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रूपरेखा : परिचय - तंबाकू सेवन से होने वाले नुकसान - तंबाकू से होने वाली परेशानियाँ - नशे की आदत कैसे छूटेगी - विश्व तंबाकू निषेध दिवस कब मनाया जाता है - विश्व तंबाकू निषेध दिवस का उद्देश्य - विश्व तंबाकू निषेध दिवस का थीम - उपसंहार।
परिचय / तंबाकू सेवन के दुष्परिणाम -तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या भारत में बहुत ज्यादा है। एक रिसर्च के मुताबिक भारत में हर 10वां व्यक्ति किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करता है। तंबाकू के ज्यादा सेवन करने से फेफड़ों के कैंसर होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि तंबाकू में क्रोमियम, आर्सेनिक, बंजोपाइरींस, निकोटीन, नाइट्रोसामाइंस जैसे तत्व बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इससे रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती है साथ ही उच्च रक्तचाप की समस्या भी खड़ी हो जाती है।
तंबाकू का सेवन करने वालों की संख्या भारत में बहुत ज्यादा है। एक रिसर्च के मुताबिक भारत में हर 10वां व्यक्ति किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करता है। तंबाकू के ज्यादा सेवन करने से फेफड़ों के कैंसर होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि तंबाकू में क्रोमियम, आर्सेनिक, बंजोपाइरींस, निकोटीन, नाइट्रोसामाइंस जैसे तत्व बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। तंबाकू का सेवन करने के कारण होने वाले गंभीर रोगों के बारे में यहां बताया गया है।
नशे की आदत छुड़ाना अति आवश्यक कार्य होता है हर उस व्यक्ति का जो नशे करते हैं। अगर नीचे दिए गए उपाय का आप पालन करेंगे तो आप नशे की आदत या लत को आसानी से छोड़ सकते हैं-
हर साल 31 मई को "विश्व तंबाकू निषेध दिवस" अथवा "अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस" मनाया जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021, 31 मई सोमवार के दिन मनाया जायेगा। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2020 की थीम "युवाओं को उद्योग के हेरफेर से बचाना और उन्हें तंबाकू और निकोटीन के उपयोग से रोकना (Protecting youth from industry manipulation and preventing them from tobacco and nicotine use)" था। हालाँकि विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 का विषय (थीम) अभी तक निर्णय नहीं किया है।
अंतर्राष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस का उद्देश्य धूम्रपान उद्योग, स्वास्थ्य के लक्ष्यों को व्यावहारिक होने की दिशा में रुकावट, धूम्रपान उद्योग के मुक़ाबले में धार्मिक मान्यताएं, धूम्रपान को रोकना सबकी ज़िम्मेदारी, धूम्रपान के विस्तार के मुक़ाबले में विधि पालिका, न्याय पालिका और कार्यपालिका की ज़िम्मेदारी और अंततः धूम्रपान की अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को बंद किया जाये जैसे विषयों की समीक्षा की जानी चाहिए। इस मार्ग से धूम्रपान के सेवन में कमी और आम जनमत (जनता की राय) के स्वास्थ्य में वृद्धि की दिशा में महत्त्वपूर्ण क़दम उठाना ये दिवस का उद्देश्य है।
तंबाकू सेवन की अनगिनत हानियाँ हैं जबकि इसका कोई फायदा नहीं हैं। तंबाकू खाने के लिए भी सबसे पहले उसे खरीदना पड़ता है और उसकी खरीदीं में भी बड़ी रकम देनी पड़ती है जो कि व्यर्थ खर्च होता है। तंबाकू सेवन से होने वाली अनेक बीमारियां हो जाने पर ईलाज का खर्च उठाते-उठाते एक हसँता-खेलता परिवार तबाह हो जाता हैं। अस्थमा जैसे घातक बीमारी तंबाकू से होने वाले जन्य रोग हैं। तंबाकू से होने वाले घातक नुक़सान को देखते हुए साल 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य देशों ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके द्वारा 7 अप्रैल, 1988 से इस दिवस को मनाने का फ़ैसला किया गया। इसके बाद हर 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाने का फ़ैसला किया गया। तत्पश्चात हर साल 31 मई को तंबाकू सेवन को बंद करने के लिए लोगों के अंदर जागरूकता फ़ैलाने के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता आ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 31 मई का दिन निर्धारित करके धूम्रपान के सेवन से होने वाली हानियों और ख़तरों से विश्व जनमत (जनता की राय) को अवगत कराके इसके उत्पाद एवं सेवन को कम करने की दिशा में आधारभूत कार्रवाई करने की पहल किया है।
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