बनाते हैं। पूर्व में, ऐसा माना जाता है कि आतंकवादी गतिविधियाँ केवल जम्मू और कश्मीर तक ही सीमित थी लेकिन अब ये अपनी जड़ें देश के दूसरे क्षेत्रों में भी फैला रहा है। आज देश में अलग-अलग नामों के साथ कई सारे आतंकवादी समूह सक्रिय हैं। अपने कार्य के अनुसार राजनीतिक और आपराधिक आतंकवाद के दो मुख्य प्रकार हैं। कुछ खास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित लोगों का समूह है ये आतंकवाद। विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक से ज्यादा आतंकी समूह प्रशिक्षित किये जाते हैं। ये एक बीमारी की तरह है जो नियमित तौर पर फैल रही है और इससे जल्द से जल्द रोकने की जरुरत हैं।


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