15 अगस्त पर निबंध

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15 अगस्त 1947 को एक भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। तब से 15 अगस्त को हर साल बड़ी धूमधाम से 15 अगस्त के रूप में मनाया जाता है। यह दिन इसीलिए अपने आप में महान है क्योंकि लंबे संघर्ष के बाद हमें आजादी मिली।

15 अगस्त पूरे देश में हम सभी के लिए गर्व और खुशी का दिन है। देश की राजधानी दिल्ली में 15 अगस्त की रौनक देखते ही बनती है। सबेरे हजारों दिल्लीवासी लाल किले के मैदान में एकत्र होते हैं। हमारे प्रधानमंत्री लाल किले पर में राष्ट्रध्वज फहराते हैं और देशवासियों को 15 अगस्त की बधाई देते हैं। विविध प्रांतों की राजधानियों में वहाँ के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में 15 अगस्त मनाया जाता है। इस दिन हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया पहली बार लाल किले पर। तभी से इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।

15 अगस्त हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है। सुबह देशभर में जगह-जगह ध्वजवंदन के कार्यक्रम होते हैं। स्कूलों और कालेजों में तिरंगा फहराया जाता है। 'जन-गण-मन' की ध्वनि से वातावरण गूंज उठता है। गाँव-गाँव और शहर-शहर इस मुक्तिपर्व के रंग में रंग जाते हैं। सभी सरकारी विभाग इस दिन ध्वजवंदन समारोह का आयोजन करते हैं। प्रधान मंत्री सेना, नौसेना और वायु सेना के तीनों अंगों से सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर लेते हैं। प्रधानमंत्री अपने भाषण में संदेश देते हैं। यह दिन पूरे भारत में मनाया जाता है।

दिल्ली में इस दिन को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में, प्राचार्य द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। राज्य के राज्यपाल के संदेश को पढ़ने वाले जिला कलेक्टरों या राजनीतिक नेताओं द्वारा सभी जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया जाता है।

15 अगस्त के शुभ अवसर पर जहाँ-तहाँ गोष्ठियों, कवि-सम्मेलनों और प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। मैदानों में खेल-कूद की व्यवस्था की जाती है। जीतनेवालों को इनाम दिये जाते हैं। स्कूल और कॉलेजों में देश के महावीरों पर फिल्में दिखायी जाती हैं। जगह-जगह नेताओं के भाषण होते हैं। रेडियो एवं दूरदर्शन से नये-नये कार्यक्रम सुनने को मिलते हैं। इस प्रकार, सुबह से रात 10-11 बजे तक 15 अगस्त बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। उस दिन सभी लोग आपसी भेदभाव भुलाकर गले-गले मिलते हैं। क्या हिंदू, क्या मुसलमान, क्या सिख, क्या पारसी- सभी लोग उस दिन पूरे उत्साह से 15 अगस्त मनाते हैं। हमारी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता।

15 अगस्त स्मरण का दिन है। यह दिन हमें देश की आजादी के लिए अपनी जान गंवाने वाले देशभक्तों के बलिदान की याद दिलाता है। हमें भक्ति के साथ अपने देश की सेवा करने की शपथ लेनी चाहिए।


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