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हमारे देश में कई लोग त्योहारों पर तो कई लोग ख़ुशी के लिए पतंग उड़ाते हैं। पतंग उड़ाने की कलां यह प्राचीन कलां से चली आ रही हैं। देश के हर बच्चे और जवान पतंगबाजी करते हैं। हमारे देश में ज्यादा पतंग बसंत ऋतू में उड़ाए जाता हैं। इस दिन बहुत सारी पतंग उड़ती है जिसके कारण आसमान पूरा पतंगों से भरा हुआ दिखता हैं। भारत के लोग स्वतंत्रता दिवस पर भी पतंग उड़ाते हैं। सबसे ज्यादा बच्चों के द्वारा पतंग उडाए जाते हैं।
पतंग यह एक पंख हैं। कच्चे धागे से आसमान में उड़ाया जाता हैं। पतंग को दो समान भाग होते हैं। यह दोनों भाग एक समान होते हैं। पतंग यह हवा में उड़ाया जाता हैं लेकिन जैसी हवा आती हैं उस तरह से पतंग आसमान को उड़ाया जाता हैं। पतंग आसमान में काफी दूर तक उडाता हैं।
पतंग उड़ाना बच्चों का प्रिय खेल है। पतंग पतले कागज से बनती है। पतंग का आकार प्रायः चौकोर होता है। आजकल भिन्न-भिन्न आकार की पतंगें भी बनने लगी हैं। पतंगें अलग-अलग रंगों की होती हैं। पतंग को माँझे से आकाश में उड़ाया जाता है। पतंग हवा के सहारे बहुत ऊपर तक जाती है। आकाश में उड़ती हुई पतंग बहुत अच्छी लगती है।
कई सारे लोग पतंगों को रक्षा बंधन, मकर संक्रांति के अवसर पर उड़ाते हैं। इस दिन पतंग उड़ाना शुभ माना जाता हैं। मकर संक्राति के त्यौहार पर पतंग उड़ाना यह एक सबसे पुराना रिवाज हैं। पतंग हर एक रंगों में देखने के लिए मिलते हैं। पतंग आज़ादी की ख़ुशी में उडाए जाते हैं। मकर सक्रांति के दिवस पतंग उड़ाना बहुत शुभ माना जाता हैं। इस उसका बहुत ज्यादा महत्व रहता हैं। हमारे देश में आंतर राष्ट्रीय पतंग महोत्सव मनाया जाता हैं।
मकर संक्रांति के दिन छोटे-बड़े सभी जी भरकर पतंग उड़ाते हैं। यह त्योहार हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। बच्चे जब आसमान में पतंग उड़ाते हैं, तब उनको बहुत ख़ुशी होती हैं।
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