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घोड़ा एक पालतू जानवर है। घोड़ा एक चौपाया जानवर है। इसके पैर पतले लेकिन काफी मजबूत हैं जो बिना किसी आराम के कई मील की दूरी तय करते हैं।
घोड़ा दुनिया के लगभग सभी देशों में पाया जाता है। यह सफेद, लाल, काले या भूरे रंग का होता है। उसका शरीर गठीला और मजबूत होता है। उसकी गरदन तथा पूँछ पर लंबे बाल होते हैं। घोड़े की बोली को 'हिनहिनाना' कहते हैं।
घोड़ा एक बहुत ही उपयोगी और वफादार घरेलू जानवर है। इसका उपयोग पुरुषों को ले जाने और सामानों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के लिए किया जाता है। उन दिनों में, जब परिवहन सुविधाएं सीमित थीं, घोड़ों का उपयोग लंबी यात्रा के लिए वाहनों के रूप में किया जाता था। घोड़ा एक बुद्धिमान जानवर है। इसे कई तरह से प्रशिक्षित किया जा सकता है। इसका उपयोग युद्ध, सर्कस, दौड़ में, गाड़ियां खींचने के लिए और यहां तक कि खेती के लिए खेत की जुताई में भी किया जाता है। घोड़े का जितना महत्व पुराने जमाने में था आज भी उतना ही महत्व है। वर्तमान में घोड़े को उपयोग में लेने के तरीकों में बदलाव आया है इसको अब घुड़सवारी खेल खेलने और सैलानियों को घुमाने के लिए काम में लिया जाता है।
घोड़ा शाकाहारी और पालतू जानवर है। घोड़े की चार पैर होते है। घोड़े की दो आंखें, दो कान और एक लंबी पूंछ होती है। घोड़े के पैरों के नीचे का भाग कठोर होता है जिसे हिंदी भाषा में ख़ुर्र भी कहते है। घोड़ा भूरा, काला, सफेद रंगों का होता है। यह भोजन में घास अनाज और मीठी वस्तुएं खाना पसंद करता है। यह तेजी से दौड़ने में सक्षम होता है। यह अपने जीवन का ज्यादातर समय खड़े रहकर ही बिताता है। ऑस्ट्रेलियाई घोड़े बहुत बड़े हैं, जबकि बर्मा में घोड़े आकार में छोटे हैं। अरबी घोड़े अपनी सुंदरता और आज्ञाकारिता के लिए प्रसिद्ध हैं। सबसे अच्छी घोड़े की नस्ल अरबी घोड़ा होता है। एक प्रकार का छोटा घोड़ा भी होता है जिसे 'पोनी' के नाम से जाना जाता है। घोड़ा घास, पुआल, ग्राम और पेड़ों की पत्तियों पर रहता है। एक घोड़ा लगभग 30 वर्ष तक जीवित रहता है।
आजकल घोड़े को सैलानियों (पर्यटकों) को घुमाने के लिए काम में लिया जाता है। घोड़े के पैरों में लोहे की नाल लगाई जाती है। वर्तमान में घोड़े की दौड़ प्रतियोगिता भी करवाई जाती है। आजकल लोग घोड़े को घुड़सवारी के लिए पालना पसंद करते है। गणतंत्र दिवस के दिन भारत में फौजियों द्वारा घोड़े पर बैठकर कहीं करतब दिखाए जाते हैं और परेड निकाली जाती है। घोड़े को प्रसिद्ध खेल पोलो को खेल खेलने के लिए भी उपयोग में लिया जाता है।
घोड़ा को घास, चना और गुड़ खाना पसंद है। घोड़ा सवारी के काम आता है। वह बहुत तेज दौड़ता है। उसे रथ, ताँगे या बग्घी में भी उपयोग किया जाता है। सरकस में घोड़ा तरह-तरह के करतब दिखाता है। पुराने जमाने में घोड़े लड़ाई में काम आते थे। घोड़े काटते भी हैं। हमारे देश भारत में घोड़े का उपयोग विवाह में दूल्हे को बिठाकर बारात निकाली जाती है। घोड़ा एक उपयोगी और वफादार प्राणी है।
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